क्या #नकलीगाँधी असली गांधी की विरासत और नाम का दुरुपयोग बंद करेंगे? क्या उन्हें #नामचोर कहकर नैतिक रूप से उनकी निंदा की जानी चाहिए?
2004 में आउटलुक पत्रिका के लिए एमवी कामथ ने भारत रत्न डॉ अंबेडकर को उद्धृत करते हुए एमके गांधी की हत्या के बारे में अंबेडकर की राय और लेख प्रस्तुत करते हुए लिखा: “मुझे लगता है कि श्री गांधी की मृत्यु के बाद अच्छा होगा। यह लोगों को अतिमानवों के गुलामी से मुक्त करेगा, स्वयं के लिए सोचने और उन्हें अपनी योग्यता पर खड़े होने के लिए मजबूर करेगा।”(1) भीमजी की प्रतिक्रिया भारत पर हुए एक दुर्भाग्यपूर्ण राजनीतिक अभिशाप पर दुर्लभ संतोष और आशावाद की थी। अफसोस की बात है कि, एक आदमी और उसकी छोटी स्वतंत्र गुट के विस्फोट का शिकार केवल एक समूह को बनाया गया यानी जो हिंदुत्ववादी थे और काफी हद तक गोडसे या उनके हमवतन लोगों के साथ जुड़े हुए नहीं थे (2)।
पुस्तक अब अप्राप्य है और इसे शायद ही पाया जा सकता है और निश्चित रूप से भारत में आयात नहीं किया जा सकता क्योंकि यह कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। कौन सच से डरता है? कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंध को क्यों लागू किया और बनाए रखा?
गांधी की हत्या के अपराध के लाभार्थी कौन थे?
जिस समूह को इस अपराध से सबसे ज्यादा फायदा हुआ, वह था नेहरू परिवार, नेहरू के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस पार्टी और जो उनके परिवार के नेतृत्व में आज तक चल रही है। बेशक, वास्तव में, वर्तमान कांग्रेस पार्टी एक “भव्य पुरानी” पार्टी नहीं है, बल्कि इंदिरा कांग्रेस के नाम से बुलायी जानेवाली एक सापेक्ष नवागंतुक जिसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम हड़प लिया। उम्मीद है कि आधुनिक भारतीय राजनीति के इतिहास के चतुर पर्यवेक्षक ने इन तथ्यों को इकट्ठा किया होगा, यदि वर्तमान समय के (इंदिरा) कांग्रेस पार्टी द्वारा इस्तेमाल किए गए अलग-अलग प्रतीकों से नहीं, जो कथित रूप से केरल मंदिर के देवी पार्वती का हाथ है । एकान्त में, कृपया सोचें कि बदले में इस परिवार और उनकी पार्टी ने हिंदुओं के प्रति किस प्रकार आभार व्यक्त है।
गांधी के नेतृत्व वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का असली चिह्न, वास्तविक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आयएनसी) चरखा (रतनम) है। यहां तक कि अगर इसे क्षमा भी किया जाए, तो हम इसे कैसे क्षमा कर सकते हैं कि उन्होनें किसीका पारिवारिक नाम हड़प लिया है जो ना तो खानदान से और ना ही विवाह द्वारा उनसे संबंधित है?
