केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2765 विदेशी तब्लीगि जिन्होंने वीज़ा मानदंडों का उल्लंघन किया, उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जायेगा और तुरंत निर्वासित नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि 1906 विदेशी नागरिक अभी भी फरार हैं और उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (खोजबीन नोटिस) जारी किया गया है। शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, गृह मंत्रालय ने कहा कि 2,679 तब्लिगियों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, 2,765 को ब्लैकलिस्ट किया गया है, 205 एफआईआर दर्ज की गईं और 1905 फरार लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए गए। एमएचए ने कहा कि 35 से अधिक देशों के तब्लिगियों पर वीजा उल्लंघन मानदंडों के आरोपों के अलावा विदेशी नागरिक अधिनियम, एनडीएमए अधिनियम, महामारी रोग अधिनियम के गंभीर उल्लंघन के लिए मुकदमा चलाया जायेगा। ये तब्लीगी मार्च के आखिरी हफ्ते में कोविड-19 लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए पकड़े गए थे। उनमें से कई को अलग क्वारेंटीन (संगरोध) में रखा गया है।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की खंडपीठ के समक्ष महाधिवक्ता तुषार मेहता के माध्यम से दायर एमएचए के हलफनामे के अनुसार “क्वारेंटीन अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें निर्वासित नहीं करने का निर्णय लिया गया क्योंकि उचित दंडात्मक कार्रवाई की जानी है।” अदालत बड़ी संख्या में विदेशी तब्लीगी सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उन्होंने सरकारी आदेश को चुनौती दी है, आदेश में 35 देशों के 2,500 लोगों को ब्लैकलिस्ट किया गया और उन्हें उनके संबंधित देशों में वापस जाने की अनुमति नहीं दी गयी है।
47 विदेशी तब्लीगी जमात के विदेशी नागरिक नेपाल के नागरिक हैं, जिनके पास कोई वीज़ा नहीं है, एमएचए ने आगे कहा, 227 विदेशी तब्लीगी ने लुक आउट सर्कुलर/ ब्लैक लिस्ट जारी करने से पहले भारत छोड़ दिया।
वर्तमान में 205 प्राथमिकी (एफआईआर) 11 राज्यों में पंजीकृत की गई है। 2765 लोगों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, 1906 लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) फरार विदेशी तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ जारी किए गए हैं।
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तब्लीगी याचिकाकर्ताओं ने एमएचए और एमईए को ब्लैक लिस्टिंग को हटाने और उनके वीजा को बहाल करने और उनके देशों में लौटने की सुविधा के लिए दिशा-निर्देश की मांग की। 34 व्यक्तियों द्वारा 4 याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें एक थाई नागरिक भी शामिल है, जो सात महीने की गर्भवती है, ने 2 अप्रैल और 4 जून को केंद्र के आदेशों को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान, उच्चतम न्यायालय पीठ ने केंद्र को यह तय करने के लिए एक स्वतंत्र अधिकार दिया कि इन विदेशियों को इनके देशों में वापस भेजना है या नहीं। पीठ ने प्रथम दृष्टया महाधिवक्ता के विचार से सहमति व्यक्त की कि जिनके खिलाफ आपराधिक मामला है उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता क्योंकि उन्हें ट्रायल पर रखा जाना चाहिए।
गृह मंत्रालय ने 81 पन्नों के एक विस्तृत हलफनामे में कहा कि विदेशी तब्लीगी जमात सदस्यों के कुल 2765 मामलों में से 2679 के वीजा (9 ओसीआई कार्डधारी सहित) पहले ही रद्द किए जा चुके हैं। 47 विदेशी तब्लीगी जमात के विदेशी नागरिक नेपाल के नागरिक हैं, जिनके पास कोई वीज़ा नहीं है, एमएचए ने आगे कहा, 227 विदेशी तब्लीगी ने लुक आउट सर्कुलर/ ब्लैक लिस्ट जारी करने से पहले भारत छोड़ दिया।
पीगुरूज ने पहले तब्लीगी के प्रमुख मौलाना साद की पॉश जीवनशैली की रिपोर्ट की थी, जो अपने अनुयायियों को साधारण जीवन जीने के लिए उपदेश देता है[1]। वह अभी तक जांच में शामिल नहीं हुआ है और अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से पुलिस को जवाब दे रहा है। ब्लैक लिस्टेड तब्लीगी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन, श्रीलंका, किर्गिस्तान, वियतनाम, सऊदी अरब, अल्जीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, आइवरी कोस्ट, जिबूती, मिस्र, इथियोपिया, फिजी, गाम्बिया, ईरान, जॉर्डन, कजाकिस्तान, केन्या, मेडागास्कर, माली, फिलीपींस, कतर, सेनेगल, सिएरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, स्वीडन, तंजानिया, टोगो, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनीशिया और यूक्रेन से भी हैं। यह शायद पहली बार है कि सरकार ने एक झटके में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को ब्लैक लिस्ट किया और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत इतनी लंबी अवधि के लिए भारत में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।
संदर्भ:
[1] तब्लीगी के प्रमुख मौलाना साद, जो एक साधारण जीवन जीने की वकालत करता है अब विशाल फार्महाउस, स्विमिंग पूल और महंगे वाहनों से भरा आलीशान जीवन जीते हुए पकड़ा गया – Apr 5, 2020, hindi.pgurus.com
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