लव जिहाद कानून के तहत कानपुर के युवक को 10 साल की जेल, 30 हजार रुपए जुर्माना
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून के तहत पहली बार दोषी ठहराते हुए कानपुर के एक युवक को लड़की से अपनी धार्मिक पहचान छिपाने के लिए 10 साल जेल और 30,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
जुर्माने की राशि में से 20 हजार पीड़ित को मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे
जावेद नाम के युवक ने नाबालिग से अपना परिचय मुन्ना के रूप में कराया था और उससे शादी करने का वादा किया था, जिसके बाद साथ में दोनों भाग गए। जूही थाना क्षेत्र का रहने वाला कुची बस्ती का रहने वाला मुस्लिम युवक खुद को हिंदू बताकर पीड़िता को झूठे प्रेम जाल में फंसाकर अपने साथ ले गया था।
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लड़की ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि जब वह अपने पति के घर पहुंची, तो उसने अपनी असली पहचान बताई और उससे ‘निकाह’ करने की मांग की, जिसे उसने मना कर दिया। लड़की ने युवक पर दुष्कर्म करने का भी आरोप लगाया।
पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज कराई। पोक्सो एक्ट सहित दुष्कर्म का मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। बयान में पीड़िता ने बताया कि आरोपी जावेद ने खुद को मुन्ना नाम से हिन्दू बताकर उससे दोस्ती की थी। इसके बाद वह शादी का झांसा देकर उसे साथ ले गया।
एडीजीसी अजय प्रकाश सिंह और विशेष लोक अभियोजक चंद्रकांत शर्मा ने कहा, “लव जिहाद मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।“
इस मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला न्यायाधीश ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया है।
उत्तर प्रदेश धर्मांतरण निषेध अध्यादेश, 2020, जबरन धर्म परिवर्तन के लिए न्यूनतम 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद और एससी/एसटी नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण के लिए तीन से 10 साल की जेल का प्रावधान करता है। जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए, जेल की अवधि तीन से 10 साल और 50,000 रुपये का जुर्माना है।
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