चीन के नागरिक सीक्रेट भाषा में कर रहे सरकार का विरोध; लोकतंत्र की मांग उठ रही!

सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के तहत सख्त लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था बेहाल हुई है। इसके अलावा लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन जारी है।

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चीन के नागरिक सीक्रेट भाषा में कर रहे सरकार का विरोध
चीन के नागरिक सीक्रेट भाषा में कर रहे सरकार का विरोध

जिनपिंग की तानाशाही का चीन की जनता कर रही विरोध

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ‘ड्रीम चाइना’ का वादा कर सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। लेकिन चीन की आम जनता इसे विफल बता रही है। लोगों का मानना है कि सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के तहत सख्त लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था बेहाल हुई है। इसके अलावा लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन जारी है।

सरकार का विरोध करने पर सख्त सजा का प्रवाधान है। चीन की कुछ सोशल मीडिया साइट पर मंदारिन में सरकार विरोधी पोस्ट को हटा दिया जाता है। ऐसे में यूजर्स ने चीन के अफसरों को समझ में नहीं आने वाली हॉन्गकॉन्ग की कैंटोनीज भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

चीन के अफसर इस सीक्रेट भाषा को डीकोड नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि यूजर्स ने इसे आपस में समझने के लिहाज से विकसित किया है। 2019 के हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के दौरान भी इसका खूब उपयोग किया गया था।

उधर, जिनपिंग के हर कार्यकाल में चीन को वापस महान बनाने का वादा चुनाव कैंपेन में छेड़ा जाता है। जबकि पार्टी ने आम लोगों के सपनों को कुचला है। पार्टी ने अपनी राजनीति और विचारधारा के विरुद्ध कभी कुछ सहन नहीं किया। न ही कल्याणकारी नीतियों को लागू किया।

लोगों का कहना है कि इन्वेस्टमेंट के लिए जिनपिंग विदेशों से उद्यमियों को आमंत्रित करते हैं, लेकिन जनता को आगे नहीं बढ़ाते। 2021 में जिनपिंग ने असंतुलित विकास खत्म करने के नाम पर प्राइवेट ट्यूशन देने पर बैन लगा दिया। इससे मिडिल क्लास नाराज है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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