अंत में, टाट्रा घोटाले में शामिल वेक्ट्रा समूह को रक्षा मंत्रालय ने ब्लैकलिस्ट (प्रतिबंधित) कर दिया! अभी भी कई शेल फर्मों के माध्यम से काम कर रहा है

अंत में, रक्षा मंत्रालय ने वेक्ट्रा ग्रुप को ब्लैकलिस्ट (प्रतिबंधित) किया, जिसने टाट्रा ट्रक्स की बिक्री पर सरकार को अधि-चालान किया था

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अंत में, रक्षा मंत्रालय ने वेक्ट्रा ग्रुप को ब्लैकलिस्ट (प्रतिबंधित) किया, जिसने टाट्रा ट्रक्स की बिक्री पर सरकार को अधि-चालान किया था
अंत में, रक्षा मंत्रालय ने वेक्ट्रा ग्रुप को ब्लैकलिस्ट (प्रतिबंधित) किया, जिसने टाट्रा ट्रक्स की बिक्री पर सरकार को अधि-चालान किया था

आखिरकार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी (एफआईआर) के आठ साल बाद, रक्षा मंत्रालय ने सोमवार (24 अगस्त, 2020) को भारतीय सेना में विवादास्पद टाट्रा ट्रकों की खरीद में घोटाला करने वाले वेक्ट्रा समूह पर एक साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। इस वेक्ट्रा समूह और इसके विवादास्पद संचालक दिवंगत रविंदर ऋषि के खिलाफ दो एफआईआर हुई हैं। सबसे पहले, यह घोटाला तब सामने आया जब तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने टाट्रा ट्रकों की खरीद के लिए 14 करोड़ रुपये की रिश्वत के लेनदेन का खुलासा किया था। अब इस मामले में आरोप तय किए गए हैं और मुख्य आरोपी रिश्वत देने वाला लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह है। 2016 के मध्य में रवि ऋषि का निधन हो गया। उन्हें खरीद मामले के संबंध में एक अन्य सीबीआई प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत दे दी गई थी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा व्यावसायिक व्यवहार आदेश के एक वर्ष के निलंबन को मंजूरी दे दी गई है और किसी भी रक्षा मंत्रालय की इकाई को वेक्ट्रा एडवांस्ड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड से सौदे के लिए कम से कम एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। सीबीआई ने 2012 में टाट्रा सौदे में एक प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन 2014 में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की गयी, जिसमें कहा गया कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए कोई सबूत नहीं है। हालांकि, अदालत द्वारा क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया गया – विशेष न्यायाधीश ने पिछले साल नवंबर में सबूत की कमी के कारण जांच बंद करने की सीबीआई की याचिका पर सवाल उठाया था। विशेष न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमचला ने कहा था कि यह चौंकाने वाला है कि एजेंसी मामले को बंद करना चाहती थी, लेकिन सीबीआई 2006 से पहले सैन्य खरीद के लिए लागू रक्षा खरीद मैनुअल को प्रस्तुत नहीं कर पाई है, जब सशस्त्र बलों को ट्रकों की आपूर्ति से संबंधित कथित घोटाला हुआ था[1]

अब वेक्ट्रा समूह रवि ऋषि की बेटियों सुरूची ऋषि, स्वाति ऋषि, रति ऋषि, और बेटे हेमांग ऋषि, और पत्नी दीप्ति ऋषि के माध्यम से चल रहा है।

जनरल वीके सिंह ने ट्वीट किया:

