करुणानिधि परिवार के करीबी एक और डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के सांसद इंडोनेशिया, सिंगापुर और दुबई में अवैध विदेशी निवेश के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर हैं। ईडी ने डीएमके के सांसद गौतम सिगमनी की 8.6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) के उल्लंघन के लिए जब्त किया है। डॉ गौतम (46) वरिष्ठ डीएमके नेता पोनमुडी के पुत्र हैं, जो डीएमके प्रमुख (सुप्रीमो) स्वर्गीय करुणानिधि के मंत्रिमंडल में तीन बार मंत्री रहे। पोनमुडी डीएमके के विधायक और विल्लुपुरम से पार्टी के जिला सचिव हैं। गौतम सिगमनी कल्लाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के बेहद करीबी हैं।
ईडी अब कई डीएमके नेताओं के इंडोनेशियाई निवेश पर गौर कर रहा है। डीएमके शासन के दौरान, इंडोनेशिया से विवादास्पद आयात होता था। कई जांचकर्ताओं का मानना है कि डीएमके नेता, पार्टी पर नियंत्रण रखने वाले परिवार की ओर से इंडोनेशिया और दुबई में कोयला आयातकों से भारी रिश्वत का लेनदेन कर रहे थे।
ईडी ने शुक्रवार को जारी किये एक बयान में कहा – “गौतम सिगमनी की तमिलनाडु में अन्य संपत्तियों के बीच कृषि भूमि, वाणिज्यिक और आवासीय भवनों के रूप में अचल संपत्ति और बैंक बैलेंस और शेयरों के रूप में चल संपत्तियाँ, लगभग 8.6 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेंसी द्वारा एफईएमए की धारा 37ए के प्रावधानों के तहत जब्त कर ली गयी है।”
60 के दशक के मध्य से करुणानिधि और सलाउद्दीन के बीच संबंध को सरकारिया आयोग की रिपोर्ट में अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है, रिपोर्ट में करुणानिधि के क्रियाकलापों को “वैज्ञानिक भ्रष्टाचार” कहा गया है।
आगे कहा गया – यह संलग्न संपत्ति “आज तक विदेशी मुद्रा की अवैध रूप से अधिग्रहीत विदेशी संपत्ति और गैर-प्रत्यावर्तन मूल्य के बराबर है, जो एफईएमए की धारा 4 का उल्लंघन है।” जांच एजेंसी ने कहा कि जैसे ही उसे यह जानकारी मिली कि सांसद ने एफईएमए की धारा 4 के प्रावधानों का उल्लंघन करके आरबीआई की मंजूरी के बिना अवैध रूप से विदेशी जमानत हासिल की है, एजेन्सी ने सांसद के खिलाफ कार्यवाही की।
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जांच में पाया गया कि मार्च 2008 में सांसद ने पीटी एक्सेल मेगिडो (जकार्ता) के 2.45 लाख शेयर खरीदने के लिए $1,00,000 (₹41,57,225) और यूनिवर्सल बिजनेस वेंचर (यूएई) में $55,000 (₹22,86,924) का विदेशी निवेश किया, वो भी आरबीआई की मंजूरी के बिना और इसलिए विदेशी सुरक्षा के अधिग्रहण के लिए एफईएमए की धारा 4 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है। लेन-देन की यह अवधि ठीक उसी समय की थी जब इंडोनेशिया से कोयला आयात हुआ था। प्रमुख आयातक कंपनी को करुणानिधि के भरोसेमंद व्यक्ति सैय्यद सलाउद्दीन द्वारा नियंत्रित किया गया था, सलाउद्दीन दुबई में ईटीए स्टार समूह का मालिक है। 60 के दशक के मध्य से करुणानिधि और सलाउद्दीन के बीच संबंध को सरकारिया आयोग की रिपोर्ट में अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है, रिपोर्ट में करुणानिधि के क्रियाकलापों को “वैज्ञानिक भ्रष्टाचार” कहा गया है।
ईडी ने कहा – “श्री गौतम सिगमनी, भारत के नागरिक होने के नाते, वह वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2012-13 तक यूनिवर्सल बिजनेस वेंचर्स (यूएई) से उनके द्वारा अर्जित 7,05,57,237 रुपये के मुनाफे को देश को चुकाने में विफल रहे और उन्होंने एफईएमए, 1999 की धारा 8 के साथ धारा 4 के उल्लंघन में आज तक विदेश में समान पकड़ बनाए रखी है।”
एजेन्सी ने कहा – “वह यूनिवर्सल बिजनेस वेंचर्स के बैंक खाते में पड़ी शेष राशि जो कि 6,04,783 दिरहम (2012 में ₹90,20,410) है, को भी देश को चुकाने में असफल रहे, और आज तक एफईएमए, 1999 की धारा 8 के साथ धारा 4 के उल्लंघन के साथ विदेश में समान पकड़ बनाये हुए हैं।”
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