चीनी सेना को नियंत्रण रेखा को स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं। पूर्वी लद्दाख में दुराचार के लिए चीनी सेना को अप्रत्याशित परिणामों का सामना करना पड़ रहा है: सीडीएस जनरल बिपिन रावत

नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार (आभासी संगोष्ठी) को संबोधित करते हुए, जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत एलएसी पर किसी भी स्थिति में बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा!

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नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार (आभासी संगोष्ठी) को संबोधित करते हुए, जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत एलएसी पर किसी भी स्थिति में बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा!
नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार (आभासी संगोष्ठी) को संबोधित करते हुए, जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत एलएसी पर किसी भी स्थिति में बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा!

चीनी सेना अब “अप्रत्याशित परिणाम” का सामना कर रही है

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर किसी भी तरह के स्थिति बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा और चीनी सेना अब पूर्वी लद्दाख में अपने कुकृत्यों के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा मजबूत प्रतिक्रिया के रूप में अप्रत्याशित परिणामों का सामना कर रही है। इस बीच, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ स्टैन्ड ऑफ के जवाब में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की “आक्रामक” तैनाती ने अपनी मौजूदा परिचालन तत्परता का प्रदर्शन किया और काफी हद तक प्रतिकूल स्थिति का सामना करने में मजबूत स्थिति को दर्शाया है। दोनों नई दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

जनरल रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और इससे निपटने के लिए भारत की स्थिति “स्पष्ट” रही है, देश एलएसी पर किसी भी स्थिति बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा। राष्ट्र के सामने असंख्य बाहरी सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बात करते हुए, जनरल रावत ने पाकिस्तान और चीन के बीच “बढ़ती मिलीभगत” का भी जिक्र किया और कहा कि इससे क्षेत्रीय रणनीतिक अस्थिरता का “सर्वव्यापी खतरा” है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा है।

हम अपनी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के लिए एक प्रायद्वीपीय/ समुद्री थियेटर कमान, एक वायु रक्षा थियेटर कमान और तीन भूमि केंद्रित एकीकृत थिएटर कमांड की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा – “पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पीएलए (चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) को भारतीय रक्षा बल की दृढ़ और मजबूत प्रतिक्रिया के कारण लद्दाख में इसके दुस्साहस के लिए अप्रत्याशित परिणाम भुगतना पड़ रहा है। हमारी स्थिति स्पष्ट है और हम एलएसी के किसी भी स्थिति बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे।”

जनरल रावत ने कहा – “कुल मिलाकर इसलिए सुरक्षा गणना, सीमा टकराव, अतिऋमण और अकारण सामरिक सैन्य चाल-चलन के बड़े टकराव में बदलने की संभावना की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। हमारे दो परमाणु हथियारबंद पड़ोसियों के साथ निरंतर संघर्ष, जिनके साथ भारत ने युद्ध लड़े हैं, दोनों की मिलीभगत से तेजी से कार्यवाही के साथ, क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता का एक बड़ा खतरा पैदा होता है, जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता और रणनीतिक सामंजस्य के लिए खतरा है। ”

जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान सशस्त्र इस्लामवादी विद्रोह और आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा – “तीन दशकों से, पाकिस्तान सेना और आईएसआई – जिसे ‘डीप स्टेट’ के रूप में जाना जाता है, ने जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध छेड़ रखा है और वे अब सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बनावटी बयानबाजी शुरू करने और भारत के भीतर सामाजिक असहमति पैदा करने के लिए झूठी सांप्रदायिक संकीर्णताओं का प्रचार कर गैर-गतिज साधनों का सहारा ले रहे हैं। ”