टाट्रा घोटाला और वेक्ट्रा समूह की अंदर की कहानी

यह मामला एक विशिष्ट मामला है कि कैसे रक्षा दलाल हर सरकार में घुसपैठ किये हैं। पीगुरूज ने इस पर रिपोर्ट की एक श्रृंखला जारी की है। वेक्ट्रा समूह के मालिक, स्वर्गीय रवि ऋषि कई कांग्रेस नेताओं के साथ घनिष्ठ थे और 70 के दशक के अंत में देश के विभाजित होने के बाद चेकोस्लोवाकिया से टाट्रा ट्रकों की आपूर्ति करके मुनाफा कमा रहे थे। रवि ऋषि ने अपनी लंदन की कंपनी वेक्ट्रा समूह का इस्तेमाल किया और सत्ता में सभी की मिलीभगत से भारतीय सेना पर अधि-चालान करना शुरू कर दिया। रवि ऋषि के मित्र चिदंबरम से लेकर सोनिया गांधी तक थे। भाजपा नेता अरुण जेटली दिल्ली में उनके पड़ोसी थे। जब जेटली रक्षा मंत्री बने, तो 2014 में कुछ ही महीनों के भीतर, उन्होंने सीबीआई को इस मामले को बंद करने के लिए मजबूर किया, जिसे अभी तक अदालत ने स्वीकार नहीं किया है[2]

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

पीगुरूज ने वेक्ट्रा समूह और एक अन्य भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी के करीबी संबद्ध के बारे में विस्तार से बताया था, जो सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है[3]। वेक्ट्रा समूह को भारतीय नौसेना, सेना, हेलिकॉप्टर सौदे, ओएनजीसी और गृह मंत्रालय और कई राज्य सरकारों आदि के साथ उनकी कई सहायक कंपनियों के माध्यम से 2019 तक सभी अनुबंध प्राप्त हो रहे थे। लंदन स्थित स्वर्गीय रवि ऋषि बहुत अच्छे मेजबान थे और वे लंदन पहुँचने वाले भारतीय राजनेताओं, शीर्ष अधिकारियों, कई पत्रकारों के लिए दशकों तक विलासिता और तमाम सुखों की व्यवस्था करते थे। हमारे लंदन स्थित शोधकर्ताओं ने इस संबंध में बहुत सारे संचार और तस्वीरों का खुलासा किया है। अब वेक्ट्रा समूह रवि ऋषि की बेटियों सुरूची ऋषि, स्वाति ऋषि, रति ऋषि, और बेटे हेमांग ऋषि, और पत्नी दीप्ति ऋषि के माध्यम से चल रहा है। वे अभी भी फर्जी खोल (शेल) कंपनियों के माध्यम से रक्षा मंत्रालय और हेलीकॉप्टर सौदों से कई ऑफसेट अनुबंध प्राप्त करने में शामिल हैं।

नीचे वेक्ट्रा समूह संचालक आरोपी दिवंगत रवि ऋषि और भगोड़े संजय भंडारी से जुड़ी पांच शेल कंपनियों की सूची दी गई है।

  1. वेक्ट्रा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड
  2. एमआईएल वाहन और प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (पनडुब्बी बचाव वाहनों के लिए जेम्स फिशर रक्षा सेवाओं के साथ जेवी)।
  3. ग्लोबल वेक्ट्रा हेलिकॉर्प लिमिटेड (ओएनजीसी को हेलीकाप्टर सेवाएं प्रदान कर रही है)।
  4. इंटीग्रेटेड हेलीकॉप्टर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (रक्षा क्षेत्र में कामोव 226 और एमआई सीरीज हेलिकॉप्टर के लिए रूसी हेलीकॉप्टरों के साथ संयुक्त उद्यम)।
  5. जेएफडीएमआईएल टेक्नोलॉजीज प्राईवेट लिमिटेड (इस फर्म को हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइलों के प्लेटफ़ॉर्म संबंधित कार्यों की सेवा के लिए 300 करोड़ रुपये का काम मिला है। टाट्रा ट्रक्स को ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए एक मंच के रूप में उपयोग किया जाता है)।

संदर्भ:

[1] Tatra Truck Scandal: One-year ban on Vectra group companyAug 25, 2020 The Economic Times

[2] तुच्छ रक्षा सौदे – टाट्रा ट्रक घोटालेबाजों की लंदन मंडली भारतीय नौसेना की पनडुब्बी बचाव आपूर्ति के 1800 करोड़ का दोहन कर रही है!Aug 29, 2019, hindi.pgurus.com

[3] चिदंबरम ने खुफिया एजेंसियों (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की चेतावनी के बावजूद विवादास्पद हथियार डीलरों रवि ऋषि और संजय भंडारी की मदद कीOct 16, 2019, hindi.pgurus.com

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