भारत उन अनाथ बच्चों के लिए एक बड़ी शिक्षा और वित्तीय पैकेज लेकर आया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता को खो दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा और कई पैकेजों की घोषणा की। मुफ्त शिक्षा के अलावा, पीएम केयर्स फंड उनके 18 साल के होने पर मासिक वजीफा और 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपये का फंड प्रदान करेगा और फंड उच्च शिक्षा के लिए बैंकों से लिए गए शिक्षा ऋण के ब्याज का भुगतान करेगा। आयुष्मान भारत के तहत बच्चों को 18 साल तक पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स फंड करेगा।
प्रधान मंत्री मोदी ने अनाथ बच्चों को शिक्षा और वित्तीय पैकेज प्रदान करने की योजना का विवरण ट्वीट किया।
Supporting our nation’s future!
Several children lost their parents due to COVID-19. The Government will care for these children, ensure a life of dignity & opportunity for them. PM-CARES for Children will ensure education & other assistance to children. https://t.co/V3LsG3wcus
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2021
उन्होंने कहा, “बच्चे देश के भविष्य हैं और हम बच्चों के समर्थन और सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे। एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उनके उज्ज्वल भविष्य की आशा करते हैं।”
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प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं और देश बच्चों को समर्थन और सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा ताकि वे मजबूत नागरिक के रूप में विकसित हों और उनका भविष्य उज्ज्वल हो। कोविड-19 के कारण माता-पिता या पालक या कानूनी अभिभावक/ दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन‘ योजना के तहत सहायता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन उपायों की घोषणा की जा रही है, वे केवल पीएम केयर्स फंड में उदार दान के कारण संभव हुए हैं, जो कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग करेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा – “पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु होने पर प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का एक कोष बनाने के लिए एक विशेष रूप से तैयार की गई योजना के माध्यम से योगदान देगा। इस कोष का उपयोग 18 वर्ष की आयु से मासिक वित्तीय सहायता/ वजीफा देने के लिए किया जाएगा, जो अगले पांच वर्षों के लिए उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने में बच्चे की मदद करेगा और 23 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर, उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त राशि मिलेगी।“
बयान में कहा गया – “10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए: बच्चे को निकटतम केंद्रीय विद्यालय या एक निजी स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। यदि बच्चे को एक निजी स्कूल में प्रवेश दिया जाता है, तो आरटीई मानदंडों के अनुसार पीएम केयर्स से शुल्क दिया जाएगा। पीएम केयर्स यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर खर्च के लिए भी भुगतान करेगा। 11-18 वर्ष के बीच के बच्चों के लिए: बच्चे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिया जाएगा। यदि बच्चा अभिभावक/ दादा-दादी/ परिवार की देखरेख में रहना चाहता है, तो उसे नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय में या एक निजी स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। यदि बच्चा एक निजी स्कूल में भर्ती होता है, तो पीएम केयर्स से आरटीई मानदंडों के अनुसार फीस का भुगतान किया जायेगा। पीएम केयर्स यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर खर्च के लिए भी भुगतान करेगा।”
पीएमओ ने कहा कि, “मौजूदा शिक्षा ऋण मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/ उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में बच्चे की सहायता की जाएगी। इस ऋण पर ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र सरकार या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक/ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षण शुल्क/ पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स एक समान छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।”
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