सदियों पुराना विवाद : पूंजीवाद बनाम समाजवाद (मफलर, गमछा और टोपी के पीछे का स्याह सच)

समाजवाद मुफ़्तखोरी से आरम्भ होता है, व सड़क पर जलते वाहनो, दुकानो के टूटे शीशों, व जलते बाज़ारों पर समाप्त होता है।

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सदियों पुराना विवाद : पूंजीवाद बनाम समाजवाद
सदियों पुराना विवाद : पूंजीवाद बनाम समाजवाद

पेरिस में कल पुलिस वालों ने हड़ताल की थी। वेतन नहीं बढ़ रहा है, ऊपर से Macron पेन्शन कम करने की बात कर रहा है। इस वर्ष पचास से अधिक पेरिस पुलिस वाले आत्महत्या कर चुके है।

सॉलिड पूँजीवाद से आरम्भ हुए देश फ़्रान्स की भी समाजवाद ने हालत ख़राब कर दी है। लेकिन सरकारी कर्मचारी कह रहे है कि हम कुछ नही जानते, हमारा वेतन बढ़ते रहना चाहिए, पेन्शन को हाथ मत लगाओ, कैसे पैसे पैदा करोगे हम नहीं जानते।

समाजवाद मुफ़्तखोरी से आरम्भ होता है, व सड़क पर जलते वाहनो, दुकानो के टूटे शीशों, व जलते बाज़ारों पर समाप्त होता है।

फिर भी मुफ़्तखोरी कराने वाले नेता आते रहते है और लोग उन्हें 67/70 सीटें देकर जिताते भी रहते है।

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