पिता और पुत्र के अलावा, आरोप-पत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट एसएस भास्कररमन का नाम शामिल हैं!
दिल्ली के एक सुनवाई न्यायालय (ट्रायल कोर्ट) ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप-पत्र पर संज्ञान लेने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को आईएनएक्स मीडिया मनी-लॉन्ड्रिंग (काले धन को वैध बनाने) के मामले में समन जारी किया। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता, उनके बेटे, और अन्य को 7 अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश देते हुए समन जारी किया। चिदंबरम पिता-पुत्र के अलावा, आरोप-पत्र में परिवार के चार्टर्ड अकाउंटेंट एसएस भास्कररमन का नाम शामिल है।
21 अगस्त, 2019 को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पी चिदंबरम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। 16 अक्टूबर, 2019 को ईडी ने संबंधित धन शोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। छह दिन बाद, 22 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में चिदंबरम को जमानत दी। ईडी के मामले में, उन्हें 4 दिसंबर, 2019 को जमानत मिली। जमानत देने वाले उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रूथ भानुमथी थे[1]।
आईएनएक्स मीडिया मामले में, सीबीआई ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति समेत वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों जैसे सिंधुश्री खुल्लर, अनूप पूजारी, प्रबोध सक्सेना, पीके बग्गा, रवीन्द्र प्रसाद और अजित कुमार डूंगडुंग को भी आरोप-पत्रित किया है।
आईएनएक्स मीडिया में सीबीआई का मामला
वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। दरअसल एफआईपीबी ने पहले 5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी लेकिन आईएनएक्स मीडिया के मालिकों इंद्राणी और पीटर मुखर्जी ने अवैध रूप से 305 करोड़ रुपये लाए और बाद में 2008 में आयकर विभाग द्वारा पकड़े गए। आयकर अभियोजन से बचने के लिए इंद्राणी और उनके पति पीटर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनियों के माध्यम से कार्ति को लगभग 5 करोड़ रुपये की घूस दी और अवैध रूप से 305 करोड़ रुपये लाने के लिए एफआईपीबी की पहले की मंजूरी प्राप्त की। इंद्राणी मामले में सरकारी गवाह बन गई हैं।
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ईडी ने 3 जून, 2020 को आरोप-पत्र दायर किया और अक्टूबर 2018 में कार्ति और उनकी फर्मों की 54 करोड़ रुपये की संपत्ति दिल्ली, ऊटी, लंदन और स्पेन में संलग्न की थी। आईएनएक्स मीडिया मामले में, सीबीआई ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति समेत वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों जैसे सिंधुश्री खुल्लर, अनूप पूजारी, प्रबोध सक्सेना, पीके बग्गा, रवीन्द्र प्रसाद और अजित कुमार डूंगडुंग को भी आरोप-पत्रित किया है। अन्य आरोपी आईएनएक्स मालिक इंद्राणी और पीटर मुखर्जी और चिदंबरम परिवार के चार्टर्ड अकाउंटेंट एसएस भास्कररमन हैं। आईएनएक्स मीडिया और कार्ति की फर्मों चैस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड सहित चार कंपनियों को भी सीबीआई द्वारा आरोपी बनाया गया है[2]।
आईएनएक्स मीडिया रिश्वत मामले का खुलासा ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने कार्ति के घर और कंपनियों में एयरसेल-मैक्सिस घोटाले की जांच के दौरान एक छापेमारी की कार्यवाही में किया था। आयकर और ईडी द्वारा संयुक्त छापेमारी में 14 देशों और 21 विदेशी बैंक खातों में चिदंबरम परिवार की संपत्ति को उजागर किया है। पीगुरूज ने ‘चिदंबरा रहस्य‘ नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें चिदंबरम परिवार के सदस्यों के 14 देशों और 21 विदेशी बैंक खातों में संपत्ति का विवरण दिया गया है[3]।
संदर्भ:
[1] Chidambaram gets bail from SC in INX Media case, to walk out of Tihar jail – Dec 04, 2019, Economic Times
[2] आईएनएक्स मीडिया रिश्वत: चिदंबरम, कार्ति, परिवार के लेखाकार (अकाउंटेंट), पीटर, वित्त मंत्रालय के छह अधिकारी और चार कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल – Oct 19, 2019, hindi.pgurus.com
[3] Chidambara Rahasya – Details of huge secret assets & foreign bank accounts of Chidambaram Family – Mar 15, 2017, PGurus.com
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