‘द कश्मीर फाइल्स’ के खिलाफ बीबीसी के फ़र्ज़ी एजेंडे का विरोध
एक ट्विटर हैंडल @thehawkeyex जिसके 42000 से अधिक फॉलोअर्स हैं और जो लिबरल एजेंडे को उजागर करने के लिए जाना जाता है, ने एक बार फिर तथ्यों के साथ ‘द कश्मीर फाइल्स‘ के खिलाफ बीबीसी का फर्जी प्रचार उजागर किया है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें बीबीसी को कुछ कश्मीरी पंडितों का साक्षात्कार करते देखा जा सकता है, इसमें वे लोग फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर निशाना साध रहे हैं।
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वीडियो में कश्मीरी पंडितों को हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए भाजपा पर आरोप लगाते हुए भी दिखाया गया है। वीडियो में यह भी दिखाई दे रहा है कि बीबीसी द्वारा इंटरव्यू में लिए जा रहे लोगों ने कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 2024 के आम चुनाव की जमीन तैयार करने का बीजेपी का एजेंडा है।
बीबीसी के प्रचार को उजागर करते हुए, @thehawkeyex ने ट्वीट किया – “बीबीसी ने #TheKasmirFiles पर ‘असली’ KPs (कश्मीरी पंडित) के विचारों का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसने आईएनसी, सीपीएम और पूरी वामपंथी मंडली द्वारा प्रचारित 1mn (1 मिलियन) हिट हासिल की। आइए एक नजर डालें कि उन्होंने वास्तव में केपी की ‘असली’ आवाज का प्रतिनिधित्व किया या सिर्फ बीबीसी के प्रोपेगैंडा के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किये गए हैं।”
हैंडल ने आगे ट्वीट किया – “बीबीसी ने जम्मू में जगती टाउनशिप का चयन किया, जहां “निवासी” फिल्म को ‘2024 के लिए राजनीतिक स्टंट‘ बताकर इसकी आलोचना कर रहे हैं। यह स्पष्ट कर दें कि यह स्थान और इन 3-4 लोगों को बेतरतीब (रेंडम) ढंग से नहीं चुना गया। इसके पीछे एक खास एजेंडा है।”
@thehawkeyex ने यह कहते हुए सबूत दिए हैं कि वीडियो में एक ‘निवासी’ शादीलाल पंडिता (कुछ के साथ) दिखाई दे रहे हैं। पंडिता वर्तमान में स्थानीय कांग्रेस द्वारा समर्थित राहत मांग के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
हैंडल ने शादीलाल पंडिता के सोशल मीडिया पोस्ट और सार्वजनिक साक्षात्कारों के स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं, जिससे पता चलता है कि वह भाजपा के कट्टर विरोधी हैं।
वीडियो में, ‘टिशू पेपर‘ डायलॉग देने वाले व्यक्ति की पहचान सुनील पंडिता के रूप में की जा सकती है, जो एक स्थानीय ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन‘ कार्यकर्ता है।
जब सुनील पंडिता ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए, तो उन्हें अपने साथी कश्मीरी हिंदुओं से प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उन्हें भद्दी टिप्पणियों के साथ जवाब दिया।
ट्विटर हैंडल ने यह कहते हुए अपनी बात को समाप्त किया कि बीबीसी ने अपने भारत विरोधी एजेंडे को “कश्मीरी पंडितों के वास्तविक दृष्टिकोण” के रूप में दर्शाया है। उन्होंने कभी भी कश्मीरी पंडित की कहानी को दुनिया के साथ साझा करने की हिम्मत नहीं की, लेकिन ईमानदार प्रयासों को खराब करने के लिए कूद गए।
उन्होंने कहा, #TheKashmirFiles सिर्फ एक फ़िल्म नहीं है, यह एक पीड़ादायक सच्चाई है जिसे समाज के सामने आने में 3 दशकों तक इंतजार करना पड़ा।
ट्विटर हैंडल द्वारा पोरपगैंडा वीडियो का पर्दाफाश करने के बाद, बीबीसी अपने वीडियो में पंडितों के साक्षात्कार के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए दौड़ पड़ा है। स्क्रीनशॉट को @thehawkeyex ने ट्वीट करते हुए साझा किया है, “नेटिज़न्स द्वारा उजागर और प्रचारित वीडियो के बाद, बीबीसी ने स्पष्टीकरण जारी किया: 1. ये लोग राजनीतिक रूप से संबद्ध हैं 2. वे पूरे कश्मीरी पंडित समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। @BBCHindi @BBCIndia ने यूट्यूब पर भी विवरण अपडेट कर दिया है।”
After the propaganda video exposed & amplified by netizens, BBC issued CLARIFICATION:
1. These ppl are politically affiliated
2. They do NOT represent entire Kashmiri Pandit community.@BBCHindi @BBCIndia update same on YouTube description as well. pic.twitter.com/OWBg6iAq8t— The Hawk Eye (@thehawkeyex) March 22, 2022
यह बार-बार स्पष्ट है कि कश्मीर पर बीबीसी की रिपोर्ट विश्वसनीय कभी नहीं होती। यहां तक कि भारत से संबंधित सामान्य मुद्दों पर भी, बीबीसी ने भारत विरोधी कहानी को हवा देने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की एक उल्लेखनीय प्रवृत्ति प्रदर्शित की है।
इससे पहले, जब भारत ने नृशंस पुलवामा हमले के बाद जवाबी हवाई हमला किया था, तब बीबीसी को उनके कश्मीर खंड में केवल भारत विरोधी विचारों को चुनिंदा रूप से प्रसारित करने के लिए उजागर किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है कि बीबीसी ने कश्मीर पर पक्षपाती या फर्जी खबरें चलाई हैं।
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