उत्तरप्रदेश में दंगे भड़काने हेतु ओमान और कतर से 1.36 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए पकड़े गए पीएफआई कार्यकर्ताओं को लखनऊ न्यायालय ने तलब किया

यूपी के हाथरस में दंगे भड़काने के लिए पीएफआई द्वारा किये गए पैसों के लेनदेन के सुराग ईडी के हाथ लगे!

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यूपी के हाथरस में दंगे भड़काने के लिए पीएफआई द्वारा किये गए पैसों के लेनदेन के सुराग ईडी के हाथ लगे!
यूपी के हाथरस में दंगे भड़काने के लिए पीएफआई द्वारा किये गए पैसों के लेनदेन के सुराग ईडी के हाथ लगे!

ईडी की जांच से साबित होता है कि पैसा ओमान और कतर से आया था

लखनऊ न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने “कट्टरवादी” जिहादी समर्थक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) और उसके छात्र विंग कैम्पस फ्रंट ऑफ़ इंडिया (सीएफआई) के कार्यकर्ताओं को उत्तरप्रदेश में दंगे भड़काने हेतु ओमान और कतर से मनी लॉन्ड्रिंग (काले धन को वैध बनाना) के जरिये 1.36 करोड़ रुपये प्राप्त करने के मामले में समन भेजा है। तलब किए गए व्यक्तियों में केए केए रऊफ शरीफ, सिद्दीक कप्पन (पीएफआई के कार्यालय सचिव और मीडियाकर्मी), अतिकुर रहमान, मसूद और आलम हैं, जो उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं। ईडी की जांच के अनुसार, ओमान और कतर से 1.36 करोड़ रुपये केरल के रऊफ के खाते में आए और सिद्दीकी कप्पन ने अन्य आरोपी व्यक्तियों तक यह पैसा पहुँचाया। रऊफ और सिद्दीक केरल से हैं और दिल्ली में इन जिहादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे और रऊफ को ईडी ने तब पकड़ा, जब वह तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से ओमान भागने की कोशिश कर रहा था[1]

लखनऊ न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने पीएफआई की गतिविधियों को उजागर किया। पीएफआई की गतिविधियां ईडी के रडार पर 2018 से आईं। मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भेजे गए समन आदेश में कहा गया – “शिकायत मामले के अनुसार, पीएफआई राष्ट्रविरोधी और असामाजिक गतिविधियों जैसे हथियार रखने, अपहरण, हत्या, धमकी, घृणात्मक अभियान चलाना, दंगा भड़काना आदि में शामिल रहा है।” अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम और सिद्दीक कप्पन को यूपी पुलिस ने हाथरस के रास्ते में दबोचा था, जब वे दलित लड़की की हत्या होने के बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए जा रहे थे। आदेश में कहा गया है कि कार को आलम ने कुछ दिनों पहले नकद (कैश) 2.25 लाख रुपये में खरीदा था और यह पैसा रऊफ को मिला था। पूछताछ और सिद्दीक कप्पन के बैंक खातों की जांच के दौरान, यूपी पुलिस और ईडी ने रऊफ की भूमिका का पता लगाया था। न्यायालय ने 18 मार्च को पांचों आरोपियों को तलब किया है।

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

इस बीच केरल स्थित पत्रकार संघ – केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) – सिद्दीक कप्पन को एक पत्रकार का चोंगा उढ़ाकर बचाने की कोशिश कर रहा था और दावा कर रहा था कि वह दलित लड़की की हत्या के मद्देनज़र आंदोलन को कवर/ रिपोर्टिंग करने हाथरस गया था। सिद्दीक कप्पन केयूडब्ल्यूजे की दिल्ली इकाई का सचिव है और पीएफआई के बंद हो चुके अखबार ‘तेजस‘ में काम कर रहा था। वह शाहीन बाग में पीएफआई के दिल्ली कार्यालय का कार्यालय सचिव भी हैं। हालांकि अन्य आरोपियों ने जमानत के लिए आवेदन किया है, सिद्दीक कप्पन ने रहस्यमय ढंग से अभी तक जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है और खुद को एक पत्रकार के रूप में दर्शाकर और सीधे सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करके मामले से खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। शीर्ष न्यायालय ने कई बार केयूडब्ल्यूजे से स्थानीय न्यायालय या उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है। इस बीच, यूपी पुलिस ने केयूडब्ल्यूजे के झूठ को उजागर करते हुए और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए एक हलफनामा दायर किया है, जो केरल में जांच का सामना कर रहे हैं[2]

संदर्भ:

[1] ईडी ने पीएफआई के छात्रसंघ नेता को ओमान भागने की कोशिश करते एयरपोर्ट से पकड़ा। पूछताछ में शामिल होगी यूपी पुलिस। बैंक खातों में दो करोड़ से अधिक मिला।Dec 14, 2020, hindi.pgurus.com

[2] यूपी पुलिस ने केरल पत्रकार संघ (केयूडब्ल्यूजे) पर वित्तीय अनियमितताओं और जमीन हड़पने का आरोप लगायाDec 15, 2020, hindi.pgurus.com

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