गृह मंत्री अमित शाह के बेटे द्वारा क्रिकेट प्रशासन में अपने पिता की रुचि का अनुसरण करने के बाद, एक अन्य भाजपा नेता स्वर्गीय अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली भी विवादित दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष बनकर पिच पर उतरे। अरुण जेटली दो दशक से अधिक समय तक डीडीसीए के मामलों की अगुआई और उसे नियंत्रित करते रहे और ऐसा उन्होंने प्रतिष्ठित क्रिकेटरों जैसे कि बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आज़ाद को बाहर का रास्ता दिखाकर किया था, यह दोनों ही दिग्गज खिलाड़ी 1983 में भारत की पहली विश्व कप विजेता टीम के सदस्य थे। जेटली के साथ टकराव के चलते कीर्ति आज़ाद को भाजपा से बाहर होना पड़ा, जो कई बार लोकसभा सांसद रहे।
जेटली 14 साल से अधिक समय तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे और बेदी और आजाद द्वारा लगाए गए पैसे की भारी ठगी के भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने आधिकारिक पदों को छोड़ दिया। पद छोड़ने के बाद उनकी मृत्यु तक डीडीसीए के सभी पदाधिकारी उनके द्वारा चुने हुए लोग थे। लेकिन सितंबर 2019 के मध्य में उनकी मृत्यु के कुछ हफ्तों बाद, उनके भरोसेमंद व्यक्ति और मीडिया दबंग रजत शर्मा को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद, डीडीसीए की हर बैठक में जेटली के शागिर्दों को एक-दूसरे से झगड़ते देखा गया[1]।
मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। बाद में उनके भरोसेमंद व्यक्ति अमित शाह अध्यक्ष बने और अब उनके बेटे जय शाह 2019 से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव हैं।
अंततः डीडीसीए के सभी सदस्यों (सभी जेटली के आदमी) ने जेटली के बेटे रोहन को अध्यक्ष बनाकर समझौता करने का निर्णय कर लिया। शनिवार को उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया। रोहन जेटली पर डीडीसीए के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को साफ करने का भारी बोझ है। इस संबंध में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट डीडीसीए के पूरे भ्रष्टाचार का विवरण देती है। जुलाई 2016 में पीगुरूज ने न्यायमूर्ति मुद्गल की पूरी 28 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें स्टेडियम निर्माण से लेकर आईपीएल मैचों के खर्च में डीडीसीए में हुई सैकड़ों करोड़ की धनराशि ठगी को विस्तार से बताया था। यह याद रखना चाहिए कि भ्रष्टाचार के अधिकांश आरोप उस अवधि के दौरान के थे जब अरुण जेटली ने सीधे डीडीसीए के प्रशासन को संभाला था[2]।
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प्रसिद्ध एक्विस्ट (कार्यकर्ता) मधु किश्वर ने डीडीसीए में भ्रष्टाचारों की श्रृंखला पर बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आज़ाद के साथ साक्षात्कार की एक श्रृंखला आयोजित की थी। बेदी ने प्रत्येक बिंदु का विवरण दिया जो किसी के लिए भी अनुत्तरित थे। बेदी और आजाद ने इन पहलुओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी शिकायत की थी[3]।
मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। बाद में उनके भरोसेमंद व्यक्ति अमित शाह अध्यक्ष बने और अब उनके बेटे जय शाह 2019 से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव हैं। दो घटनाएं – भाजपा नेताओं के बेटे जय शाह और रोहन जेटली का क्रिकेट में उतरना दर्शाता है कि भाजपा नेता भी अन्य दलों की तरह वंशवाद को पोषित कर रहे हैं। जय और रोहन दोनों सीधे क्रिकेट प्रशासन में उतरे या किसी के द्वारा उतारा गया, जो हर साल अरबों डॉलर का कारोबार संभाल रहे हैं। यह भारी पैसा बनाने वाले विवादास्पद क्रिकेट प्रशासन में कुछ राजनेताओं के नियंत्रण को दर्शाता है।
संदर्भ:
[1] मीडिया दबंग रजत शर्मा ने डीडीसीए से इस्तीफा क्यों दिया – विपक्षी पक्ष ने वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया – Nov 18, 2019, hindi.pgurus.com
[2] Justice Mukul Mudgal’s report exposes the corruption and dirt in DDCA – July 13, 2016, PGurus.com
[3] Kirti Azad’s & Bishan Singh Bedi’s charges against Arun Jaitley – Dec 18, 2015, YouTube
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