ईडी की भ्रष्ट रियल्टी मालिकों पर कार्यवाही
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को रियल एस्टेट समूह आईआरईओ के उपाध्यक्ष और एमडी ललित गोयल और अन्य के खिलाफ करोड़ों के कथित रियल एस्टेट घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया। वर्तमान में जेल में बंद गोयल को संयुक्त राज्य अमेरिका जाते हुए दिल्ली हवाई अड्डे से 11 नवंबर, 2021 को ईडी द्वारा पकड़ा गया था, वह अभी दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस द्वारा 1000 से अधिक घर खरीदारों की शिकायतों की जांच का सामना कर रहा है। कई टैक्स हेवन (कर आश्रयों) में अवैध खाते रखने के लिए पेंडोरा पेपर्स में भी उसका नाम आया था।
हरियाणा के पंचकुला में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) को संभालने वाली एक विशेष अदालत ने आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया है। एजेंसी ने गोयल और अन्य पर एक रियल एस्टेट धोखाधड़ी का आरोप लगाया है कि “1,050 घर खरीदारों और आईआरईओ परियोजनाओं के निवेशकों जैसे आईआरईओ फाइवरिवर, द कॉरिडोर, आईआरईओ सिटी, हरियाणा में गुड़गांव हिल्स और पंजाब में आईआरईओ वाटरफ्रंट टाउनशिप, ने अग्रिम भुगतान किया था, लेकिन 4-5 साल हो जाने के बाद भी अभी तक उनके बुक किए गए फ्लैट / प्लॉट प्राप्त नहीं हुए हैं।“ ईडी ने कहा कि आईआरईओ समूह की रियल एस्टेट कंपनियां “धन के गबन और धोखाधड़ी” के कारण अपनी परियोजनाओं को पूरा नहीं कर सकीं।
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ईडी के बयान में कहा गया – “एफडीआई नीति और अन्य कानूनों का उल्लंघन करते हुए 1,225 करोड़ रुपये की ग्राहक प्राप्तियों को भारत के बाहर भेजना, खरीद, हस्तांतरण, और शेयरों, एफसीडी या पूरी तरह से परिवर्तनीय डिबेंचर आदि के बाय-बैक के रूप में लगाया गया है।“ समूह द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, मॉरीशस जैसे टैक्स हेवन में स्थित विभिन्न संस्थाओं से भारत में धन की रूटिंग, खाते की किताबों में काल्पनिक खर्चों की रिकॉर्डिंग, प्रगति पर परियोजना को बट्टे खाते में डालना, ब्याज मुक्त ऋण तथा सहयोगी कंपनियों को अग्रिम और फर्जी कंपनियों के माध्यम से धन की राउंड ट्रिपिंग और भारत के भीतर और बाहर संपत्ति का निर्माण शामिल है।“
आईआरईओ समूह ने 2004 में अचल संपत्ति और बुनियादी ढांचे के कारोबार में कदम रखा और बहुत तेजी से विकसित हुआ। ललित गोयल भाजपा नेता सुधांशु मित्तल के बहनोई हैं। समूह ने पिछले 15 वर्षों में अचल संपत्ति और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 30 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं। गोयल की भूमिका के बारे में बताते हुए, ईडी ने कहा, वह “एक सेटलर और विदेशी ट्रस्ट का नामित लाभार्थी और भारत के बाहर संपत्ति रखने वाली संस्थाओं का मालिक है और उन्हें नियंत्रित करता है”। एजेंसी ने कहा कि वैश्विक पेंडोरा पेपर्स लीक ने चार संस्थाओं का भी नाम लिया, जो गोयल के लाभकारी स्वामित्व में हैं और विदेशों में सुधांशु मित्तल (लगभग 575 करोड़ रुपये) से अधिक की संपत्ति रखती हैं।
गोयल के खिलाफ ईडी की आपराधिक जांच हरियाणा के पंचकुला और गुड़गांव, पंजाब के लुधियाना और दिल्ली में पुलिस थानों द्वारा दर्ज की गई 30 प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद दर्ज की गई थी।
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