यहाँ तक कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नाम से भी फर्जी आईडी बनाईं!
ट्विटर की वामपंथी समर्थक और जेहादी नीतियों के खिलाफ कई दक्षिणपंथी नेटिज़न्स (इंटरनेट पर सक्रिय लोग) की नाराजगी के साथ, एक भारतीय स्टार्ट-अप टूटर ने यह दावा करते हुए उन्हें घोर मूर्ख बनाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय कैबिनेट मंत्री उनके मंच का हिस्सा बने हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर प्रतिबंध लगाए जाने से कुछ ट्विटर यूजर्स में नाराजगी और तेलंगाना स्थित टूटर द्वारा वास्तव में भारतीय उपयोगकर्ताओं को बेवकूफ बनाने के एक अवसर के रूप में इसका इस्तेमाल किया गया, दावा किया कि मोदी, गृह मंत्री अमित शाह उनके मंच पर शामिल हुए हैं और यहां तक कि उन्होंने ब्लू टिक प्रदान किया है और टूटर पर मशहूर हस्तियों के ट्वीट की नकल करना शुरू कर दिया।
24 घंटे के बाद, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने स्पष्ट किया कि पीएम सहित अन्य कोई भी टूटर में शामिल नहीं हुआ है। बाद में ऑपइंडिया ने टूटर द्वारा की गयी इस मूर्खता पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की[1]।
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टूटर के पीछे कौन है?
टूटर का स्वामित्व एक नव निर्मित कंपनी के पास है, जिसका नाम टूटर इंडिया प्राईवेट लिमिटेड है। तेलंगाना की यह खम्मम-आधारित कंपनी हाल ही में 4 अगस्त, 2020 को बनाई गई थी। व्यवसायी जानकारी देने वाली वेबसाइटों में उनके बायो के अनुसार – “टूटर प्राइवेट लिमिटेड 04 अगस्त 2020 को निर्मित की गई एक निजी कंपनी है। इसे गैर-सरकारी कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, हैदराबाद में पंजीकृत है। इसकी अधिकृत शेयर पूंजी 1,500,000 रुपये है और इसकी प्रदत्त पूंजी (पेड-अप कैपिटल) 1,500,000 रुपये है। यह कंप्यूटर से जुड़ी अन्य गतिविधियों में शामिल है (उदाहरण के लिए अन्य कंपनियों की वेबसाइटों का रखरखाव/ अन्य कंपनियों के लिए मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों का निर्माण आदि)।”
इस कंपनी के दो निदेशक हैं, जिनका नाम नरेश वंकयालपति और रामेश्वर राव वंकयालपति है। व्यवसायिक रिकॉर्ड के अनुसार, टूटर इन दोनों का पहला उपक्रम है (संभवतः संबंधित)। कोई नंदा इस उद्यम के सीईओ हैं, जो हमेशा डिजिटल दुनिया में “स्वदेशी” आंदोलन के लिए बहस करते हैं।
My inspiration for starting Tooter. Let’s put an end to this digital colonization of India. Join me. Join Tooter!https://t.co/Kiv7J2xPFo
— Nanda (@nanda8tooter) August 17, 2020
लेकिन यहां सवाल है – कोई कंपनी बिना प्रधान मंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की मंजूरी के उनके नाम से कैसे खाते खोल सकती है? क्या सरकार इस प्रकार की मूर्खतापूर्ण गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी? सोशल मीडिया ज्यादातर बिकाऊ मूर्खों का एक अखाड़ा है और कई बदमाश धन संग्रह में लगे हुए हैं और कई बदमाशों को बाद में सोशल मीडिया के माध्यम से बेवकूफ बनाकर यौन शोषण के लिए आरोपित किया गया या गिरफ्तार किया गया है। सरकार के लिए सोशल मीडिया हेतु एक मजबूत नियामक लाने का समय है।
संदर्भ:
[1] Prime Minister Narendra Modi is not on Tooter: Here is what we know about Tooter so far – Jan 11, 2021, OpIndia
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