
इस श्रृंखला के भाग 1 से 3 को यहाँ पढ़ सकते है। यह भाग 4 है।
फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) के अध्यक्ष रमेश अभिषेक (आरए) ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) और उसके प्रमोटर जिग्नेश शाह पर पूरा दोष डालने के लिए, अवैध और गैरकानूनी रूप से काम किया है[1]। एफएमसी ने 2013 में एनएसईएल को अयोग्य और अनुचित घोषित किया और इसके कारण जिग्नेश शाह को एक के बाद एक करके अपने सभी कंपनियों को खोना पड़ा, क्योंकि उन्हें कम पैसों में बेचनेे के लिये मजबूर होना पड़ा[2]। बेनामी नामों, इन्हें खरीदने वालों पर एक नज़र डाले तो दिलचस्प नाम सामने आएँगे। यह पता लगाना जांच एजेंसियों का काम है। जनवरी 2014 में उनकी बेटी की शादी की बात करते है।
बाज़ारों से जुड़े लोगों के सिर्फ दो उदाहरण जिन्हें आरए की बेटी की शादी में आमंत्रित किया गया था।
शादी में कौन-कौन शामिल हुए?
शादी जनवरी 2014 में जयपुर में संपन्न हुई। दिल्ली के सत्ता दलालों समेत बहुत सारे कमोडिटी दलालों और संदिग्ध व्यापारियों को आमंत्रित किया गया था। इस शादी के लिए तीन होटल पूरी तरह से बुक किए गए थे – इतने सारे लोग इकट्ठे हुए थे। यहाँ कुछ दिग्गजों को दिखाया गया है जिनकी तस्वीरें शादी में ली गई थी और जो सोशल मीडिया से प्राप्त हुई। किसी व्यक्ति की बेटी की शादी में करीबी दोस्तों को ही आमंत्रित किया जाता है। इन तस्वीरों को उस दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।

आशीष देवड़ा, सेबी अपीलेट ट्रिब्यूनल (सैट) में जोग सिंह (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश के साथ, जिन्हें आशीष ने रिश्वत दिया ऐसा आरोप है, वे आरए की बेटी की शादी में शामिल थे। जैसा कि पहले के एक एपिसोड में उल्लेख किया गया था कि मुखबिर (डब्ल्यूबी) ने आरोप लगाया है कि देवड़ा, आरए की पत्नी स्वप्न अभिषेक को नियमित रूप से पैसे भेजता है और परिवार की कई विदेश यात्राओं के लिए पैसा दिए है[3]।

शादी में एक और उल्लेखनीय आमंत्रित नरेंद्र मुरकुम्बी थे, जो पूर्व में राष्ट्रीय कमोडिटीज और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के सदस्य थे, जो जिग्नेश शाह के स्वामित्व वाली मल्टी कमोडिटीज एक्सचेंज (एमसीएक्स) द्वारा पूर्णतः हराया जाता था[4]। उनकी प्रतिद्वंद्विता प्रसिद्ध थी – एमसीएक्स ने लगभग 40 वस्तुओं का व्यापार किया, जिसमें बुलियन, कीमती धातु, वृक्षारोपण इत्यादि शामिल थे, एनसीडीईएक्स (जो कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) समूह का हिस्सा था) ने 34 वस्तुओं तक की पेशकश की, जिनमें से 23 कृषि आधारित थीं[5]। । अपने चरम पर, एमसीएक्स ने डेरिवेटिव बाजार में 85% की कमान संभाली, जबकि एनसीडीईएक्स दूर दूसरे स्थान पर था। तो क्या दुर्देव श्री पलान्यप्पन चिदंबरम ने एनसीडीईएक्स को “मदद” करने के लिए क्या किया?
उन्होंने 28 फरवरी, 2013 को घोषित केंद्रीय बजट में कमोडिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (सीटीटी) को पूरे कमोडिटी फ्यूचर्स सेक्टर से कई अपील के बावजूद लगाया। एक पूर्ववर्ती के रूप में, एक लॉबी बनाई गई जिसने वस्तुओं पर सीटीटी के अधिरोपण के लिए कई तर्क दिए। कमोडिटी पेशेवरों द्वारा कई अपीलें सामने आईं कि सीटीटी प्रतिरक्षा के दायरे को कम कर देगा, पर इन अपीलों पर विचार नहीं किया गया।
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सीटीटी को स्वर्ण, आधार धातु, कच्चा तेल और परिवर्तित कृषि उत्पादन पर लगाया गया जिसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) की अगुवाई थी, कर ने इसके व्यापारिक मात्रा को काफी प्रभावित किया। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत छोटे बाजार हिस्सेदारी के कारण, सीटीटी से प्रभावित नहीं हुआ था[6]।
श्री रेणुका शुगर्स की स्थापना करने वाले मुरकुम्बी ने अपने कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में पद छोड़ दिया जब भारतीय रिजर्व बैंक ने सख्त व्याख्या करते हुए कहा कि रेणुका शुगर्स का ऋण उसके ऋणदाताओं द्वारा गैर निष्पादित परिसंपत्तियाँ (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित किया गया[7]।
और कई और भी थे…
बाज़ारों से जुड़े लोगों के सिर्फ दो उदाहरण जिन्हें आरए की बेटी की शादी में आमंत्रित किया गया था। मैं कोई निष्कर्ष नहीं निकाल रहा हूं – यह पता लगाना जांच एजेंसियों का काम है।
जारी रहेगा…..
References:
[1] दबंग पूर्व एफएमसी प्रमुख रमेश अभिषेक परीक्षणाधीन क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने एनएसईएल-63 मून्स विलयन को खत्म कर दिया – May 13, 2019, PGurus.com
[2] C-Company Part 9 – A long history of harassment – Nov 28 2017, PGurus.com
[3] लालू का प्रमुख सलाहकार और पीसी की चंडाल चौकड़ी का हिस्सा – भाग 2 – Jun 7, 2019, PGurus.com
[4] भाग 3 – हितधारकों की जीत सुनिश्चित करने के लिए मित्रों और रिश्तेदारों की एक छोटी सी दुनिया बनायीं – Jun 23, 2018, PGurus.com
[5] What are MCX and NCDEX – Sharetipsinfo.com
[6] C-Company machinations – Part 10. How Chidambaram continues to rule Fin Min – Dec 1, 2017, PGurus.com
[7] Bitter NPA pill for Renuka Sugars’ lenders – Mar 25, 2019, The Economic Times
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