आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं की कामयाबी
आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं ने छाती के एक्स-रे से कोविड-19 की भविष्यवाणी के लिए एक स्वचालित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समाधान विकसित किया है। यह प्रयोग 2,500 से अधिक छाती के एक्स-रे छवियों के साथ किया गया और 96.75 प्रतिशत से अधिक संवेदनशीलता हासिल की।
आईआईटी जोधपुर द्वारा जारी बयान के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं की टीम ने कोमिट-नेट नामक एक गहन शिक्षण-आधारित एल्गोरिथ्म का प्रस्ताव रखा, जो एक कोविड प्रभावित फेफड़े और एक गैर-कोविड प्रभावित फेफड़े के बीच अंतर करने के लिए छाती के एक्स-रे छवियों में मौजूद असामान्यताओं को बताता है।
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जबकि पिछले वर्षों में एक्स-रे या सीटी स्कैन का उपयोग करके कोविड -19 का पता लगाने में कई शोध अध्ययन हुए हैं, उनमें से कई एक व्याख्यात्मक समाधान का उत्पादन करने में विफल हैं। इस शोध की विशिष्टता प्रस्तावित अध्ययन है जो उस क्षेत्र को नेत्रहीन रूप से प्रदर्शित कर सकता है जो संक्रमित है। तकनीक केवल फेफड़े के क्षेत्र से व्याख्या करती है।
आईआईटी जोधपुर ने उल्लेख किया, “विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम न केवल यह अनुमान लगाता है कि सीएक्सआर में कोविड-19 निमोनिया है या नहीं, बल्कि यह फेफड़ों में संक्रमित क्षेत्रों का पता लगाने में भी सक्षम है।”
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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