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले, एमके गांधी के एक पड़पोते ने स्पष्ट रूप से राहुल और उनके परिवार को अपने परदादा “गांधी” के नाम का दुरुपयोग करने से परहेज करने को कहा था। यह एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध टेलीविजन चैनल में प्रसारित किया गया था (3)।
यदि कभी कोई अपराध, जैसे कि हत्या किया जाए, अक्सर ऐसा व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह जिन्हें सबसे अधिक लाभ होता है उन्हें स्वचालित संदिग्ध या संदिग्ध-उसकानेवाला माना जाता है और कम से कम पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच की जाती है। परंतु, प्रतीत होता है कि एमके गांधी की हत्या के मामले में ऐसा कभी नहीं हुआ और वो भी तब जब लाभार्थी स्पष्टतः दिखायी दे रहे हों।
प्राप्त किया गया लाभ न केवल राजनैतिक शक्ति थी बल्कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की विशाल सम्पत्ति पर आभासी तानाशाही पकड़ के साथ पूरे देश पर निरंकुश लोहे की पकड़ भी थी। पकड़े जाने के छोटे से जोखिम के लिए एक बहुत बड़ा लाभांश यदि कभी भी पता चला तो। क्या यही कारण है कि सत्ता में रहते हुए, एमके गांधी की हत्या की जांच पर सवाल उठाते हुए एक इतालवी ने लिखे पुस्तक पर पार्टी ने प्रतिबंध लगा दिया? पुस्तक अब अप्राप्य है और इसे शायद ही पाया जा सकता है और निश्चित रूप से भारत में आयात नहीं किया जा सकता क्योंकि यह कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। कौन सच से डरता है? कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंध को क्यों लागू किया और बनाए रखा? (4)
उपरोक्त खुलासे के पीछे जो आदमी (और अल्पज्ञात एनजीओ, अभिनव भारत) है वह गांधी हत्या मामले में और भी विसंगतियों को उजागर कर रहा है (5)। आज तक न केवल जाँच ना किए गए संभावित संदिग्ध स्वतंत्र घूम रहे हैं बल्कि मामले में बहुत ज्यादा अंतराल के रिकॉर्ड भी हैं। पुलिस रिकॉर्ड और गवाहों के बयानों से लेकर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और भारत और दुनिया भर की अखबारों की रिपोर्ट तक, अलग-अलग कागजों के समूह और अधिकृत दस्तावेजें अलग-अलग तरह की गोलियों की आवाज और बंदूक की गोली के घावों और/या गोलियों की अलग-अलग संख्या बताते है। कार्यकर्ता ने इस उपेक्षित गाथा से संबंधित विभिन्न मुद्दों के लिए मुंबई उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें ऊपर उल्लिखित पुस्तक पर प्रतिबंध हटाने से लेकर गांधी जी की हत्या पर विशेष संदर्भ के साथ जांच को फिर से खोलने तक की याचिका है जिसमें कार्यकर्ता ने जिन कई विसंगतियों की खोज की है उनका विशेष उल्लेख किया गया है। प्रतीत होता है कि उसने उन तथ्यों को न्यायालयों में प्रस्तुत किया है।
गोडसे और गांधी की हत्या के पीछे योजना बनाने वाला व्यक्ति कौन था?
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को संभवतः आंशिक रूप से इस आधार पर क्षमा कर सकता है कि खबरों को टेलीग्राम और वायर के माध्यम से जल्दबाजी में गलत तरीके से प्रसारित करने के कारण विसंगतियां पैदा हुई। हालाँकि, लगभग सभी मीडिया घरों के पास स्थल में मौजूद ग्राउंड रिपोर्टर रहे होंगे और यकीनन केवल तकनीकी सीमाएं और गलतफहमी विविधताओं को स्पष्ट नहीं कर सकती हैं। इतना कहने पर भी, पुलिस, कोरोनर, गवाह के बयान या रिकॉर्ड और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के भीतर की विसंगतियों की आज तक जांच, व्याख्या और सुलह नहीं हुई है। यह सब अनावश्यक जल्दबाजी और संभवतः जांच और दोष की नियुक्ति में गंभीर कमी की ओर इशारा करता है (4, 6, 7)।
ऐसा कौन करेगा और क्यों, विशेषकर जब मृत व्यक्ति राष्ट्र के पिता थे? ऐसे कृत्यों में कौन सक्षम होगा? सोचिए।
राजनीतिक लाभ के लिए बार-बार प्रतिरूपण करना?
उपरोक्त मामले के साथ ही अब प्रियंका वाड्रा ने गांधी के नाम और उनकी विरासत का भी दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है:
In the simple dignity of Sabarmati, the truth lives on.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 12, 2019
“I object to violence because when it appears to do good, the good is only temporary; the evil it does is permanent.”
