बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करने के आदेश को चुनौती देगा अभियोजन पक्ष

आरोप है कि उन्होंने 2014 और 2016 के बीच कुरुविलंगड, कोट्टायम में मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्वेंट की नन के साथ बलात्कार किया था

0
476
बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करने के आदेश को चुनौती देगा अभियोजन पक्ष
बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करने के आदेश को चुनौती देगा अभियोजन पक्ष

बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर चल रहे बलात्कार मामले में नया मोड़

केरल की एक अदालत ने शुक्रवार, 14 जनवरी को जालंधर डायोसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 44 साल की नन से बलात्कार के आरोप में बरी कर दिया था।

फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 2014 और 2016 के बीच कुरुविलंगड, कोट्टायम में मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्वेंट की नन के साथ बलात्कार किया था।

21 सितंबर 2018 को वहां पांच नन ने मिल कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था तब जा कर कहीं बिशप को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बिशप को 16 अक्टूबर 2018 को जमानत दे दी गई थी लेकिन 13 जुलाई 2020 को उनकी जमानत रद्द कर दी गई थी क्योंकि वह कई सुनवाई में उपस्थित नहीं हो पाए थे।

कोट्टायम के अतिरिक्त फैसला सुनाने वाले डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट न्यायधीश-आईजी गोपकुमार, ने अपने आदेश में कहा था कि पीड़िता के इन्कंसिस्टेंट वर्जन को देखते हुए कोर्ट का मानना है कि उसे ठोस गवाह के रूप में नहीं देखा जा सकता है। हालांकि नन ने बाद में कहा था कि उसने भय के कारण ऐसा किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गवाहों में से एक की गवाही को भी डिस्क्रेडिट कर दिया गया था, जब उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा था कि उसका बयान पुलिस के दबाव में दिया गया था और यह सच नहीं था।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.