जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन के सूचकांक में भारत टॉप 10 में शामिल, भारत के अलावा जी-20 से कोई दूसरा नहीं
जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में भारत सरकार के प्रयासों का असर दिखने लगा है। जर्मन वॉच न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट एंड क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई- क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स 2023) में भारत ने दो पायदान की छलांग लगाई है। अब वह आठवें स्थान पर है। यह सूचकांक 59 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन के आधार पर जारी किया गया है।
सीसीपीआई रैंकिंग में शीर्ष 10 में भारत एकमात्र जी-20 देश है। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद अपनी जलवायु नीतियों से दुनिया का मार्गदर्शक बनेगा। वैश्विक स्तर पर शीर्ष 10 में स्थान पाना दर्शाता है कि भारत अब दुनिया के किसी भी देश की तुलना में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के कार्यक्रमों को तेजी से लागू कर रहा है। भारत ने जीएचजी उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च, जबकि क्लाइमेट नीति और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए मध्यम रेटिंग हासिल की है।
वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन के 92 फीसदी के लिए जिम्मेदार 59 देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन चार श्रेणियों में किया जाता है- जीएचजी उत्सर्जन (समग्र स्कोर का 40%), नवीनीकरण ऊर्जा (20%), ऊर्जा उपयोग (20%) और क्लाइमेट नीति (20%)।
सीसीपीआई 59 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए स्वतंत्र निगरानी तंत्र है। इस बार उसने किसी देश को पहली, दूसरी और तीसरी रैंक नहीं दी है। सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की रैंक सबसे अच्छी है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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