सियाचिन ग्लेशियर पर इंटरनेट सर्विस शुरू; 19061 फीट की ऊंचाई पर सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस एक्टिवेट

पहले इस क्षेत्र में इंटरनेट न होने के कारण भारतीय सेना को मैसेज भेजने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब सेनाओं को खुफिया जानकारी साझा करने में और आसानी होगी।

0
390
सियाचिन ग्लेशियर पर इंटरनेट सर्विस शुरू
सियाचिन ग्लेशियर पर इंटरनेट सर्विस शुरू

सियाचिन पर इंटरनेट सर्विस पहुँचने से भारतीय सेना होगी और मजबूत

दुनिया के सबसे ऊंचे बैटलफील्ड यानी सियाचिन ग्लेशियर पर भी इंटरनेट की सुविधा शुरू हो गई है। इंडियन आर्मी की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने इस दिशा में ये अहम कदम उठाया है। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने सियाचीन की 19061 फीट की ऊंचाई पर सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सर्विस को एक्टिवेट कर दिया है। इस क्षेत्र में इंटरनेट सेर्विस रविवार (18 सितंबर) ही शुरू कर दी गई है।

पहले इस क्षेत्र में इंटरनेट न होने के कारण भारतीय सेना को मैसेज भेजने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब सेनाओं को खुफिया जानकारी साझा करने में और आसानी होगी। इसके अलावा वे अपने घर-परिवार और रिश्तेदारों से बात कर सकेंगे। हालांकि इस सर्विस का उपयोग किन-किन कामों के लिए किया जाएगा, इसका खुलासा नहीं किया गया है।

सियाचिन ग्लेशियर भारत-पाक बॉर्डर के पास करीब 78किमी में फैला है। इसके एक तरफ पाकिस्तान, दूसरी तरफ अक्साई चीन है। 1972 के शिमला समझौते में सियाचिन को बेजान और बंजर बताया गया था। हालांकि तब भारत-चीन के बीच इसके सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था।

1984 में भारतीय सेना को जानकारी मिली कि पाकिस्तानी सेना इस इलाके को कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है, जिसके बाद 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने अपनी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की स्पेशल टुकड़ी को इस इलाके में तैनात कर दिया।

भारतीय सेना खुद को लगातार एडवांस करने में लगी हुई है। वो खुद को लगातार अपग्रेड कर रही है और बॉर्डर पर अपनी तैयारियों को लगातार मजबूत कर रही है। सीमा से सटे इलाकों में इफ्रास्‍ट्रक्‍चर को भी लगातार डेवलप कर रही है। इसके साथ ही आपरेशनल और रणनीतिक तैयारियों पर भी सेना का फोकस है। सेना का ये कदम चीनी सेना की आक्रामकता के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है।

5 सितंबर को फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने सोमवार को कारगिल में सामुदायिक रेडियो स्टेशन आरजीएजॉम 90.8 मेगाहट्र्ज का उद्घाटन किया। सेना के एक बयान में कहा गया- आरजीएजॉम 90.8 मेगाहट्र्ज केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) है और स्थानीय आबादी की लंबे समय से वांछित आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

रेडियो स्टेशन लद्दाख के दूसरे सबसे बड़े शहर कारगिल और उसके आसपास के गांवों को कवर करेगा और लगभग 40,000 नागरिकों तक पहुंचेगा। सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) स्थानीय कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जाता है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.