फास्ट ट्रैक ट्रायल कोर्ट ने सोमवार को आईएनएक्स मीडिया रिश्वत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पूर्व वित्त और गृह मंत्री पलान्यप्पन चिदंबरम और 13 अन्य लोगों, जिनपर विभिन्न अपराधों के आरोप हैं (जिनमें भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत भी मामले शामिल हैं), के खिलाफ दायर आरोप-पत्र का संज्ञान लिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने 24 अक्टूबर को चिदंबरम को प्रस्तुत करने का आदेश दिया था और 29 नवंबर को बेटे कार्ति चिदंबरम सहित अन्य आरोपियों को तलब किया था।
संक्षिप्त तर्क के दौरान, सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया को गैरकानूनी रूप से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने और उन्हें आयकर अभियोजन से बचाने के लिए चिदंबरम और वित्त मंत्रालय में अधिकारियों की भूमिका के बारे में बताया। अभियोजकों ने आईएनएक्स मीडिया से कार्ति की कम्पनियों को हुए पैसों के लेनदेन के बारे में भी बताया और कहा कि इस संबंध में जांच अभी जारी है और एक अनुपूरक आरोप-पत्र दायर किया जा सकता है।
आरोप-पत्र आईपीसी के धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (एक जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के रूप में इस्तेमाल किया जाना) और भ्रष्टाचार अधिनियम के विभिन्न धाराओं के सहित धारा 9 (लोक सेवक पर व्यक्तिगत प्रभाव डालने के लिए के लिए परितोषण लेना) के तहत दायर किया गया है।
संज्ञान लेने से पहले, विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने सीबीआई के सामने विभिन्न प्रश्नों को रखा, इसमें यह भी प्रश्न शामिल है ‘धोखाधड़ी किसके साथ हुई’! जांच एजेंसी की ओर से पेश अधिवक्ता पद्मिनी सिंह ने कहा, “धोखाधड़ी सरकार के साथ हुई, उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए अपेक्षित स्वीकृति मिल गयी है।”
अदालत ने रिपोर्ट का संज्ञान लिया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया, जो वर्तमान में एक संबंधित धन शोधन मामले में चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, उसे 24 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश करने के लिए, जब 74 वर्षीय चिदम्बरम की हिरासत का अंतिम दिन है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ, मंगलवार 22 अक्टूबर को सीबीआई के मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी। चूंकि पूर्व मंत्री अभी ईडी की हिरासत में हैं, इसलिए जेल से मुक्त होना संभव नहीं है, भले ही शीर्ष अदालत अनुकूल आदेश दे दे।
कार्ति और पीटर मुखर्जी, जो इस समय जमानत पर हैं, के अलावा और चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कररमन, जो इस समय अग्रिम जमानत पर हैं, अदालत ने विभिन्न पूर्व और वर्तमान लोक सेवकों सहित अन्य को भी समन भेजा है।
समन किए जाने वालों में आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव सिंधुश्री खुल्लर; एफआईपीबी इकाई (एमओएफ) के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी अजीत कुमार डुंगडुंग; एफआईपीबी इकाई के तत्कालीन अवर सचिव रबींद्र प्रसाद; डीईए के तत्कालीन ओएसडी प्रदीप कुमार बग्गा; एफआईपीबी यूनिट के निदेशक प्रबोध सक्सेना और डीईए में तत्कालीन संयुक्त सचिव (विदेश व्यापार) अनूप के पुजारी हैं।
अदालत ने आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (वर्तमान में 9एक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड); आईएनएक्स न्यूज़ प्राइवेट लिमिटेड (वर्तमान में डायरेक्ट न्यूज़); चैस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) को भी उनके प्रतिनिधियों के माध्यम से समन जारी किया।
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आरोप-पत्र आईपीसी के धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (एक जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के रूप में इस्तेमाल किया जाना) और भ्रष्टाचार अधिनियम के विभिन्न धाराओं के सहित धारा 9 (लोक सेवक पर व्यक्तिगत प्रभाव डालने के लिए के लिए परितोषण लेना) के तहत दायर किया गया है। इन अपराधों के लिए अधिकतम सजा सात साल जेल है।
चिदंबरम के खिलाफ यह तीसरा आरोप-पत्र है। इससे पहले उन्हें सीबीआई और ईडी द्वारा बेटे कार्ति के साथ एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में आरोप-पत्रित किया गया था। चिदंबरम को सीबीआई ने दो महीने पहले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
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