सुनंदा पुष्कर के रहस्यमय हत्याकांड मामले के आरोपी सांसद एवँ विधायक के लिए विशेष न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया

आरोपी सांसद एवँ विधायक को विशेष न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।

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सुनंदा पुष्कर के रहस्यमय हत्याकांड
सुनंदा पुष्कर के रहस्यमय हत्याकांड

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने आज सुनंदा पुष्कर के रहस्यमय हत्याकांड मामले को, जिसमें उसके पति एवँ कांग्रेस नेता शशि थरूर को अपने पत्नी के आत्महत्या को बड़ावा देने के लिए चार्जशीट किया गया, आरोपी सांसद एवँ विधायक को विशेष न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने मामले को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को स्थानांतरित किया है जो इसकी सुनवायी 28 मई को करेंगे।

अभियोजन सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में बताया गया है कि सुनंदा का मानसिक एवँ शारीरिक शोषण किया गया।

न्यायालय ने कहा “थरूर संसद के एक मौजूदा सदस्य हैं इसलिए मामले को राजनेताओं के लिए नामांकित किए गए न्यायालय, यानी एसीसीएम समर विशाल, को भेज दिया है”। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार अपेक्षा यह है कि संज्ञान में लेकर मामले को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा क्योंकि आरोप लगाए हुए अपराधों में 10 साल तक की सजा हो सकती है।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी न्यायालय में उपस्थित थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि फिलहाल शुरुआती प्रक्रिया चल रही है और वे मामले में संज्ञान के पश्चात हस्तक्षेप करेंगे और अवश्य ही शशि थरूर द्वारा किये गये अपराधों को उजागर करेंगे जब आरोप तय करने के पहले तर्क वितर्क होगा।

स्वामी ने मीडिया को बताया कि शशि थरूर के खिलाफ काफी सबूत  [1] है जिससे स्पष्ट होगा कि उन्होंने सबूत मिटाने की कोशिश की और शवपरीक्षण में हस्तक्षेप किया। उन्होंने यह भी कहा कि वे न्यायालय के समक्ष ऑल इंडिया इन्स्टिटय़ूट ऑफ मेडिकल सायन्स (एम्स) का लेख प्रस्तुत करेंगे जिसमें स्पष्ट किया गया है कि सुनंदा के शरीर में 12 घाव पाए गए हैं। वे न्यायालय को दिल्ली पुलिस के सतर्कता लेख के बारे में भी सचेत करेंगे जिसमें दिल्ली पुलिस के प्रारंभिक जांच टीम में वरिष्ठ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका का पर्दाफाश किया गया है।

उस समय के संयुक्त आयुक्त विवेक गोगिया की भूमिका को मीडिया [2] ने पहले से ही उजागर किया है। एम्स के लेख में भी दिल्ली पुलिस को होटल के कमरे, जिसमें सुनंदा को मृत पाया गया, के चादर जमा ना करने के लिए दोषी ठहराया गया है। दिल्ली पुलिस ने चादर को 11 महीनों बाद एकत्रित करके एम्स में जमा किया।

दिल्ली पुलिस ने मई 14 को थरूर, तिरुअनंतपुरम से लोकसभा सांसद, पर सुनंदा के आत्महत्या को बड़ावा देने का आरोप लगाया और नगर-न्यायालय में कहा कि उन्हें इस साढ़े चार साल पुराने मामले में दोषी के रूप में पूछताछ के लिए बुलाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ काफी सबूत हैं। [3]

3000 पन्नों की चार्जशीट में, पुलिस ने थरूर को एकमात्र दोषी ठहराया है और साथ ही ये दावा किया है कि वो अपनी पत्नी [4] पर अत्याचार करते थे। उन्होंने न्यायालय को थरूर को आरोपी के रूप में बुलाने की मांग की। थरूर दम्पति के गृह सेवक, नारायण सिंह, को मामले में एक प्रमुख गवाह के रूप में नामांकित किया गया है। जनवरी 17, 2014 को पुष्कर, रहस्यमय ढंग से, सात सितारा होटल लीला में मृत पायी गयीं।

कांग्रेस नेता को भारतीय दंड संहिता के 498-ए(पति या उसके रिश्तेदार द्वारा महिला का शोषण किया जाना) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) वर्गों के तहत आरोपित किया गया है। 498-ए के अंतर्गत अधिकतम दंड है तीन साल का कारावास जबकि धारा 306 के अंतर्गत 10 साल का कारावास निर्धारित किया गया है।

विशेष सार्वजानिक अभियोक्ता अतुल श्रीवास्तव ने न्यायालय में कहा कि “यह माना गया है कि यदि उन्होंने आत्महत्या की है तो मृत्यु से पहले उस पर शोषण किया गया होगा। न्यायालय इस वास्तविकता को संज्ञान में ले कि यह मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का है क्योंकि मृत्यु विवाह के सात साल के भीतर हुआ है और कानूनी तौर पर बहकाव का मामला बनता है”।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 113-ए के अनुसार न्यायालय “ये मान सकता है, मामले की अन्य सारी परिस्थितियों को नज़र में रखते हुए, कि पति ने या उसके किसी रिश्तेदार ने पत्नी को आत्महत्या करने के लिए उकसाया है” अगर महिला ने उसकी विवाह की तिथि से सात वर्षों के भीतर आत्महत्या कर ली हो।

अभियोजन सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में बताया गया है कि सुनंदा का मानसिक एवँ शारीरिक शोषण किया गया। चार्जशीट के प्रतिलिपि को सामान्य नहीं किया गया और यह जानकारी नहीं है कि पुलिस ने इस मामले को क्यों हत्या करार नहीं दिया, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) जो अनजान व्यक्तियों के खिलाफ दाखिल किया गया था उसमें हत्या के आरोप शामिल था।

References:

[1] Shashi Tharoor tried all tricks to fool AIIMS doctors during the post-mortem of SunandaMay 28, 2017, PGurus.com

[2] Home Ministry brings back Vivek Gogia, who hushed up the Sunanda Murder probe to Delhi PoliceMay 12, 2017, PGurus.com

[3] At last Shashi Tharoor charged by Delhi Police for wife Sunanda Pushkar’s mysterious deathMay 15, 2018, PGurus.com

[4] Why Tharoor is the prime suspect and who is shielding him? Jan 16, 2016, PGurus.com

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