पिछले चार वर्षों में भारतीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को विदेशों से 50,975 करोड़ रुपये मिले। भारतीय एनजीओ को दान देने में 19,941 करोड़ रुपये के साथ यूएसए शीर्ष पर

गृह मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में एनजीओ के दानदाताओं की सूची जारी की!

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गृह मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में एनजीओ के दानदाताओं की सूची जारी की!
गृह मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में एनजीओ के दानदाताओं की सूची जारी की!

भारतीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को कई देशों से भारी धन प्राप्त हुआ!

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा बुधवार को संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को विदेशी दान के रूप में कई देशों से भारत में आने वाले भारी धन प्रवाह की तस्वीर साफ होती है। भारत में काम करने वाले और विदेशी दान (विनियमन) अधिनियम के तहत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों को पिछले चार वर्षों में विदेशों से 50,975 करोड़ रुपये का वित्त पोषण प्राप्त हुआ है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका से सबसे अधिक 19,941 करोड़ रुपये का दान आया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को सूचित किया कि 2016-17 में लगभग 18,304 एनजीओ द्वारा 15,355 करोड़ रुपये, 2017-18 में 18,235 एनजीओ द्वारा 16,940 रुपये, 2018-19 में 17,540 एनजीओ द्वारा 16,490 करोड़ रुपये और 2019-20 में 3,475 एनजीओ द्वारा 2,190 करोड़ रुपये प्राप्त किये गए।

प्रश्न एनसीपी के सांसद डॉ फौजिया खान ने उठाया था। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका से सबसे अधिक विदेशी दान आया है – 2016-17 में 5,869 करोड़ रुपये, 2017-18 में 6,199 करोड़ रुपये, 2018-19 में 6,907 करोड़ रुपये और 966 करोड़ रुपये 2019-20 में। विदेशी दान औसतन लगभग 130 देशों के 18,000 गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्राप्त किया गया है। देश में लगभग 22,400 गैर सरकारी संगठन हैं जो विदेशी दान (विनियमन) अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं।

ये बहुराष्ट्रीय एनजीओ विभिन्न देशों से अपने भारत के कार्यालय में पैसा भेजते हैं और फिर भारत स्थित एनजीओ को वितरित करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सभा को प्रदान किए गए पिछले 4 वर्षों के भारत में आये विदेशी चंदे के 20-पेज के विस्तृत आंकड़े इस लेख के नीचे प्रकाशित किये गए हैं। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि सबसे अधिक दान दिल्ली स्थित गैर-सरकारी संगठनों के लिए आया है, इसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल के एनजीओ आते हैं। पिछले साल, केरल के एनजीओ तमिलनाडु को पछाड़ कर विदेशी दान का दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया। इन राज्यों के बाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के गैर-सरकारी संगठन आते हैं।

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि गैर-सरकारी संगठनों का अधिकांश विदेशी दान धर्म परिवर्तन के काम में लगे ईसाई संगठनों के पास आया, जो मूल रूप से दिल्ली, तमिलनाडु और केरल में मुख्यालय के माध्यम से भारत के आदिवासी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो (खुफिया विभाग) की कई रिपोर्टों के मुताबिक, ये गुप्त एनजीओ समाज सेवा और परोपकार का काम करने का दिखावा करते हैं। सामाजिक सेवा की तरह की गतिविधियों की आड़ में कुछ कॉर्पोरेट हाउस (व्यवसायी घरानों) द्वारा चलाये जा रहे एनजीओ भी अपने पैसे को सफेद करने के लिए कार्यरत हैं। संसद को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि कुछ विदेशी दान विदेशों में कई देशों से उनके भारत स्थित कार्यालयों में आया, जिन्हें बहु-राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के रूप में जाना जाता है। ये बहुराष्ट्रीय एनजीओ विभिन्न देशों से अपने भारत के कार्यालय में पैसा भेजते हैं और फिर भारत स्थित एनजीओ को वितरित करते हैं।

संयुक्त राज्य के बाद, सबसे अधिक धन यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी से आया है। स्विट्जरलैंड, इटली, नीदरलैंड, कनाडा, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और स्पेन भी भारतीय एनजीओ के अन्य शीर्ष दानदाता हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सभा को प्रदान किए गए पिछले 4 वर्षों के भारत में आये विदेशी चंदे के 20-पेज के विस्तृत आंकड़े नीचे प्रकाशित किये गए हैं:

Foreign Contribution List – MHA by PGurus on Scribd

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