मैं 2019 के चुनावों में भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ही समर्थन करूँगी निम्नलिखित स्वार्थी प्राथमिकताओं के कारण:
1) मैं चाहती हूँ कि भारत मजबूत एवँ निपुण राष्ट्र के रूप में उभरकर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ना केवल सेना को घुसपैठियों/अलगाववादियों के खिलाफ कार्यवाही करने की आजादी दी है बल्कि आवश्यक रक्षा संबंधी खरीददारी भारत के लिए अनुकूल शर्तों पर करने के लिए निश्चितता का प्रदर्शन किया है।
परंतु, मैं ईमानदारी से आशा करती हूँ कि उनकी टीम काफी समय से विलंबित एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) जैसी समस्याओं को जल्द ही हल करेगी ताकि हमारे दिग्गजों के मनोबल को बढ़ावा मिले।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना मोदी सरकार की सबसे साहसिक पहल है जिसके अंतर्गत 500 मिलियन कम आयवाले भारतीयों को 500,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। इसे विश्व की सबसे महत्त्वाकांक्षी सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना बताया गया है।
2) मैं चाहती हूँ कि भारत विश्व का एक ऐसा शांतिपूर्वक देश बने जिसमें उसकी संप्रभुता को चुनौती देनेवाली कोई भी प्रमुख सामाजिक या राजनीतिक उथल-पुथल ना हो। प्रधानमंत्री द्वारा दुष्ट गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), धार्मिक संगठनों, शिक्षण संस्थानों इत्यादि के रूप में प्रच्छन्न होनेवाले असामाजिक तत्त्वों पर की गई कार्यवाही मुझे जबरदस्त आशा देती है।
मुझे आशा है कि फिर से चुने जाने के बाद उनकी व्यवस्था ऐसे असामाजिक तत्त्वों पर शिकंजा कसेगी क्योंकि वे जैसे दिखाई देते हैं उसकी तुलना में कई अधिक खतरनाक है।
3) मैं चाहती हूँ कि देश के हर एक गाँव में शुद्ध पीने का पानी, निर्बाध बिजली आपूर्ति, अच्छी सड़कें एवँ पाठशालाएं जैसी मूलभूत सुविधाएं हो। मोदी सरकार के प्रयासों की वजह से आज भारत विश्व में सौर ऊर्जा के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
मुझे खुशी है कि सरकार द्वारा गरीबों के लिए ली गईं पहल जैसे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्या) और प्रधानमंत्री आवास योजना अच्छी तरह से लागू किए गए हैं।
मैं आशा करती हूँ कि बिजली को अंतिम गाँव तक पहुंचाने के बाद अब प्रधानमंत्री की टीम पूर्वावश्यक, स्वास्थ्य देखभाल, रक्षा एवँ ग्रामीण और शहरी विकास के क्षेत्रों में अन्य सारे बड़े उपक्रमों को संपन्न करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। यहाँ मुझे थोड़ी चिंता हो रही है क्योंकि यदि विपक्ष सत्ता में आ गया तो वे भाजपा की सारी अच्छी नीतियों और योजनाओं को खारिज कर देगी। इसलिए 2019 में 2004 के घटनाक्रम को नहीं दोहराना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना मोदी सरकार की सबसे साहसिक पहल है जिसके अंतर्गत 500 मिलियन कम आयवाले भारतीयों को 500,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। इसे विश्व की सबसे महत्त्वाकांक्षी सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना बताया गया है।
4) मैं चाहती हूँ कि सरकार करदाता के पैसों का सही तरीके से उपयोग करे।
इस सम्बन्ध में, जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए 300 मिलियन नए बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण (डीबीटी) ने करदाता के पैसे की बर्बादी पर, रिसाव पर अवरोधक लगाकर, रोक लगाई है।
परंतु मैं यह भी आशा करती हूँ कि सरकार और भी ऐसे प्रगतिशील विचार लेकर आएगी जिससे इसी तरह के उपाय एकीकृत कर बिखराव को कम किया जा सके।
जम्मू कश्मीर से अधिनियम 370 को हटाना, हिंदू मन्दिरों से करों हो हटाना, शिक्षा प्राप्ति का अधिकार अधिनियम और अन्य ऐसे बहुसंख्य विरोधी नियमों को अगले कुछ वर्षों में सही किया जाए या पूर्णतः हटाया जाना चाहिए।
5) मेरी इच्छा है कि दुनिया भारत एवँ भारतीयों को सम्मान के साथ देखे और उनका स्वागत किया जाए।
जब से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम ने दुनिया के हर कोने में भारत के गौरव को पुनः स्थापित किया है, मैंने ये चाहती हूँ कि वे देश को और ऊंचाईयों तक ले जाए।
6) मैं चाहती हूँ कि छोटे एवं मध्यम व्यापारों, रोजगार बाजार, शिक्षा व्यवस्था और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था कामयाब हो और दुनियाभर में नए मानक स्थापित करे।
उद्यमशील वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के मुद्रा योजना के अंतर्गत 40 मिलियन से अधिक ऋण छोटे एवं मध्यम उद्यमकर्त्ताओं को कम या बिना कोई जमानत के दिए गए।
मैं ये भी आशा करती हूँ कि उद्यमशील वातावरण को “एक देश, एक कर”, जीएसटी, दिवाला एवँ दिवालियापन कोड द्वारा बुरे ऋणों की वसूली और कड़े लेकिन अनुकूल कर कानूनों इत्यादि के माध्यम से अधिक मजबूत बनाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सरकार विकास के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए और भी ऐसी योजनाएं लेकर आएगी।
7) अंततः मैं ये भी जानती हूँ कि भारत को ना ही पाँच वर्षों में निर्माण किया गया और ना ही 70 वर्षों में नष्ट किया गया। लगभग 700 वर्षों के धार्मिक अत्याचार और उपनिवेशवाद ने देश के उत्साह को नष्ट कर दिया और उस उत्साह को फिर से बनाने के लिए कम से कम 20 साल लगेंगे।
सरकार की अधिकांश योजनाएं चल रही हैं और एक करदाता होने के नाते मेरे लिए यही सबसे अहम बात है (जी मैं भारत सरकार की एक पंजीकृत करदाता हूँ)। इसलिए ये पैसों का सही निवेश है और खर्च नहीं!
अंत में, मैं ये आशा करती हूँ कि समान नागरिक संहिता, जम्मू कश्मीर से अधिनियम 370 को हटाना, हिंदू मन्दिरों से करों हो हटाना, शिक्षा प्राप्ति का अधिकार अधिनियम और अन्य ऐसे बहुसंख्य विरोधी नियमों को अगले कुछ वर्षों में सही किया जाए या पूर्णतः हटाया जाना चाहिए।
हमे देश को सही मायने में धर्म निरपेक्ष बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसका मतलब है सरकार को किसी भी धर्म का प्रचार नहीं करना चाहिए और धर्म केवल निजी मामला होना चाहिए ना कि तुष्टिकरण या चुनिंदा अधिनियमन का साधन।