उदारवादियों और वामपंथियों का सरासर पाखंड उजागर

सोशल मीडिया (एसएम) और वीडियो सक्षम स्मार्टफ़ोन की वजह से वाम-उदारवादी गिरोह का पाखंड उजागर हुआ

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सोशल मीडिया (एसएम) और वीडियो सक्षम स्मार्टफ़ोन की वजह से वाम-उदारवादी गिरोह का पाखंड उजागर हुआ
सोशल मीडिया (एसएम) और वीडियो सक्षम स्मार्टफ़ोन की वजह से वाम-उदारवादी गिरोह का पाखंड उजागर हुआ

उत्तर प्रदेश के सामूहिक प्रक्षालन (सेनिटाइजेशन) पर उत्तेजना पैदा करना तब खारिज हो जाता है जब पाया गया कि यही तरीका केरल में भी अपनाया गया है

स्व-घोषित उदारवादियों और वामपंथियों को अक्सर उनके कपट के लिए जाना जाता है। इस बार उत्तर प्रदेश में कोरोना के दौरान सामूहिक स्वच्छता (सेनिटाइजेशन) पर उनके चयनात्मक गुस्से के लिए, जबकि केरल में भी वही हो रहा है, मगर इस बात पर चुप्पी साध रखी है, वह भी उस निर्वाचन क्षेत्र में जहाँ से राहुल गांधी चुने गए थे! सोमवार सुबह से, कई वामपंथी, उदारवादी और कांग्रेस के लोगों ने उत्तर प्रदेश के बरेली में आये प्रवासी श्रमिकों पर सैनिटाइज़र के बड़े पैमाने पर छिड़काव पर क्रोध करना शुरू कर दिया। जैसा कि कहा जाता है, “आइडल ब्रेन …” भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी कई पत्रकार भी इस मामले में कूद पड़े और इस घटना को अमानवीय और बर्बर करार दिया। मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करना था, जिन्होंने विपक्षी दलों का पासा पलट दिया है।

कांग्रेस नेताओं, राहुल गांधी (रागा) और प्रियंका गांधी ने भी इस सामूहिक छिड़काव को पूरी तरह से बर्बर गतिविधि करार दिया। सीपीआई (एम) नेता ने प्रवासी श्रमिकों पर इस बड़े पैमाने पर छिड़काव को एक बड़ा जघन्य कृत्य करार दिया … जब तक कि केरल में भी वही सटीक घटना नहीं पाई गई, वह भी वायनाड में, जो कि रागा निर्वाचित निर्वाचन क्षेत्र है!

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

लेकिन ‘बिल्ली को ज़बान मिल गई’ स्थिति तब सामने आई जब उत्तर प्रदेश में गुस्सा करने वाले सभी लोग वामपंथी शासित केरल से इसी तरह के बड़े पैमाने पर छिड़काव के वीडियो सामने आने के तुरंत बाद मूक मुद्रा में चले गए। केरल का अग्निशमन बल उन सभी लोगों के लिए समान स्वच्छता का छिड़काव कर रहा था जो अन्य राज्यों से आये थे।

अब मीडिया हाउस और टीवी चैनल के चीखते एंकर मौन मुद्रा में हैं। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में हंगामा करने और रोने वालों के पास केरल में वाम-शासित गठबंधन द्वारा बड़े पैमाने पर छिड़काव करते हुए वीडियो के लिए कहने को एक भी शब्द नहीं है। यह चुनिंदा गुस्सा सरासर पाखंड है।

विपक्ष को अनचाही सलाह – सत्ता पक्ष पर सवाल उठाने का समय होता है और उनका समर्थन करने का भी समय होता है। अभी समर्थन का समय है (दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह भी आपको समझाना पड़ रहा है)।

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