लाल किला और दिल्ली के अन्य हिस्सों में हुई तबाही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी लेनी होगी। जी हां, कमाल की जुगलबंदी। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला और दिल्ली के अन्य हिस्सों में हुई तबाही के लिए आप पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। कुछ भाजपा समर्थक पूछ सकते हैं कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कैसे जिम्मेदार हैं। वे जिम्मेदार इसलिए हैं – आपने ट्रैक्टर रैली को आगे बढ़ने की अनुमति दी और पुलिस को संयम रखने का आदेश दिया (कुछ लोग कहते हैं कि आपने कुछ नहीं कहा, जो समान रूप से बुरा है); इससे प्रदर्शनकारियों को ट्रैक्टरों के साथ सभी बैरिकेड्स को तोड़कर लाल किले तक पहुंचने और सिख धार्मिक झंडे फहराने की अनुमति मिल गई। रात 11 बजे तक दिल्ली पुलिस ने आखिरकार प्रदर्शनकारियों को लाल किले के इलाके से हटा दिया, लेकिन बदमाशों को वह मिल गया जो वे चाहते थे – ऐसे झंडे फहरा रहे थे मानो उन्होंने कुछ जीत लिया हो।
निष्क्रियता ने अशांति को उत्पन्न किया
पिछले साल शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के दौरान भी ऐसा ही हुआ था – आपने प्रदर्शनकारियों को 100 दिनों से अधिक समय तक सड़क को अवरुद्ध करने की अनुमति दी थी, जिसके कारण फरवरी 2020 में दिल्ली दंगे हुए, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों घायल हो गए थे और जनता की संपत्ति की गंभीर क्षति हुई थी। आपके सभी संयम, भारत के मानवाधिकारों के बारे में विभिन्न देशों के वामपंथियों को अपनी “चिंता” व्यक्त करने से नहीं रोक पाए। कुछ तो एक कदम आगे बढ़ गए हैं और नरसंहार का आरोप लगा रहे हैं। यह सब इसलिए क्योंकि आपके मुँह में दही जमा है और आपके हाथ भी बंधे हैं।
ऐसे में यहां सवाल यह है कि क्या अमित शाह दिल्ली पुलिस को दीप सिद्धू को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे? दिल्ली पुलिस एक बड़ी ताकत है और किसी भी मुद्दे को पेशेवर रूप से संभाल सकती है।
कानून व्यवस्था के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं
दिल्ली की कानून और व्यवस्था दिल्ली पुलिस के हाथ में है, जो सीधे प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद और शक्तिशाली गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। यह सर्वविदित है कि केवल मोदी ही शाह के ऊपर हैं और वे पिछले दो दशकों से ज्यादातर एक ही स्वर में बोलने के लिए जाने जाते हैं। मौन व्रत का पालन करते हुए आप दोनों मनमोहन सिंह से अलग नहीं हैं – आपने कैपिटल हिल पर 6 जनवरी की घटना के बारे में ट्वीट किया, लेकिन अपने घर में क्या हुआ, इस पर एक टिप्पणी तक नहीं की। एक नेता के पास अनियंत्रित भीड़ को चेतावनी देने और डांटने की हिम्मत और तर्कशीलता होनी चाहिए। आशा है कि आप दिल्ली पुलिस के सिपाहियों के 10 फीट गहरी खाई में गिरते हुए प्रदर्शनकारियों की मार से बचने की कोशिश करते सिपाहियों के वीडियो का आनंद ले रहे होंगे।
#WATCH | Delhi: Protestors attacked Police at Red Fort, earlier today. #FarmersProtest pic.twitter.com/LRut8z5KSC
— ANI (@ANI) January 26, 2021
लाल किले में प्रदर्शनकारियों के नेता एक छोटे अभिनेता दीप सिद्धू की तस्वीरें सामने आ रही हैं। प्रसिद्ध वकील और किसान समर्थक प्रदर्शनकारी प्रशांत भूषण ने मोदी और शाह के साथ दीप सिद्धू की पिछले साल की तस्वीरें अपलोड की हैं।
This is Deep Sidhu with Modi & Shah. He led the mob at Red Fort today & unfurled the Sikh religious flag there pic.twitter.com/dX9bQjAIim
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 26, 2021
ट्रिब्यून अखबार ने दीप सिद्धू और एक गैंगस्टर लाखा सिधाना की लाल किले में अराजकता और सिख धार्मिक झंडे फहराने की विस्तृत रिपोर्ट छापी है[1]।
इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।
भगवान के लिए, बदमाशों को गिरफ्तार करो
श्रीमान अमित शाह, क्या आप अपनी सुध में खोये हैं? क्या अब आप दिल्ली पुलिस को दीप सिद्धू को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे? दिल्ली पुलिस एक बड़ी ताकत है और किसी भी मुद्दे को पेशेवर रूप से संभाल सकती है – यदि आप अनुमति दें तो! सिर्फ आप ही का व्यवहार है जिसने दिल्ली पुलिस के हाथ बांध रखे हैं। शाम 5 बजे के बाद ही दिल्ली पुलिस को कड़ी कार्यवाही के आदेश दिए गए थे।
मुझे उम्मीद है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए स्थिति को बदतर करने का यह एक और दयनीय प्रयास नहीं होगा – लम्बे समय से पीड़ित दिल्ली के लोग आपको बताएंगे कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने आपकी निष्क्रियता के बारे में क्या सोचा था, चुनावों में आपकी पार्टी को जोरदार झटका देंगे।
संदर्भ:
[1] How extremist elements hijacked farmers’ rally and Deep Sidhu’s role in chaos – Jan 26, 2021, The Tribune
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