ईदगाह मैदान में ही होगा गणेश उत्सव, देर रात कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

अदालत ने साफ कर दिया गया है कि ईदगाह वाली जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं है। सरकार की तरफ से दलील दी गई कि संपत्ति विवादित है। इस दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया।

0
477
ईदगाह मैदान में ही होगा गणेश उत्सव, देर रात कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
ईदगाह मैदान में ही होगा गणेश उत्सव, देर रात कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

ईदगाह मैदान पर गणेश उत्सव को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला

कर्नाटक के हुबली के ईदगाह मैदान में ही गणेशोत्‍सव होगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने देर रात याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है। मंगलवार दोपहर इसी मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में हुबली धाड़वाड के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा ईदगाह मैदान में तीन दिन की गौरी गणेश की पूजा के लिए दी गई मंजूरी को सही माना था। कोर्ट ने इसके साथ ही अंजुमन ए इस्लाम द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि, बेंगलुरु के ईदगाह मैदान मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुबली की अंजुमन ए इस्लाम संस्था ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस अशोक एस किनागि के चैंबर में याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला दे दिया।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एक बड़ी बात कही। अदालत ने साफ कर दिया गया है कि ईदगाह वाली जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं है। सरकार की तरफ से दलील दी गई कि संपत्ति विवादित है। इस दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया।

इससे पहले आज, सुप्रीम कोर्ट ने 400 किमी से अधिक दूर चामराजपेट में ईदगाह भूमि के संबंध में यथास्थिति का आदेश देते हुए कहा था कि उच्च न्यायालय 2.5 एकड़ जमीन के स्वामित्व पर फैसला करेगा। वहीं, बेंगलुरू के ईदगाह मैदान में गणेशोत्‍सव समारोह नहीं होगा और न ही नमाज अदा होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। करीब दो घंटे की सुनवाई के बाद तीन जजों का यह फैसला आया।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने सुनवाई के दौरान कहा “भगवान गणेश से हमें कुछ माफ़ी दिलाइए।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दोनों पक्षों पर लागू होगा। इससे पहले ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव मनाने के मुद्दे पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई शुरू की।

वक्फ बोर्ड की ओर से बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि 200 साल से ये संपत्ति हमारे पास है और किसी दूसरे समुदाय ने यहां कभी कोई धार्मिक समारोह नहीं किया। सिब्बल ने कहा,”सुप्रीम कोर्ट हमारे हक में फैसला सुना चुका है और पहले कभी किसी ने इसे चुनौती नहीं दी और अब 2022 में कहा जा रहा है कि ये विवादित है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.