भारत में 40 देशों के 2550 तब्लीगी जमात के सदस्य हैं। वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर 10 साल के लिए भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध

भारत ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया - 2550 तब्लीगी जमात के सदस्यों पर विजिटर्स (आगंतुक) वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर प्रतिबंध लगाया!

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भारत ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया - 2550 तब्लीगी जमात के सदस्यों पर विजिटर्स (आगंतुक) वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर प्रतिबंध लगाया!
भारत ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया - 2550 तब्लीगी जमात के सदस्यों पर विजिटर्स (आगंतुक) वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर प्रतिबंध लगाया!

भारत ने वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए पिछले दो महीनों में लगभग 40 देशों के 2550 तब्लीगी जमात सदस्यों को प्रतिबंधित (ब्लैक लिस्टेड) किया है और इन ब्लैक लिस्टेड व्यक्तियों को अदालत की प्रक्रियाओं के बाद जल्द ही निर्वासित कर दिया जाएगा और 10 साल से अधिक समय तक भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, ब्लैक लिस्टेड तब्लीगी मूल रूप से बांग्लादेश, म्यांमार, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड – यानी कई दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के देशों से हैं।

ब्लैक लिस्टेड तब्लीगी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन, श्रीलंका, किर्गिस्तान, वियतनाम, सऊदी अरब, अल्जीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, आइवरी कोस्ट, जिबूती, मिस्र, इथियोपिया, फिजी, गाम्बिया, ईरान, जॉर्डन, कजाकिस्तान, केन्या, मेडागास्कर, माली, फिलीपींस, कतर, सेनेगल, सिएरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, स्वीडन, तंजानिया, टोगो, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनीशिया और यूक्रेन से भी हैं। यह संभवत: पहली बार है जब सरकार ने एक झटके में बड़ी संख्या में लोगों को प्रतिबंधित किया और ‘विदेशियों के लिए कानून’ के तहत इतनी लंबी अवधि के लिए भारत में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।

गृह मंत्रालय द्वारा यह कार्रवाई विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उन विदेशी लोगों का विवरण प्रदान करने के बाद की गई है जो देश भर में अवैध रूप से मस्जिदों और धार्मिक क्षेत्रों में रह रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि इनमें से लगभग सभी विदेशी तब्लीगी जमात के कार्यकर्ता पर्यटक वीजा पर भारत आए थे लेकिन मिशनरी काम में लगे हुए थे, अतः वीजा की शर्तों का उल्लंघन कर रहे थे।

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

मार्च में देशव्यापी बंद की घोषणा के तुरंत बाद इस्लामिक संगठन से जुड़े 250 विदेशी लोगों सहित 2,300 से अधिक लोगों के खिलाफ विदेशी तब्लीगी जमात सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जो इस्लामिक संगठन दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मुख्यालय में रह रहे थे। इनमें से कई सदस्य परीक्षण में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए थे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस ने तब्लीगी मुख्यालय निज़ामुद्दीन और उसके प्रमुख मौलाना साद से जुड़े धन के बहुत बड़े लेनदेन की जांच भी शुरू की। फिर भी, माना जाता है कि सरकार मौलाना साद के खिलाफ कार्रवाई करने में नरम है। पीगुरूज ने मौलाना की विशाल संपत्ति और आलीशान जीवन पर लेख प्रकाशित किया था, जो मौलाना साद अपने अनुयायियों को सरल जीवन जीने का उपदेश देते हैं[1]

तब्लीगी जमात के सदस्यों को 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक हजार से अधिक कोविड-19 पॉजिटिव मामलों और दो दर्जन से अधिक मौतों के साथ कोरोनोवायरस के प्रसार के लिए दोषी ठहराया गया था। अप्रैल में, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के डीजीपी और दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया था कि ऐसे सभी उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ विदेशी कानून, 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 से संबंधित धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए। पिछले हफ्ते, सीबीआई ने कथित रूप से संदिग्ध नकद लेनदेन और अधिकारियों से विदेशी दान छुपाने के लिए तब्लीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है।

[पीटीआई से प्राप्त इनपुट्स के साथ]

संदर्भ:

[1] तब्लीगी के प्रमुख मौलाना साद, जो एक साधारण जीवन जीने की वकालत करता है अब विशाल फार्महाउस, स्विमिंग पूल और महंगे वाहनों से भरा आलीशान जीवन जीते हुए पकड़ा गयाApr 5, 2020, hindi.pgurus.com

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