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

जनरल रावत ने विभिन्न प्रकार के उपायों के माध्यम से भारतीय रक्षा बलों को और विकसित करने के लिए विभिन्न पहलें सूचीबद्ध कीं, जिनमें थियेटर कमांड की स्थापना पर चल रहे कार्य, आवंटित बजट के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए खरीद प्रक्रिया में सुधार, प्रशिक्षण और रसद में तीनों बलों के बीच संयुक्तता सुनिश्चित करने की पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा – “हम अपनी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के लिए एक प्रायद्वीपीय/ समुद्री थियेटर कमान, एक वायु रक्षा थियेटर कमान और तीन भूमि केंद्रित एकीकृत थिएटर कमांड की ओर बढ़ रहे हैं। हम वर्तमान में संरचनाओं और परिवर्तन की रूपरेखाओं को मजबूत करने के अग्रिम चरणों में हैं।”

भारतीय वायुसेना ने अपने सभी फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 एयरक्राफ्ट को पूर्वी लद्दाख के प्रमुख सीमावर्ती हवाई अड्डों और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ कहीं और तैनात कर दिया है।

उभरती भू-राजनीतिक स्थिति का उल्लेख करते हुए, सीडीएस ने कहा कि चीन एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने की अपनी महत्वाकांक्षा के साथ, पहले से ही दक्षिण एशिया, हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) और विशेष रूप से पूर्वी अफ्रीका में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के माध्यम से प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा – “हिंद-प्रशांत (इंडो पैसिफिक) में लगातार बढ़ रहीं चीनी सैन्य समुद्री गतिविधियाँ, आईओआर तटों में भारी निवेश, और दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, पाकिस्तान और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का एसोसिएशन (आसियान) जैसे क्षेत्र में कई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश करना चीनी महत्वाकांक्षा को स्पष्ट करता है।”

जनरल रावत ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण आर्थिक मंदी ने चीन को घर में दमनकारी बना दिया है, लेकिन विदेशों में जैसा कि दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर, और ताइवान जलडमरूमध्य में इसकी आक्रामक स्थिति स्पष्ट है। “भारत के लिए, एलएसी पर सैन्य उत्तेजना के साथ चुनौतियां सामने आई हैं। आने वाले वर्षों में, हम चीन द्वारा कमजोर राष्ट्रों के आर्थिक शोषण के माध्यम से शासन के हितों के एक आक्रामक लक्ष्य के साक्षी होने वाले हैं।”

भारतीय वायु सेना प्रमुख भदौरिया ने कहा कि लद्दाख स्टैन्ड ऑफ के दौरान भारतीय वायुसेना मजबूत स्थिति में रही, जिससे भारत को चीन से किसी भी खतरे से दूर रखने में मदद मिली[1]। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ स्टैन्ड ऑफ के जवाब में भारतीय वायुसेना की “आक्रामक” क्षमताओं की सक्रिय तैनाती ने अपनी मौजूदा परिचालन तत्परता का प्रदर्शन किया और काफी हद तक प्रतिकूल स्थिति का सामना करने में मजबूत स्थिति को दर्शाया।

उन्होंने कहा – “पिछले कुछ महीनों में, पूर्वी लद्दाख में गतिविधियों के जवाब में हमारी आक्रामक क्षमताओं की सक्रिय तैनाती, वायु हथियारों की तैनाती के साथ-साथ सेना के लड़ाकू तत्वों की तेजी से आवाजाही, आज भारतीय वायुसेना की परिचालन तत्परता को दर्शाती है।”

उन्होंने कहा, “यह हमारा विश्वास है कि हमारी अति-सक्रिय कार्रवाई और मजबूत स्थिति आगे की प्रतिकूल स्थिति को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है…हम उम्मीद करते हैं कि जारी बातचीत के माध्यम से एलएसी पर शांति और स्थिरता बहाल की जाएगी।” भारतीय वायुसेना ने अपने सभी फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 एयरक्राफ्ट को पूर्वी लद्दाख के प्रमुख सीमावर्ती हवाई अड्डों और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ कहीं और तैनात कर दिया है। राफेल जेट के नए शामिल बेड़े ने भी पूर्वी लद्दाख के लिए उड़ानें भरी हैं।

[पीटीआई इनपुट्स के साथ]

संदर्भ:

[1] IAF’s strong posturing during Ladakh standoff helped India ward off any threat from China: Air chief BhadauriaNov 6, 2020, ToI

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