इस उद्देश्य से कि प्रचलित मुद्रा का 13 प्रतिशत पैसा वापस नहीं आएगा, क्या नोटबंदी को विफल माना जाना चाहिए?
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने संसद को सूचित किया है कि नोटबंदी के बाद 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों के 10,720 करोड़ रुपये प्रचलन में वापस नहीं आए। वित्त मंत्रालय के अनुसार, जब 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की गई थी, तब 15,41,793 करोड़ रुपये के पुराने नोट चलन में थे। मंत्रालय ने कहा कि सत्यापन और मिलान के बाद, 30 जून, 2018 तक 15,31,073 करोड़ रुपये संचलन से वापस ले लिये गए थे।
वित्त मंत्रालय नोटबंदी के बाद प्रचलन में धन की वापसी के बारे में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रहा था। इस जवाब से पता चलता है कि 500 और 1000 के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने के बाद 99.31% पैसा प्रचलन में वापस आ गया है और सिर्फ 0.69% पैसा (10,720 करोड़ रुपये) प्रचलन में वापस नहीं आया है।
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सुब्रमण्यम स्वामी को दिए लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा – “500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोटों की प्रचलित मुद्रा का कुल मूल्य, जो 8 नवंबर, 2016 को सत्यापन और मिलान के बाद विमुद्रीकृत किया गया था, 15,41,793 करोड़ रुपये था। जिनमें से 500 रुपये और 1000 रुपये मूल्यवर्ग के निर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) का कुल मूल्य क्रमशः 8,56,445 करोड़ रुपये और 6,85,348 करोड़ रुपये था।“
विमुद्रीकरण के बाद धन की वापसी के सवाल पर मंत्री ने कहा – “30 जून, 2018 तक, संचलन से लौटाए गए एसबीएन का कुल मूल्य 15,31,073 करोड़ रुपये है। जिसमें से 500 रुपये और 1000 रुपये मूल्यवर्ग के एसबीएन का प्रचलन से कुल मूल्य क्रमशः 8,53,100 करोड़ रुपये और 6,77,973 करोड़ रुपये था।“
उपरोक्त आंकड़े बताते हैं कि मुश्किल से 0.69% (10,720 करोड़ रुपये) काले धन को नई मुद्रा में परिवर्तित नहीं किया जा सका।
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