भारत रूस से खरीदेगा दुनिया का सबसे बड़ा बॉम्बर

नाटो की सेना इसके प्रकोप को देखते हुए Tu-160 को ब्लैक जैक के नाम से बुलाती है।

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भारत रूस से खरीदेगा दुनिया का सबसे बड़ा बॉम्बर
भारत रूस से खरीदेगा दुनिया का सबसे बड़ा बॉम्बर

भारत की वायु सेना जल्द रूस से टुपोलेव Tu-160 को खरीद सकती है!

चीन अक्सर भारत से सीमा पर उलझने का प्रयास करता है। दशकों तक दोनों देशों के मध्य कोई खूनी झड़प नहीं होने के बाद दो वर्ष पूर्व अचानक गलवान में हुई घटना ने देश को चीन की ओर से बढ़ रहे खतरे के प्रति सोचने पर मजबूर कर दिया था। चीन ने उन दिनों तनाव बढ़ने पर अपना सबसे बेहतरीन स्ट्रैटेजिक बॉम्बर विमान एच-6के सीमा के नजदीक तैनात कर दिया था। इस विमान का कोई जवाब भारत के पास नहीं होने के बाद भारतीय वायु सेना ने पहली बार स्ट्रैटेजिक बॉम्बर विमान की कमी महसूस की थी।

दो सालों बाद अब भारत चीन के इस स्ट्रैटेजिक बॉम्बर का जवाब दुनिया के सबसे शक्तिशाली बॉम्बर से देने जा रहा है। खबरों के मुताबिक भारतीय वायु सेना जल्द रूस से टुपोलेव Tu-160 को खरीद सकती है। रूस के इस घातक बॉम्बर को इसके रंग रूप की वजह से व्हाइट स्वान भी कहते हैं। वहीं नाटो की सेना इसके प्रकोप को देखते हुए Tu-160 को ब्लैक जैक के नाम से बुलाती है। आवाज से भी लगभग दोगुनी तेज गति से चलने वाले इस बॉम्बर को दुनिया का सबसे भारी बॉम्बर कहा जाता है। 2,220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ने वाला यह विनाशकारी बॉम्बर बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक पलक झपकते ही अंजाम दे सकता है। तुलना के लिए, अगर भारत वापस बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक करता है तो इस एयर स्ट्राइक को अंजाम देकर वापस आने में भारतीय सेना को महज 15 सेकंड का समय लगेगा।

52 हजार फ़ीट की ऊंचाई से उड़कर बम बारी करने की क्षमता रखने वाले इस बॉम्बर से अमेरिका भी खौफ खाता है। यह बॉम्बर अधिकतर दूसरे देशों में जाकर परमाणु बम गिराने के लिए काम में लिए जाते हैं। परमाणु बमों के अलावा पारंपरिक मिसाइल, रणनीतिक क्रूज मिसाइल और कम दूरी की निर्देशित मिसाइल भी इस बॉम्बर की मदद से दागी जा सकती है। बेहद तेज रफ़्तार से उड़ने वाले इस बॉम्बर की खूबी है यह कि यह रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आता।

रूस ने सबसे पहले Tu-160 बॉम्बर का निर्माण 1970 में शुरू किया था। 1987 में परीक्षण के बाद रूस ने इसे अपनी वायु सेना के बेड़े में शामिल कर लिया। तब से अब तक रूस कई बार इस विमान को अपग्रेड कर चुका है। फ़िलहाल रूस के पास ऐसे 16 Tu-160 बॉम्बर मौजूद हैं और 10 नए Tu-160 बॉम्बर का निर्माण चल रहा है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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