पैसे का पीछा करो

एक मित्र, एस के त्रिपाठी, ने संयोग वश, या कहिए के भाग्य वश, निमित्त वश, पैसे का पीछा किया, और पूरी गुत्थी एक साथ सुलझ गयी

0
852
पैसे का पीछा करो
पैसे का पीछा करो

अमेरिका का एक बहुत ही प्रसिद्ध वाक्य है ये। कि हर अपराध, हर स्कैम की जड़ तक पहुँचना है तो कही से भी पैसे का कोई सिरा पकड़ लीजिए, और चलते चले जायिये, सारे ऐक्टर्ज़ बेनक़ाब हो जाएँगे।

चिंतन से बढ़कर कुछ नही है दुनिया में। हिंदुओं की दशा पर चिंतन करते हुए कुछ बातें थी जो किसी भी पैटर्न में फ़िट नही होती थी। संस्कृत व गणित के रचिएता, शस्त्र पूजक, कथोपनिषद के लेखक, अष्टवक्र गीता व गीता की धरोहर वाले लोग, ना केवल ग़ुलाम रहे, बल्कि आज भी ग़ुलाम ही है उन लोगों के, जो राज तो उन पर व उनके देश पर करते है, लेकिन न केवल उनसे व उनके धर्म से घृणा करते है, बल्कि उनके देश से भी घृणा करते है; व उन्हें, उनके धर्म को, व उनके देश को नष्ट करने की भी पुरज़ोर कोशिश कर रहे है।

फिर एक मित्र, एस के त्रिपाठी, ने संयोग वश, या कहिए के भाग्य वश, निमित्त वश, पैसे का पीछा किया, और पूरी गुत्थी एक साथ सुलझ गयी- हज़ार साल की ग़ुलामी की गुत्थी, आज की भयानक ग़रीबी की गुत्थी, आज की दुर्दशा व सामने खड़े पतन की गुत्थी।

कुछ चीज़ें सामने होती है हमेशा, लेकिन कभी दिखती नही है। क्यूँकि हमेशा आपकी आँखों के सामने विक्षेपक (deflector) रख दिया जाता है उन लोगों द्वारा जो नही चाहते कि आप देखे। जितनी बार आपकी दृष्टि उधर जाएगी, डिफ़्लेक्ट हो जाएगी। आप वो देखेंगे जिस से असली कारण हमेशा आपकी दृष्टि से दूर ही रहेगा।

अमेरिका ने एक स्टील्थ बॉम्बर बनाया हुआ है। विमान होता है लेकिन रडार को दिखायी नही देता। बम वर्षा करके चला जाता है।

लेकिन इसमें अमेरिका वाले बहुत पीछे है हिंदुओं के एक वर्ग से। सेकडो सालों से हिंदुओं को कालीन बमबारी(carpet bombing) कर नष्ट कर रहा है हिंदुओं के बीच का एक वर्ग, और किसी को दिखायी नही देता। बिलकुल स्टील्थ बॉम्बर की भाँति।
पैसे का पीछा करो (Follow the money.)

चिंतन करे।
(Hint: सूदखोरी)

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.