उदयपुर में हुए तालिबानी हत्याकांड में नए खुलासे
उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की बर्बर हत्या के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को जांच में पता चला है कि इस हत्याकांड में मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के अलावा उनके तीन और साथी शामिल थे। इनमें से मोहसिन खान (25 साल) और आसिफ हुसैन (24 साल) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरे की तलाश जारी है।[1]
पुलिस के मुताबिक, मोहसिन और आसिफ अलग-अलग बाइक पर रियाज और गौस को मालदास स्ट्रीट लेकर पहुंचे थे। दोनों ने रियाज और गौस को कन्हैयालाल की टेलरिंग शॉप से महज 70 मीटर दूर गली के कोने (हाथीपोल-मोती चौहट्टा मुख्य मार्ग) पर उतारा था। दोनों यही बाइक स्टार्ट करके खड़े थे और करीब से नजर रख रहे थे। हमले के दौरान अगर कोई रियाज और गौस को पकड़ता या शटर गिराता तो ये दोनों उन्हें बचाने या छुड़ाने के लिए तलवार और खंजरों से हमला करने को तैयार थे।
कन्हैया की हत्या कर रियाज और गौस हथियार लहराकर दौड़ते हुए आए और मोहसिन और आसिफ की बाइकों पर बैठकर सिलावटवाड़ी की और फरार हो गए। जहां से रियाज ने अपनी 2611 नंबर की बाइक ली। उस पर गौस के साथ भीम की और रवाना हो गया। जहां पुलिस ने तीनों ओर से घेरकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में रियाज और गौस ने मोहसिन और आशिफ के नाम बताए।
आशिफ इनके साथ ही वेल्डिंग शॉप पर काम करता था। पुलिस को मौके पर एक लावारिस एक्टिवा भी मिली है। यह गौस मोहम्मद के नाम पर रजिस्टर्ड है। ऐसे में पुलिस संभावना जता रही है कि कोई पांचवां साथी भी मौके पर मौजूद था।
हैरानी की बात यह है कि साल 2013 से उदयपुर में चल रही आतंकी संदिग्ध गतिविधियों की चेन राजसमंद, चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, ब्यावर, अजमेर, कानपुर (यूपी) से लेकर विदेशों तक फैल गई, लेकिन देश और प्रदेश की इंटेलिजेंस को भनक तक नहीं लगी।
आतंकियों को पता था कि हाथीपोल चौराहे पर रह-रहकर जाम लगता रहता है। चौकी के कारण पुलिस भी तैनात रहती है, इसलिए उन्होंने सिलावटवाड़ी की पतली गलियों से भागने की योजना बनाई। चारों अपने-अपने वाहनों से सिलावटवाड़ी पहुंचे। यहां रियाज ने अपनी 2611 बाइक खड़ी की और मोहसिन की बाइक पर बैठ गया। गौस आशिफ के साथ बैठा। बाद में यहीं चारों लौटे।
यहां से रियाज और गौस 2611 बाइक से नई पुलिया-अंबावगढ़-फतहसागर-यूआईटी सर्कल-फतहपुरा होते हुए सापेटिया पहुंचे और हत्याकांड का वीडियो जारी किया। इनका प्लान सापेटिया से भीम, भीम से ब्यावर होते हुए अजमेर पहुंचने का था। बाद में कानपुर जाकर छिपने की बात भी सामने आ रही है।
इन खुलासों के बाद एसआईटी-एनआईए कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुट गई है। कन्हैयालाल की रैकी करने वाले 7 अन्य संदिग्धों से पूछताछ चल रही है, जिनमें 3 चित्तौड़गढ़ के हैं। उदयपुर और राजसमंद के 5 अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। इनमें 24 जून को दुकान पर जाकर कन्हैयालाल को धमकाने वाली महिला भी शामिल है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
संदर्भ:
[1] उदयपुर कांड : तालिबानी तरीके से गला काटा, राजस्थान में नेटबंदी; एनआईए के हाथ मामला – Jun 29, 2022, PGurus.com
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