
क्या आउटलुक और एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) धोखाधड़ी में लिप्त हैं?
पिछले तीन दिनों से, कांग्रेस नेता नाराज हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ उनकी, कांग्रेस अध्यक्ष पद से स्तीफा दे चुके राहुल गांधी पर कोकीन का सेवन करने का आरोप वाली एक साल पुरानी टिप्पणी के लिए शिकायत दर्ज कर रहे हैं। आउटलुक मैगज़ीन की वेबसाइट द्वारा 5 जुलाई को वीडियो एजेंसी एएनआई के खबर के आधार पर एक लेख के पुन: प्रकाशन पर कांग्रेस नेताओं ने शिकायत दाखिल करना शुरू किया। लेकिन इस मामले का तथ्य यह था कि स्वामी ने यह टिप्पणी 5 जुलाई, 2018 को की थी, और यह दिलचस्प है कि आउटलुक ने इस एक वर्षीय टिप्पणी को क्यों प्रकाशित किया। क्या आउटलुक और एएनआई द्वारा शरारत जानबूझकर की गई थी या यह एक भूल से हुई गलती थी?
चालाकी की कमी या अज्ञानता / मूर्खता?
कांग्रेस शासित राज्यों (छत्तीसगढ़, राजस्थान) में कांग्रेस नेताओं ने 7 जुलाई को शिकायतें दर्ज करना शुरू कर दिया और दिल्ली में कुछ इकाइयों ने स्वामी के घर पर भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ लोग विभिन्न थानों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दाखिल कर रहे थे, जिसमें दावा किया गया था कि राहुल पर कोकीन का उपयोग करने की स्वामी की टिप्पणियों ने उन्हें आहत किया और वैमनस्य को भड़काया, आदि। कुछ ने स्थानीय अदालतों में निजी शिकायतें दर्ज कीं। केवल राहुल गांधी मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं, जो अपने जीवनकाल में वे कभी करने की हिम्मत करेंगे नहीं।
श्रीमती बादल का समर्थन करते हुए, सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि राहुल गांधी कभी भी डोप टेस्ट पास नहीं करेंगे क्योंकि वह एक कोकीन उपयोगकर्ता हैं।
दायर मामलों पर समाचार रिपोर्टों को देखते हुए, स्वामी ने अपने अंदाज में जवाब दिया कि राहुल गांधी को यह साबित करने के लिए नशा परीक्षण (डोप टेस्ट) से गुजरना चाहिए कि वह कोकीन के उपयोगकर्ता नहीं हैं। दरअसल, यह विवाद 5 जुलाई, 2018 को राहुल गांधी ने खड़ा किया था, यह कहकर कि पंजाब में 70 प्रतिशत लोग डोप टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे क्योंकि वे शराब और नशीले पदार्थों के प्रभाव में हैं। राहुल गांधी डोप टेस्ट कराने के कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे थे। राहुल गांधी, पिछले कई वर्षों से यह आरोप लगा रहे हैं कि पंजाब शराब और नशीले पदार्थों के प्रभाव में है। इसके तुरंत बाद, अकाली दल के नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि जो लोग डोप टेस्ट की मांग करते हैं, उन्हें पहले खुद को इससे गुजरना चाहिए।
श्रीमती बादल का समर्थन करते हुए, सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि राहुल गांधी कभी भी डोप टेस्ट पास नहीं करेंगे क्योंकि वह एक कोकीन उपयोगकर्ता हैं। स्वामी ने मीडिया से यूएसए में बोस्टन हवाई अड्डे पर एफबीआई द्वारा 2001 में राहुल गांधी को हिरासत में लिए जाने के बारे में भी बात की [1]।
लेकिन सवाल यह है कि आउटलुक ने एक साल पुराने बयान को फिर से नया क्यों करार दिया। रंगे-हाथ पकड़े जाने के बाद, आउटलुक ने 9 जुलाई को एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें सारी जिम्मेदारी एएनआई पर मढ़ दी। “उपरोक्त कहानी वास्तव में एक वर्ष पुरानी है। श्री स्वामी ने यह 5 जुलाई, 2018 को एएनआई से कहा था। कहानी 5 जुलाई, 2019 को एएनआई समाचार फीड पर फिर से आई और आउटलुक डेस्क ने इसे बिना जांच के ले लिया। त्रुटि पर पछतावा है,” – विवादास्पद पुनः प्रकाशित रिपोर्ट के नीचे एक स्पष्टीकरण में आउटलुक पत्रिका ने कहा [2]।
