
कौन हैं ये 3 मॉरीशस कंपनिया जिन्होन अडानी समूह के शेयरों में 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है?
अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने वाली मॉरीशस की तीन विवादास्पद फर्मों के पीछे कौन हैं? अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन नाम की ये तीन कंपनियां मॉरीशस में एक ही पता साझा करती हैं। भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के रूप में जानी जाने वाली सभी तीन फर्मों का एक ही पता है: लेस कैस्केड बिल्डिंग, एडिथ कैवेल स्ट्रीट, पोर्ट लुइस, मॉरीशस। यह एक बार पैराडाइज पेपर्स के खुलासे में उजागर हुआ था।
बिजनेस पोर्टल – द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट द्वारा हाल ही में प्रकाशित 15-पृष्ठ की रिपोर्ट अडानी समूह की कंपनियों में एक ही पते पर स्थित मॉरीशस आधारित संस्थाओं या शेल कंपनियों के संदिग्ध पैटर्न को उजागर करती है। इन तीनों कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है[1]।
भारत सरकार और अडानी दोनों को एक ही पता – लेस कैस्केड बिल्डिंग, एडिथ कैवेल स्ट्रीट, पोर्ट लुइस, मॉरीशस, साझा करने वाली इन अल्पज्ञात मॉरीशस कंपनियों के मालिक कौन हैं, इस बारे में स्पष्टीकरण देना है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने सोमवार को बताया कि नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने मॉरीशस की तीन कंपनियों द्वारा खरीदे गए अडानी ग्रुप के शेयरों को ब्लॉक कर दिया है। रिपोर्ट की वजह से अडानी कंपनियों के शेयरों में 5 से 15 फीसदी तक की बड़ी गिरावट हुई[2]। बाद में, दोपहर में अडानी ग्रुप ने जवाब जारी कर कहा कि रिपोर्ट सही नहीं है।
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लेकिन यहां सवाल यह है कि अडानी समूह के शेयरों में 45,000 करोड़ रुपये के निवेश की क्षमता रखने वाली इन अज्ञात कंपनियों के मालिक कौन हैं? वो भी लॉकडाउन के दौरान? भारत सरकार और अडानी दोनों को एक ही पता – लेस कैस्केड बिल्डिंग, एडिथ कैवेल स्ट्रीट, पोर्ट लुइस, मॉरीशस, साझा करने वाली इन अल्पज्ञात मॉरीशस कंपनियों के मालिक कौन हैं, इस बारे में स्पष्टीकरण देना है।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी, जो हमेशा गौतम अडानी को कलाबाज कलाकार कहते हैं, ने ट्वीट किया:
I have seen evidence of the violations by the Trapese Artist Adani of the Prevention of Money Laundering Act, a matter for the Enforcement Directorate to prosecute. But PM Modi must get a background check of ED top officials before ED prosecution is launched to avoid sabotage
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 14, 2021
13 लाख की आबादी वाला मॉरीशस भारत में इतना निवेश क्यों करता है? तथ्य यह है कि मॉरीशस मार्ग का उपयोग करके काले धन को सफेद किया जाता है, जिसे पहली बार 2000 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा खोला गया था। फिर हमने उनके दो बेटों और उनकी पत्नियों को मॉरीशस की कई कंपनियों का हिस्सा बनते देखा। मॉरीशस एक कर आश्रय (टैक्स हेवन) है जहां सभी काले धन को रखा (डंप किया) जा सकता है और यही इस छोटे से द्वीप का मुख्य व्यवसाय है। सभी भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में हेरफेर और सत्ता में लोगों के ज्ञान के साथ संदिग्ध पार्टिसिपेटरी नोट्स की उत्पत्ति यहीं से होती है।
क्रेस्टा फंड 2007 में स्थापित की गयी थी, उसी वर्ष अडानी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड सार्वजनिक हुआ था। इस फंड के पास सार्वजनिक रूप से 10,124.8 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति वाले 14 शेयर हैं; इसमें से 9,861 करोड़ रुपये अडानी की तीन सूचीबद्ध कंपनियों से आता है। फंड की चौथी सबसे बड़ी होल्डिंग जिंदल सॉ लिमिटेड में है, जो महज 82.6 करोड़ रुपये की है।
अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड 2007 में स्थापित की गयी थी और इसके पास सार्वजनिक रूप से 11,998.8 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति के 20 स्टॉक हैं; इसमें से 11,450 करोड़ रुपये अडानी की चार कंपनियों के हैं। शेयरों की मात्रा के मामले में इसकी शीर्ष चार होल्डिंग्स अडानी कंपनियों में हैं। चौथी सबसे बड़ी होल्डिंग और पांचवीं सबसे बड़ी होल्डिंग के बीच धारित शेयरों में अंतर लगभग 1.3 करोड़ शेयरों का है।
एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (मॉरीशस) ने छह शेयरों में निवेश किया है, जिनकी कुल कीमत 5,571.9 करोड़ रुपये से अधिक है। इसकी शीर्ष दो होल्डिंग अडानी समूह की कंपनियां हैं। एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (मॉरीशस) के साथ अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, पैराडाइज पेपर्स के रूप में संदर्भित डेटा डंप का हिस्सा है, जिसे इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) द्वारा विश्लेषित और रिपोर्ट किया गया था।
तीन कंपनियों का मालिक कौन है?
अब लाख टके का सवाल यह है कि मॉरीशस की इन तीनों कंपनियों – अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन का मालिक कौन है, जिन्होंने गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था? भारत सरकार और सेबी को उन व्यक्तियों का पता होना चाहिए जिन्होंने मॉरीशस के रास्ते अडानी समूह की कंपनियों में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। नरेंद्र मोदी सरकार के तहत भारतीय शेयर बाजार में ये सभी कलाबाज कलाकारों के खेल क्यों चल रहे हैं?
संदर्भ:
[1] Why do these foreign funds love Adani Group companies? – Apr 26, 2021, The Morning Context
[2] Accounts of 3 FPIs owning Adani Group shares frozen – Jun 14, 2021, ET
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