सरकार ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के पीछे की मंशा का खुलासा किया

बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कुछ राज्यों में सीमा से 50 किमी तक बढ़ा दिया गया है

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सरकार ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के पीछे की मंशा का खुलासा किया
सरकार ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के पीछे की मंशा का खुलासा किया

सरकार ने कहा, कुछ राज्यों में ड्रोन, यूएवी का मुकाबला करने के लिए बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ा

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को कुछ राज्यों में सीमा से 50 किमी तक बढ़ा दिया गया है, जिसका उद्देश्य ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग के मद्देनजर इसे अपने कर्तव्यों का अधिक प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए सशक्त बनाना है। मंगलवार को संसद को यह जानकारी दी गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भाजपा के वरुण गांधी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि आमतौर पर लंबी दूरी के इन ड्रोन और यूएवी का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) की तस्करी की निगरानी के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इससे मवेशियों की तस्करी के खतरे को रोकने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि तस्कर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र से बाहर के अंदरूनी इलाकों में शरण लेते हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि बीएसएफ अधिनियम, 1968 की धारा 139 (3) के तहत आवश्यकतानुसार इन अधिसूचनाओं को 30 नवंबर को लोकसभा के पटल पर रखा गया है।

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गृह मंत्रालय ने 11 नवंबर, 2021 को सरकारी अधिसूचना द्वारा पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के अंदर बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया था, जबकि इसे गुजरात में अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के अंदर 80 किमी से घटाकर 50 किमी कर दिया गया था।

विपक्ष द्वारा शासित राज्यों ने इन फैसलों पर आपत्ति जताते हुए इसे राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति में हस्तक्षेप करने का प्रयास बताया था। पश्चिम बंगाल और पंजाब सरकारों ने केंद्र के फैसले के खिलाफ अपनी विधानसभाओं में एक प्रस्ताव पारित किया है, जबकि असम और गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

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