स्वदेशी हेलिकॉप्टर रुद्र की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात होगी; देश की सीमाएं होंगी और ज्यादा सुरक्षित!

ये भारत-पाक बॉर्डर और भारत-चीन बॉर्डर पर नजर रखेगा। ये सियाचिन की चोटी पर लैंड कर सकता है। इसमें फ्रंट में गन भी लगी है।

0
301
स्वदेशी हेलिकॉप्टर रुद्र की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात होगी; देश की सीमाएं होंगी और ज्यादा सुरक्षित!
स्वदेशी हेलिकॉप्टर रुद्र की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात होगी; देश की सीमाएं होंगी और ज्यादा सुरक्षित!

स्वदेशी हैलीकॉप्टर रुद्र अब वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा!

देश के सबसे बड़े और ताकतवर जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर स्वदेशी अटैकर हेलिकॉप्टर रुद्र की तैनाती होने वाली है। लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की जोधपुर में तैनात होने वाली यह देश की पहली स्क्वाड्रन होगी। यह एयरफोर्स वर्जन की पहली स्क्वाड्रन होगी। गत जून में सेना को इसकी स्क्वाड्रन मिल चुकी है।

आगामी 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे पर 10 हेलिकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से मिलने वाले हैं। इससे पश्चिमी सीमा की हवाई ताकत बढ़ेगी। पांच साल पहले स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात हुई थी।

इसकी खासियत यह है कि ये भारत-पाक बॉर्डर और भारत-चीन बॉर्डर पर नजर रखेगा। ये सियाचिन की चोटी पर लैंड कर सकता है। इसमें फ्रंट में गन भी लगी है।

1 जून को भारतीय सेना ने बेंगलुरु में लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर का पहला स्क्वॉड्रन बनाया। बताया जा रहा है कि अगले साल इसे और बढ़ाया जाएगा, ताकि एलएसी पर चीन की गतिविधि पर नजर रख सके और उनकी हरकतों पर विराम लगा सके। सेना के मुताबिक वो अभी 95 रुद्र और खरीदेगी। इनकी सात यूनिट्स बनाई जाएंगी। जिनमें से सात पहाड़ी इलाकों पर तैनात की जाएंगी।

रुद्र की रफ्तार अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा है और रेंज 550 किलोमीटर है। यह हेलीकॉप्टर लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है। अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें 20 एमएम की गन होती है, जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमला कर सकती है। इसके अलावा इसमें चार हार्डप्वाइंट्स होते हैं, जिनमें रॉकेट्स, मिसाइल और बम एक साथ लगाए जा सकते हैं।

लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ध्रुव हेलीकॉप्टर का विकसित रूप है। पहली बार कारगिल युद्ध के दौरान इसकी कमी महसूस हुई थी। हालांकि, तब इसके विकसित रूप पर काम चल रहा था। सियाचिन हो, रेगिस्तान हो, जंगल हो, या फिर 13-15 हजार फीट ऊंचे हिमालय के पहाड़ हों, इस हेलीकॉप्टर ने ट्रायल्स के दौरान भारत के हर तरह के इलाकों में उड़ान भरने की क्षमता को प्रदर्शित किया था।

इस हेलिकॉप्टर में लगे अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से दुश्मन न तो छिप सकता है, न ही इस पर हमला कर सकता है, क्योंकि ये सिस्टम इस हेलिकॉप्टर को मिसाइल का टारगेट बनते ही सूचना दे देते हैं। इसके अलावा राडार एंड लेजर वॉर्निंग सिस्टम लगा है। साथ ही शाफ और फ्लेयर डिस्पेंसर भी हैं, ताकि दुश्मन के मिसाइल और रॉकेटों को हवा में ध्वस्त किया जा सके।

भारतीय वायुसेना के लिए पूरी तरह से तैयार करने से पहले इन स्वदेशी हेलीकॉप्टर्स का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक हो चुका है। इस दौरान रुद्र में पर्याप्त मात्रा में फ्यूल से लेकर उसके हथियार भी लगे हुए थे। यहां तक कि औपचारिक तौर से वायुसेना में शामिल होने से पहले ही दो रुद्र हेलीकाप्टर पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हो चुके हैं।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.