आरबीआई ने केवी कामथ को व्यवसायियों के भारी भरकम कर्ज पर विवादों को सुलझाने और निपटाने का काम सौंपा है, यह ऐसा ही है जैसे कि लोमड़ी को मुर्गे की रक्षा के लिए कहना

केवी कामथ - एक और संदिग्ध नियुक्ति, जिससे आश्चर्य होता है कि वित्त मंत्रालय आखिर चला कौन रहा है?

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केवी कामथ - एक और संदिग्ध नियुक्ति, जिससे आश्चर्य होता है कि वित्त मंत्रालय आखिर चला कौन रहा है?
केवी कामथ - एक और संदिग्ध नियुक्ति, जिससे आश्चर्य होता है कि वित्त मंत्रालय आखिर चला कौन रहा है?

भ्रष्ट व्यक्तियों के पास सत्ता में आने वाले किसी भी व्यक्ति से हमेशा संबंधों में बने रहने का अपना तरीका होता है। इस तरह का एक ताजा प्रबल उदाहरण रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) द्वारा आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीएमडी केवी कामथ को निपटारण तंत्र की विशेषज्ञ समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त करना है। इस समिति का मुख्य एजेंडा विशाल ऋण अपराधों पर विवादों को निपटाने के दिशा-निर्देशों पर गौर करना है। कामथ को आरबीआई द्वारा कैसे चुना गया जबकि वह आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप और एनडीटीवी को भारी ऋण धोखाधड़ी को मंजूरी देने की सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं?

पीगुरूज ने कामथ के ऋण धोखाधड़ी में शामिल होने के बारे में बहुत सारे लेख लिखे हैं। उनकी शागिर्द और आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर पहले ही सीबीआई और ईडी के सामने कबूल कर चुकी हैं कि उनके द्वारा जारी किए गए सभी विवादास्पद ऋण कामथ की अगुवाई वाली समिति की मंजूरी से दिये गये। यह सर्वविदित है कि कामथ धीरूभाई अंबानी के विश्वासपात्र व्यक्ति थे और वह 2006 में रिलायंस कंपनियों के मुकेश और अनिल अंबानी के बीच बंटवारे में परिवार के मध्यस्थ थे[1]

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को लिखे पत्र में, एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने आरोप लगाया कि कामथ चंदा कोचर (पूर्व एमडी और सीईओ) के साथ उस समिति का भी हिस्सा थे, जिसने वीडियोकॉन समूह को ऋण स्वीकृत किया था।

आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन और एनडीटीवी को दिए गए अधिकांश ऋण जो अब सीबीआई, ईडी, और आयकर विभाग राडार के अधीन हैं, को यूपीए शासन के दौरान वित्त मंत्री चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कृपा से इसे मंजूरी दी गई थी[2]

इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़े।

ग्रैंड ओल्ड बैंकर (पुराने बैंक कर्मचारी) कामथ सभी व्यवसायियों के प्रिय हैं और इन व्यवसायियों ने बीजेपी सरकार पर दबाव बनाया है कि वह कामथ को सीबीआई से बचाए। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) अब आरबीआई की नई नियुक्ति के खिलाफ जोरदार तरीके से विरोध किया है, क्योंकि काम उन कामथ को सौंपा गया है, जो भारी ऋण धोखाधड़ी के लिए सीबीआई और ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को लिखे पत्र में, एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने आरोप लगाया कि कामथ चंदा कोचर (पूर्व एमडी और सीईओ) के साथ उस समिति का भी हिस्सा थे, जिसने वीडियोकॉन समूह को ऋण स्वीकृत किया था।

समूह को स्वीकृत ऋण अब केंद्रीय जांच ब्यूरो की जाँच के तहत हैं। वेंकटचलम ने कहा, “हम आशा करते हैं कि आरबीआई इस निर्णय की समीक्षा करेगा और विशेषज्ञ समिति का पुनर्गठन करेगा[3]।”

संक्षेप में, आरबीआई द्वारा केवी कामथ को बड़े ऋणों के निपटारण और व्यवसायियों के ऋण विवादों को हल करने के लिए नियुक्त किया जाना, ऐसा है जैसे लोमड़ी को मुर्गे की रक्षा करने के लिए कहना।

संदर्भ:

[1] आईसीआईसीआई बैंकर के वी कामथ के अगले वित्त मंत्री बनने की अफ़वाह कौन फैला रहा है?Jun 3, 2020, hindi.pgurus.com

[2] Chidambaram knew the ICICI Bank – Videocon Rs.40,000 crore loan and other dubious dealsApr 4, 2018, PGurus.com

[3] AIBEA seeks reconstitution of K V Kamath’s resolution panelAug 10, 2020, Businessline

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