कोरोना से लड़ाई प्राथमिकता या विज्ञापन?

केजरीवाल ने बहुत पहले भाँप लिया था कि दुनिया झूठ पर चलती है, बस जिनके हाथ में कलम और माइक है उन्हें ख़रीद लो।

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कोरोना से लड़ाई प्राथमिकता या विज्ञापन_
कोरोना से लड़ाई प्राथमिकता या विज्ञापन_

शेखर गुप्ता ने एक बार लिखा था (बात उस समय की है जब में उसे पत्रकार मानता था और इंडियन एक्सप्रेस को समाचार पत्र मानता था।) कि पंजाब में एक आतंकी हमला हुआ। अर्जुन सिंह गवर्नर था। अर्जुन सिंह ने तुरंत सम्बंधित फ़ाइल मंगाई और पत्रकारो को मिलने वाले सरकारी आवासों का प्ररूप व संख्या बढ़ा दिए। अगले दिन के अखबारो के मुखपृष्ठ से आतंकी हमले का समाचार ग़ायब था।

सारे राज्यों के मुख्यमंत्री कोरोना से लड़ रहे है, ग़रीबों में अनाज बाँट रहे है, अरविंद केजरीवाल विज्ञापन बाँट रहा है।केजरीवाल ने बहुत पहले भाँप लिया था कि दुनिया झूठ पर चलती है, बस जिनके हाथ में कलम और माइक है उन्हें ख़रीद लो। केजरीवाल इस गूर को छाती से लगाए हुए है और मस्त दो चुनाव जीत चुका है। वो तो, दिल्ली के बाहर देश अभी ग्रामीण है व अख़बार और टीवी अभी लोग इतना नही देखते है वरना ये धूर्त प्रधानमंत्री होता।

इसीलिए राघव चड्ढा ने झूठ ट्वीट किया, इन धूर्तों को ज्ञात है कि “सूत्र” लिखो कभी पकड़े नहीं जाएँगे, पकड़े गए तो विज्ञापनो पर पल रहे लोग सम्भाल लेंगे। झूठ पर इसने एक आंदोलन खड़ा किया, झूठ पर दो चुनाव जीत चुका है।

आप सोचते होंगे कि वोटर कैसे इतने मूर्ख है? दो प्रकार के वोटर है केजरीवाल के दिल्ली में:

  • एक तो वो जो इस दुनिया को ही झूठ मानते है और जन्नत की जुगाड़ में है,
  • दूसरे वो जो जानते है कि केजरीवाल केवल ग़रीबी बढ़ाएगा,

लेकिन ग़रीबी से ही जिनका धंधा चलता है। ग़रीबी ख़त्म, धंधा ख़त्म। उनका कभी किसी चुनाव में नाम नहीं आता तो में भी उनका नाम नहीं लिखूँगा, आप स्वयं पता करे।

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