खालिस्तानी समर्थक समूहों और उनके वित्तपोषण रास्तों की जाँच के लिए एनआईए कनाडा पहुँची
भारत की आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम अब भारत में सिख आतंक और खालिस्तानी आंदोलनों जैसे कट्टर संगठनों का पता लगाने के लिए कनाडा में है। वर्तमान में ओटावा में एनआईए टीम अपने कनाडाई समकक्षों के साथ सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे कई खालिस्तान समर्थक आंदोलनों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी ले रही है, ये संगठन भारत में अशांति पैदा करने के लिए भारी धन भेजते हैं। पता चला है कि एनआईए की टीम ने कनाडा की जांच एजेंसियों को इन खालिस्तानी समर्थक संगठनों के बारे में जानकारी दी है जो भारत में अशांति पैदा करने और कार्रवाई की मांग करने के लिए धन मुहैया करा रहे हैं।
रविवार को ‘द पायनियर’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद के संदेह में संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ बेहतर समन्वय जांच और अन्य आपराधिक मामलों पर चर्चा करने के लिए रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस या आरसीएमपी के निमंत्रण पर एनआईए टीम गुरुवार और शुक्रवार को ओटावा में थी।[1]
एनआईए ने इस साल की शुरुआत में औपचारिक रूप से कनाडा से एसएफजे को आतंकवादी संगठन घोषित करने का अनुरोध किया था। अपने मामले को मजबूत करने के लिए, एनआईए ने ओटावा में बातचीत के दौरान कनाडा के कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ डोजियर साझा किए। एनआईए टीम का दौरा ऐसे समय हुआ है जब संघीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी के पास भारत के इस दावे की पुष्टि करने के लिए सबूत हैं कि एसएफजे भारत में, विशेष रूप से पंजाब में, अपने अलगाववादी एजेंडे के रूप में हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। एसएफजे पाकिस्तानी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के इशारे पर पंजाब जनमत संग्रह की अगुवाई भी कर रहा है। एनआईए की टीम ने आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) जैसे कनाडाई समकक्षों को पाकिस्तान के आईएसआई के तरीकों से अवगत कराया, जो एसजेएफ को धन मुहैया करा रहा है और भारत में कट्टर संगठनों को पैसा भेज रहा है। एनआईए के अधिकारियों ने एसएफजे द्वारा संदिग्ध तरीकों से किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए किये गए पैसे के लेन-देन के दस्तावेज दिए और एसएफजे की गतिविधियों की जांच की मांग की।
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एसएफजे का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है और यह आईएसआई से सहायता प्राप्त है, अब विश्व स्तर पर अपना जाल फैला चुका है और कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों के बीच एक प्रभावशाली आवाज के रूप में उभरा है। एसएफजे को पिछले साल भारत में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। पब्लिक सेफ्टी कनाडा की वर्तमान में सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों में तालिबान, इस्लामिक स्टेट, अल कायदा और उसके सहयोगी बोको हरम, हक्कानी नेटवर्क, हिजबुल मुजाहिदीन, इंडियन मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित कई अन्य के अलावा दो खालिस्तानी संगठन भी शामिल हैं – बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन।
ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा – “पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में एनआईए की टीम ने भारत और कनाडा दोनों देशों में अभियुक्तों के सफल अभियोजन हेतु आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों के मामलों में चल रही कई जांचों पर साक्ष्य एकत्रित करने के लिए आरसीएमपी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।” एनआईए प्रतिनिधिमंडल ने “अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद विरोधी वैश्विक ब्यूरो कनाडा और अंतरराष्ट्रीय मामलों के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग कनाडा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अतिरिक्त बैठकें कीं, ताकि आतंकवाद का मुकाबला करने और वैश्विक आतंकवादी वित्तपोषण के निषेध पर भारत-कनाडा सहयोग को गहरा और विस्तारित किया जा सके।”
एनआईए और आरसीएमपी के अधिकारियों ने भारत और कनाडा में जरूरी आवश्यकताओं से संबंधित मुद्दों और दोनों एजेंसियों के बीच पुलिस जांच में क्षमता निर्माण के लिए संभावित सहयोग पर भी चर्चा की। एनआईए की टीम ने कनाडा से संचालित अन्य भारत विरोधी संगठनों के बारे में भी अवगत कराया और सख्त कार्रवाई की मांग की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अपने कनाडाई समकक्षों को पुलिस एजेंसियों के बीच चल रहे सहयोग को जारी रखने के लिए अपनी सुविधानुसार जल्द से जल्द भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह सहित दोनों देशों में चल रहे द्विपक्षीय तंत्र की एक श्रृंखला है। दोनों देशों ने 1994 में आपराधिक मामलों में पारस्परिक सहायता पर एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे और 1987 में प्रत्यर्पण संधि की थी। आपराधिक जांच शुरू करने के अलावा, एनआईए टीम ने कनाडा के समकक्षों से संयुक्त राष्ट्र की धन शोधन विरोधी संधि के अनुसार कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की।
संदर्भ:
[1] NIA team in Canada to get Khalistani outfits terror tag – Nov 07, 2021, The Pioneer
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