ट्रेडर्स एसोसिएशन सीएआईटी ने, राष्ट्रीय हितों की अनदेखी कर व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देने वाले टाटा जैसे कॉर्पोरेट समूहों की धज्जियां उड़ाने के लिए मंत्री पीयूष गोयल की सराहना की

सीएआईटी ने वाणिज्य मंत्री की, कुछ बड़े व्यवसायों के 'मैं-मैं-और सिर्फ मैं' वाले रवैये पर प्रकाश डालने के लिए, सराहना की!

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सीएआईटी ने वाणिज्य मंत्री की, कुछ बड़े व्यवसायों के 'मैं-मैं-और सिर्फ मैं' वाले रवैये पर प्रकाश डालने के लिए, सराहना की!
सीएआईटी ने वाणिज्य मंत्री की, कुछ बड़े व्यवसायों के 'मैं-मैं-और सिर्फ मैं' वाले रवैये पर प्रकाश डालने के लिए, सराहना की!

सीएआईटी ने कॉरपोरेट घरानों की धज्जियां उड़ाने के लिए मंत्री पीयूष गोयल की सराहना की

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने शनिवार को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की, भारतीय व्यवसाइयों से स्वार्थ से ऊपर राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देने का आग्रह करने के लिए, सराहना की। सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत की आजादी के बाद पहली बार, एक निर्वाचित सरकारी प्रतिनिधि ने बड़े और छोटे व्यवसायों के समावेशी विकास के बारे में बात की है और यह भारत के विकास के लिए बहुत अच्छा है। सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय व्यवसायी घरानों ने भारत के विकास में योगदान दिया है, लेकिन 80 मिलियन (8 करोड़) छोटे और मध्यम व्यापारी हैं जिनके अस्तित्व और कल्याण को इन कॉरपोरेट घरानों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है, और इन्होंने भारत के खुदरा बाजार को लूटने के लिए और अपने स्वार्थ के लिए व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को तोड़-मरोड़ कर नष्ट करने के लिए बहुराष्ट्रीय दिग्गजों के साथ मिलीभगत की है।

वाणिज्य मंत्री ने शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बड़े कॉरपोरेट घरानों, विशेषकर टाटा समूह के असहयोग, पैरवी के हथकंडों की आलोचना की, जिसमें राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करते हुए उनके कई व्यावसायिक हितों का हवाला दिया गया। गोयल ने टाटा समूह की आलोचना करते हुए कहा – “मैं, खुद, मेरी कंपनी – हम सभी को इस दृष्टिकोण से आगे जाने की जरूरत है।”

सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि लगभग हर बड़े और समृद्ध राष्ट्र ने अपने स्वयं के व्यवसायों की रक्षा की है और ऐसी नीतियां बनाई हैं जो उनकी घरेलू कंपनियों के पक्ष में हैं।

द हिंदू अखबार ने पीयूष गोयल के भाषण के बारे में विस्तार से बताया। श्री गोयल ने “चंद्र” (टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन) को भी यही संदेश देते हुए कहा – “क्या आपके जैसी कंपनी, एक दो आपने शायद कोई विदेशी कंपनी ख़रीद ली … उसका महत्व ज़्यादा हो गया, देश हित कम हो गया?[1]

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भारत के सबसे बड़े व्यापारी संघ सीएआईटी के नेता प्रवीण खंडेलवाल और बीसी भरतिया ने आगे कहा कि अत्यधिक प्रतिष्ठित और सम्मानित इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति, जिन्हें युवा पीढ़ी के लिए आदर्श कहा जाता है, अपनी कंपनी कैटामारन वेंचर्स के माध्यम से अमेज़न की अवैध गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने राहत की सांस लेते हुए कहा कि हालांकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद ही आखिरकार मूर्ति समझ आई और उन्होंने अमेज़न के साथ संयुक्त उद्यम को बंद कर दिया है। सीएआईटी नेताओं ने आगे कहा कि वे अशोक पाटनी और अन्य लोगों द्वारा इसी तरह की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं, जिनके पास इक्विटी या कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध है जो अमेज़न या फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस कंपनियों को अंतिम उपभोक्ता मूल्य निर्धारण पर एवं भंडारण पर नियंत्रण की अनुमति देता है।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के भाषण का पूर्ण समर्थन करते हुए, सीएआईटी नेताओं ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि टाटा जैसे प्रतिष्ठित नाम ई-कॉमर्स के लिए बनाये गए उपभोक्ता संरक्षण नियमों के सरकार के मसौदे का विरोध कर रहे हैं, जो उपभोक्ताओं को ओछी ई-कॉमर्स वाणिज्य कंपनियों के साथ-साथ बड़ी भारतीय और बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस कंपनियों से बचाने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा – “ये कंपनियां अंतिम उपभोक्ता मूल्य निर्धारण में हेरफेर करती हैं और ललचाने वाला/ भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण करती हैं जो अल्पावधि में आकर्षक हो सकता है लेकिन अंततः उपभोक्ताओं के हित के खिलाफ होगा। 140 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए सरकार के साथ खड़े होने के बजाय, वे तुच्छ आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं। उनका समर्थन विदेशी वित्त पोषित कंपनियों को ईस्ट इंडिया कंपनी के नए अवतार के रूप में उभरने में सक्षम करेगा।”

सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि लगभग हर बड़े और समृद्ध राष्ट्र ने अपने स्वयं के व्यवसायों की रक्षा की है और ऐसी नीतियां बनाई हैं जो उनकी घरेलू कंपनियों के पक्ष में हैं। सीएआईटी नेताओं ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का समर्थन करते हुए एक बयान में कहा – “अगर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी उसी दिशा में सोच रही है तो भारत में हंगामा क्यों हो रहा है? समय आ गया है कि हम सभी यह सोचें कि भारत चीन की तरह अपनी ताकत क्यों नहीं बना सका जिसने अलीबाबा बनाया और अमेज़न को अपने देश से दूर बनाए रखा। अब समय आ गया है कि भारत को समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए और सभी सरकारी नीतियों को बड़े कॉर्पोरेट घरानों के साथ-साथ छोटे/ मध्यम व्यापारियों दोनों तक संतुलित करना चाहिए ताकि समान अवसर और सह अस्तित्व की गुंजाइश हो।“

संदर्भ:

[1] Industry’s practices are against national interest, says Piyush GoyalAug 13, 2021, The Hindu

2 COMMENTS

  1. […] अखिल भारतीय व्यापारी संघ (सीएआईटी) ने अमेज़न ग्लोबल सेलिंग के माध्यम से अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अमेज़न की मदद लेने के लिए अमेज़न के साथ गुजरात सरकार द्वारा एमओयू किये जाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की कड़ी आलोचना की है। गुजरात के व्यापारियों के अलावा, देश भर के व्यापारियों ने एक ज्ञात कानून अपराधी कंपनी से गुजरात सरकार के हाथ मिलाने पर ठगा हुआ महसूस किया है। सीएआईटी नेताओं ने कहा, सीएआईटी ऐसे एमओयू का विरोध करेगा और 9 सितंबर, 2021 को होने वाली राष्ट्रीय व्यापार नेताओं की बैठक में निर्णय लेगा। सम्मेलन में सभी राज्यों के व्यापार नेताओं द्वारा ई-कॉमर्स में लगीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विरोध में एक राष्ट्रीय अभियान के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए भाग लिया जाएगा। सीएआईटी जो अक्सर सत्तारूढ़ दल भाजपा का समर्थन करती है, भारत में व्यापारियों का सबसे बड़ा संगठन है। […]

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