जम्मू-कश्मीर में बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने में जुटी सीबीआई
जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर की लिखित परीक्षा में हुई धांधली की जांच कर रही सीबीआई के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं, जिससे कई अहम खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ को जब आगे बढ़ाया तो पता चला कि सब इंस्पेक्टर की परीक्षा के साथ-साथ वित्त विभाग में अकाउंट असिस्टेंट, जेई सिविल परीक्षा में भी भारी धांधली हुई थी। इन तीनों परीक्षाओं को उपराज्यपाल प्रशासन ने रद्द कर दिया है।
इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ कि जम्मू-कश्मीर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के अधिकारियों ने पंचायत सहायक की परीक्षा में पैसे लेकर ओएमआर शीट ही बदल दी थी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार पेपर लीक के हरियाणा के मास्टरमाइंड ग्रुप ने जम्मू-कश्मीर में अपना एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया था। जिसके चलते जम्मू के अखनूर इलाके में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ा था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और सरकारी टीचर शामिल हैं।
इस ग्रुप ने जम्मू-कश्मीर सिलेक्शन बोर्ड की ओर से आयोजित नवंबर 22 में होने वाली वन विभाग में फॉरेस्टर पद की परीक्षा का पेपर लीक करने का सौदा चार करोड़ में तय कर लिया था, लेकिन इसके पहले ही ये गैंग सीबीआई के हाथ चढ़ गया। सीबीआई ने इस पूरे केस में 33 लोगों को नामजद किया है, जिसमें सिलेक्शन बोर्ड के पूर्व चेयरमैन खालिद जहांगीर मुख्य हैं और बोर्ड के पांच अधिकारियों समेत हरियाणा के तीन वह लोग भी शामिल हैं जो इस पूरे नेटवर्क के मास्टरमाइंड हैं। इनमें से दो सीबीआई के हाथ लग चुके हैं।
अभी तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए सीबीआई ने चार बार जम्मू-कश्मीर समेत हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली तक छापेमारी कर कई कागजात व इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त किए हैं। इन्हीं के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी है।
इस पूरे नेटवर्क में कर्नाटक की कंपनी मेरिट ट्रैक के साथ हरियाणा के कुछ लोग जुड़े थे जो पेपर लीक कर इस गोरखधंधे को चला रहे थे। ये कंपनी जिसका ऑफिस बेंगलुरु में है वहां पर भी सीबीआई ने छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए हैं। सीबीआई ने जिन 2 लोगों को गिरफ्तार किया है वह हरियाणा के रहने वाले हैं, जिनकी पहचान जतिन यादव उर्फ गुरु जी उर्फ नीतू और हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल तहसील के रहने वाले अनिल कुमार के रूप में हुई है।
जतिन यादव उर्फ गुरु इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड है. उसका एक प्रमुख साथी अभी फरार है, जिसकी तलाश सीबीआई नेपाल तक कर रही है। इन लोगों ने पहले बेंगलुरु में इस मेरिट ट्रैक के लोगों से संपर्क किया, क्योंकि ये कंपनी जम्मू-कश्मीर में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की परीक्षा करवाती आई है। यहीं से पूरा नेटवर्क चलाकर पंचायत सचिव की परीक्षा में लगभग 30 के करीब स्टूडेंट की ओएमआर शीट बदल दी गई। इसका खुलासा तब हुआ जब सीबीआई ने पकड़े लोगों के मोबाइल की जांच की। कुछ ओएमआर शीट की कापी में अलग-अलग हस्ताक्षर थे।
अभी तक पकड़े गए लोगों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ‘सीआरपीएफ‘ का एक सिपाही केवल कृष्ण, पूर्व जवान अश्विनी कुमार, दलाल राकेश कुमार, पुलिस कांस्टेबल रमन शर्मा, दलाल सुरेश कुमार, सरकारी टीचर जगदीश शर्मा के अलावा दो अन्य आरोपी शामिल हैं। यह हरियाणा के रहने वाले हैं, जिसमें जतिन यादव ऊर्फ गुरु जी और अनिल कुमार शामिल हैं।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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