डिजिटल करेंसी की दिशा में बढ़ते कदम, इसी साल पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगी लॉन्च!

इसी साल पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल बैंक डिजिटिल करेंसी (सीबीडीसी) को लॉन्‍च किया जाएगा।

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भारत सरकार की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी इसी साल होगी लॉन्च
भारत सरकार की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी इसी साल होगी लॉन्च

भारत सरकार की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी इसी साल होगी लॉन्च

देश में डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अहम कदम उठाने जा रहा है। इसी साल पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल बैंक डिजिटिल करेंसी (सीबीडीसी) को लॉन्‍च किया जाएगा। आरबीआई ने शुक्रवार को कॉन्सेप्ट पेपर में इस बात की जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने कहा कि जल्द ही विशेष उपयोग से जुड़े मामलों के लिए सीबीडीसी को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च किया जाएगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर कॉन्सेप्ट नोट सामान्य रूप से डिजिटल करेंसी और डिजिटल रुपये की विशेषताओं के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए जारी किया गया है।

सीबीडीसी को इसे क्रॉस बॉर्डर पेमेंट के लिए काफी अहम माना जा रहा है। आरबीआई भी लगातार इस कोशिश में जुटा हुआ है और इस सिलसिले में अमेरिकी फिनटेक कंपनी एफआईएस से बातचीत जारी है। भारतीय रिजर्व बैंक कुछ समय के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान के बारे में आकलन करेगा और इस दिशा में काम जारी है। डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने से पहले चार सरकारी बैंकों से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के लिए पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू करने को कहा है।

सीबीडीसी से नागरिकों को नगद रुपये रखने की जरूरत नहीं होगी। ये भी मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी। खास बात है कि सीबीडीसी रखने पर लोगों को ब्याज भी मिलेगा। सीबीडीसी को आप अपने मोबाइल के वॉलेट में रख सकते हैं या फिर अपने अकाउंट में रख सकते हैं।

बता दें कि इस साल फरवरी को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आने वाले फाइनेंशियल ईयर में आरबीआई द्वारा सीबीडीसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की थी। वहीं, एफआईसीसीआई (फिक्की) के एक कार्यक्रम में वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक सीबीडीसी के विभिन्‍न व्यावसायिक उपयोग की संभावनाओं को टटोलने में लगे हैं।

उन्होंने ने कहा कि सरकार का इरादा डिजिटल करेंसी से केवल वित्‍तीय समावेशन के उद्देश्‍यों को पूरा करना नहीं है बल्कि इसके साथ ही विभिन्‍न व्‍यावसायिक लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करना भी है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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