आउटलुक को 9 जुलाई को स्वामी के ट्वीट्स के बाद स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा, ट्वीट में कहा गया था कि कांग्रेस उनके पुराने बयान पर क्यों बवाल मचा रही है और कांग्रेसियों को “ट्यूबलाइट” कहा।
Congi is agitated—for what? For one year since July 5, 2018 no reaction. Then like tube lights they light up and get police to register FIR in some places. For one year they were not incited? Outlook mislead them? Now Outlook says in effect: it got the date wrong” ! Hilarious.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 9, 2019
It is foolish to file a case in various states saying I have incited the people by an alleged statement of July 5th last year!! Are Congis tube lights that they take one year to get incited?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 9, 2019
बाद में एएनआई ने एक बयान दिया कि आउटलुक ने उन्हें गलत रूप से उद्धृत किया। “एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) ने 5 जुलाई, 2019 को ऐसा कोई समाचार पेश नहीं किया जिसमें कहा हो कि स्वामी ने बताया कि राहुल गांधी कोकीन लेता है। हालांकि, इसी तरह के आरोपों के साथ सुब्रमण्यम स्वामी का बयान एएनआई को जुलाई 2018 में एक साक्षात्कार में दिया गया था। इस बयान को एएनआई द्वारा जुलाई 2019 में पुनर्नवीनीकरण नहीं किया गया, जैसा कि पत्रिका द्वारा आरोप लगाया गया,” – एएनआई ने एक बयान में कहा [3]।
हालांकि बाद के लेख में एएनआई ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया: हालाँकि, 7 जुलाई (2019) को समाचार लेख में हमने कहा था कि इससे पहले शुक्रवार (5 जुलाई, 2019) को स्वामी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी कोकीन लेते हैं और वह पंजाब सरकार के निर्धारित डोप टेस्ट में विफल होंगे।
आउटलुक और एएनआई के उपरोक्त बयानों में दोनों संगठनों की शरारत या गलती गलती दिखाई देती है। लेकिन ये संगठन इन संदिग्ध क्रियाओं में शामिल क्यों हैं? और अचानक कांग्रेस के नेताओं को गुस्सा क्यों आ रहा है? स्वामी ने राहुल गांधी के “सोते हुए” कर्मचारियों पर आरोप लगाया।
@swamilion : But Buddhu’s secretariat is sleeping and not doing due diligence?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 9, 2019
इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।
क्या कांग्रेस और आउटलुक मैगज़ीन के कुछ लोग और एएनआई इस तरह की गंदी चालों पर मिलीभगत कर रहे थे? हम इस रहस्यमयी कार्यप्रणाली पर कुछ भी नहीं कह सकते।
सवाल खड़ा होता है कि कांग्रेस में किसने राज्यों के स्थानीय नेताओं को शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया। स्वामी के करीबी लोगों ने आरोप लगाया कि यह सोनिया गांधी के अलावा किसी और की “गंदी चाल” नहीं है, जो किसी भी तरह से स्वामी को मामलों की एक श्रृंखला में उलझाने और उन क्षेत्रों में गंदे खेल खेलने के लिए है जहां कांग्रेस शासन कर रही है। वे कहते हैं कि हो सकता है कि जब स्वामी अदालती कार्यवाही के लिए वहाँ पहुँचे तो उन पर हमले कराए जाएं, जहां कांग्रेस राज कर रही है। स्वामी की कानूनी टीम ने कहा कि ये मामले कानून की किसी भी अदालत में नहीं टिकेंगे और हम उचित कार्रवाई करेंगे।
संदर्भ:
[1] Was Rahul Gandhi detained by FBI? Sep 30, 2001, The Hindu
[2] Rahul Gandhi Takes Cocaine, Says BJP MP Subramanian Swamy – Jul 5, 2019, OutlookIndia.com
[3] Clarification regarding Subramanian Swamy’s comment on Rahul Gandhi – Jul 9, 2019, ANINews.in
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