इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी में रैलियों पर रोक और चुनाव टालने की अपील की

न्यायालय ने कहा, प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी में रैलियों पर रोक और चुनाव टालने की अपील की
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी में रैलियों पर रोक और चुनाव टालने की अपील की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए दी चेतावनी!

कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि यूपी में रैलियों पर रोक लगनी चाहिए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा है कि केंद्र सरकार को यूपी विधानसभा चुनाव को भी कुछ समय टालने पर विचार करना चाहिए।

कोरोना महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ये टिप्पणी की। दरअसल, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ में जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इस दौरान न्यायालय में भीड़ को देखते हुए जज ने पीएम मोदी से ये अपील की।

न्यायमूर्ति शेखर कुमार जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत पर सुनवाई कर रहे थे। संजय के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट में मुकदमा दर्ज है। उसे बृहस्पतिवार को जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने कहा कि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी।

जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि दैनिक समाचार पत्र के अनुसार 24 घंटे में 6 हजार नए मामले मिले हैं। 318 लोगों की मौतें हुई हैं। यह समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महानिबंधक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से कहा है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पीएम मोदी और चुनाव आयुक्त प्रदेश में चुनावी रैलियों व सभाओं पर रोक के लिए कड़े कदम उठाएं। न्यायालय ने कहा राजनीतिक पार्टियों से कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। न्यायालय ने कहा, प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।

पीठ ने कोरोना टीकाकरण अभियान के लिए पीएम मोदी की तारीफ की। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, हमारे देश के प्रधानमंत्री जिन्होंने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में फ्री वैक्सीनेशन अभियान चलाया है, वह प्रशंसनीय है। न्यायालय इसकी प्रशंसा करता है। साथ ही न्यायालय यह भी अपील करता है कि स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाते हुए रैली, सभाएं और चुनाव को रोकने और टालने के बारे में विचार करें, क्यों कि जान है तो जहान है।

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