Mahatma Gandhi pic.twitter.com/bxh4cT3Y5O
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 12, 2019
वैसे, वह हिंसा का जिक्र क्यों कर रही है? क्या वह अपनी मां के चर्च और पोप को जारी और पिछले समय में हुए बाल बलात्कार और नरसंहार पर सलाह दे रही है? (8, 9)
उसके नाना का नाम फिरोज जहांगीर “गैंडी” था (कैंडी के साथ स्वरसाम्य करता है और गांधी से कोई लेना देना नहीं है) और उसके पति का नाम रॉबर्ट वाड्रा है। उसके पिता ने, उसके दादी के नक्शेकदम पर चलते हुए, गांधी को उपनाम के रूप में इस्तेमाल किया था। दावा है कि इंदिरा नेहरू के पति फिरोज जहांगीर ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद खुद का नाम बदलकर फिरोज गांधी रख लिया था। इसके प्रमाण क्या हैं? एकमात्र विश्वसनीय साक्ष्य रामचंद्र गुहा की पुस्तकों में से एक के फुटनोट में उद्धृत असंदर्भित अफ़वाह है (10, 11)। यदि यह सत्य भी हो तो फिरोज जहाँगीर को व्यक्तिगत लाभ के लिए नामों को हड़पनेवाला बनाता है, जो संभवतः धोखाधड़ी और प्रतिरूपण के अपराध के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते है।
गोडसे और गांधी की हत्या के पीछे योजना बनाने वाला व्यक्ति कौन था? क्या #नकलीगाँधी असली गांधी की विरासत और नाम का दुरुपयोग बंद करेंगे? क्या उन्हें #नामचोर कहकर नैतिक रूप से उनकी निंदा की जानी चाहिए? भारत में सत्यमेव जयते केवल एक नारा न रह कर कब वास्तविकता बनेगी या क्या ये केवल एक कल्पना बनकर रह जाएगी ?
ध्यान दें:
1. यहां व्यक्त विचार लेखक के हैं और पी गुरुस के विचारों का जरूरी प्रतिनिधित्व या प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।
संदर्भ:
- Kamath MV What If Godse’s Bullets Had Missed Gandhi? https://www.outlookindia.com/. Available at: https://www.outlookindia.com/magazine/story/what-if-godses-bullets-had-missed-gandhi/224860 [Accessed December 14, 2018].
- Elst DK (2018) Nathuram Godse’s ties with the RSS. Bharata Bharati. Available at: https://bharatabharati.wordpress.com/2018/02/02/nathuram-godses-ties-with-the-rss-koenraad-elst/ [Accessed February 2, 2018].
- CNN-News18 (2014) Mahatma’s great grandson asks Rahul not to use Mahatma’s name in polls (Youtube) Available at: https://www.youtube.com/watch?v=ivuvz_iaPFo [Accessed March 13, 2019].
- Abhinav Bharat Available at: http://www.abhinavbharat.org/blog.html [Accessed December 16, 2018].
- Abhinav Bharat Available at: http://www.abhinavbharat.org/about_pankaj.html [Accessed December 16, 2018].
- Mumbai resident moves SC again for reprobe into Mahatma Gandhi’s assassination The Week. Available at: https://www.theweek.in/news/india/2018/10/02/mumbai-resident-moves-sc-again-for-reprobe-into-mahatma-gandhi-assassination.html [Accessed December 14, 2018].
- Naveen P (2018) Review petition in SC seeks re-investigation into Gandhi’s assassination. The Times of India. Available at: https://timesofindia.indiatimes.com/india/review-petition-in-sc-seeks-re-investigation-into-gandhis-murder/articleshow/66038320.cms [Accessed December 14, 2018].
- Wikipedia contributors (2018) Catholic Church sexual abuse cases. Wikipedia, The Free Encyclopedia. Available at: https://en.wikipedia.org/w/index.php?title=Catholic_Church_sexual_abuse_cases&oldid=836032052 [Accessed April 21, 2018].
- Singh S (2018) Know about the bloody role the Church played in the country PM Modi visited yesterday. rightlog.in. Available at: https://rightlog.in/2018/07/rwanda-genocide-church-01/ [Accessed July 28, 2018].
- Wikipedia contributors (2018) Feroze Gandhi. Wikipedia, The Free Encyclopedia. Available at: https://en.wikipedia.org/w/index.php?title=Feroze_Gandhi&oldid=871571385 [Accessed December 14, 2018].
- Guha R (2017) India After Gandhi: The History of the World’s Largest Democracy (Pan Macmillan) Available at: https://market.android.com/details?id=book-AW4sDwAAQBAJ.
- प्रियंका वाड्रा ने गांधी के नाम और विरासत के अवैध दुरुपयोग को जारी रखा - March 24, 2019
- नेहरू, पेट्रो-डॉलर आर्थिक साम्राज्यवाद के जन्मदाता - September 16, 2018
- पीटर फ्रेडरिच के गाँधी, हिंदू संगठन आरएसएस और वीएचपी विरोधी लेख का प्रतिउत्तर - September 4, 2018