
370, राम मंदिर, सीएबी; आप सोचते थे कि आपके जीवन काल में ये सम्भव होगा? और अब ऐसे हो गया कि लगेगा कि समस्या तो कभी कोई थी ही नहीं, इतनी देर क्यूँ हुई?
जी, भाईजान की यही मुख्य सक्षमता है। वो आपको कन्विन्स कर लेता है कि आप उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ नहीं कर सकते, करेंगे तो भाईजान को ग़ुस्सा आ जाएगा और कोई काफ़िर जान से जाएगा। और सारे काफ़िर डरकर कोने में हो जाते है। और रोज़मर्रा के झगड़े ही नहीं, बहुत बड़े युद्ध भी भाईजान अधिकतर बिना लड़े ही जीतते है।
पश्चिमी सभ्यता जैसी ताक़त को भी भाईजान ने कन्विन्स कर लिया है कि भाईजान ग़ुस्सा है, और इसलिए वे तबतक उन्हें मारते रहेंगे, जब तक भाईजान को ख़ुश न रखा जाय। इसलिए उन्हें अपने यहाँ बुलाओ, वेल्फ़ेर पर पालो, पाइलट की ट्रेनिंग भी दो। दूर भाईजान आपस में लड़े तो भी शरण उन्हें पश्चिमी देशों में दो।
इसीलिए वोट बैंक मैनेजर इनसे इतना डरते है: भाईजान नाराज़ न हो जाय, वोट नहीं देगा। इसीलिए शुक्रवार की नमाज़ नहीं, दुर्गा विसर्जन रोक दो। हिंदू तो मुफ़्त के चावल से भी मान जाएगा, भाईजान नाराज़ हो गया तो नहीं मानेगा, वोट नहीं देगा।
इस इलूज़न से, इस तिल्सिम से बाहर आ जाओ काफ़िरों। आपका डर आपकी कल्पना मात्र है। कलयुग है, कोई बल याद दिलाने नहीं आएगा। स्वयं ही इस माइंड गेम से बाहर आना पड़ेगा आपको।
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