एनआईए की भारत व्यापी कार्यवाही लगातार जारी
देशभर के 5 राज्यों में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी दिल्ली, पटना, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और पंजाब के 40 ठिकानों पर की गई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टर्स और ड्रग स्मगलर के उभरते नेक्सेस को खत्म करने के लिए यह रेड डाली गई है।
पटना के फुलवारी शरीफ में गजवा-ए-हिन्द से जुड़े मरगुब अहमद उर्फ दानिश के घर एनआईए ने रेड मारी। उसके घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। दानिश की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। वह गजवा-ए-हिंद वॉट्सऐप ग्रुप का एडमिन है।
हरियाणा के झज्जर में गैंगस्टर नरेश सेठी के ठिकाने पर एनआईए छापेमारी की। मंगलवार सुबह 4 बजे जांच एजेंसी पुलिस के साथ नरेश सेठी के घर पहुंची। सेठी की अवैध संपत्ति और बैंक डिटेल को खंगाला गया। उनके घरवालों से भी पूछताछ की गई। गैंगस्टर सेठी हत्या, फिरौती समेत अन्य कई संगीन मामलों में शामिल रहा है। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है।
झज्जर के डीएसपी रविंदर कुमार कुंडू ने बताया कि यहां पर करीब 4 घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया गया है जिसके बाद एनआईए ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर अपने साथ लेकर गई है। रिपोर्ट वे अपने विभाग को देंगे।
एनआईए की टीम हरियाणा के सोनीपत और झज्जर में मंगलवार सुबह गैंगस्टर राजू बसौदी और पलड़ा में अक्षय पलड़ा के घर पहुंची। गैंगस्टर्स के आतंकियों के साथ कनेक्शन के मामले में छापेमारी की गई। पंजाब के बठिंडा के गांव जग्गा जंडियां के घर में एनआईए ने छापेमारी की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब में लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना समेत कई गैंग से जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी ये कार्रवाई की गई है।
सितंबर में एनआईए ने 15 राज्यों में पीएफआई के 93 ठिकानों पर छापेमारी की। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में पीएफआई से जुड़े 106 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है। ये पीएफआई नेता, कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे, हथियार चलाने के ट्रेनिंग देने वाले लोग हैं। ये लोगों को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का काम करते थे। छापेमारी के दौरान एनआईए और ईडी के 500 अफसर सर्च ऑपरेशन में शामिल थे।
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक ऐसा संगठन जिस पर बीते सालों में आतंक की कई घटनाओं में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। दिल्ली के शाहीन बाग से लेकर एमपी में खरगोन दंगों और उदयपुर में टेलर का सिर कलम करने तक में इस संगठन का नाम आया है। हद तो तब हो गई जब जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा में गड़बड़ी फैलाने की सूचना पर बिहार शरीफ के कुछ ठिकानों पर दबिश हुई।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई भारत में आरएसएस और भाजपा नेताओं पर लोन वुल्फ अटैक की प्लानिंग कर रहा था। लोन वुल्फ अटैक यानी ऐसा हमला जिसमें एक ही शख्स शामिल हो। इस तरह के हमले का मकसद ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना होता है। महाराष्ट्र एटीएस के सूत्रों ने बताया कि नेताओं के अलावा पीएफआई के निशाने पर नागपुर का संघ मुख्यालय भी है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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