सीआईआई ने की टैक्स स्लैब में संशोधन की मांग, बढ़ती महंगाई को बताई वजह

सीआईआई ने वित्त वर्ष 24 में पूंजीगत खर्च को जीडीपी के 3.3-3.4% तक बढ़ाने की भी सिफारिश की है जो वर्तमान में 2.9% है।

0
792
सीआईआई
सीआईआई

सीआईआई की मांग का क्या होगा असर, क्या आम जनता को राहत मिलेगी?

अगले साल पेश होने वाले आम बजट की तैयारियों को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी है। बढ़ती महंगाई से आम आदमी को राहत देने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने डिमांड में सुधार के लिए इनकम टैक्स में कटौती की मांग की है। उद्योग जगत की इस संस्था ने यह सिफारिश रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और चीन की आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए कही है। क्योंकि दुनिया की अहम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ने इन घटनाक्रमों के बाद वैश्विक आर्थिक दर को लेकर निराश करने वाले अनुमान लगाए हैं।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सीआईआई ने सभी एक्सपोर्ट प्रोडक्ट पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना के तहत कवर करने की सिफारिश की है, जो विभिन्न एम्बेडेड करों के खिलाफ रिफंड प्रदान करता है। शनिवार को केंद्र ने लौह अयस्क और कई इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क को खत्म करने का फैसला किया है।

सीआईआई ने उपभोग की मांग बढ़ाने को लेकर नागरिकों के लिए आयकर स्लैब और दरों को युक्तिसंगत बनाने, चुनिंदा उपभोक्ता वस्तुओं पर 28% जीएसटी दर को कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सुविधा के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने जैसी नीतियों को लागू करने का सुझाव दिया है।

सीआईआई ने वित्त वर्ष 24 में पूंजीगत खर्च को जीडीपी के 3.3-3.4% तक बढ़ाने की भी सिफारिश की है जो वर्तमान में 2.9% है। पिछले केंद्रीय बजट में पूर्व वित्तीय वर्ष से 35.4% की वृद्धि के साथ पूंजीगत व्यय में 7.5 ट्रिलियन रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई थी। ट्रेजरी ने बताया है कि टैक्स कलेक्शन में सुधार से यह संख्या ₹10 ट्रिलियन तक पहुंच सकती है।

सीआईआई ने कहा, “आयकर अधिनियम की धारा 115बीएबी के तहत निर्माण शुरू करने की समाप्ति तिथि को वर्तमान 31 मार्च 2024 से 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया जाना चाहिए इससे विनिर्माण क्षेत्र और निर्यात में अधिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा।”

बजट में फेसलेस अपील, एडवांस प्राइसिंग एग्रीमेंट (एपीए) मैकेनिज्म, एडवांस रूलिंग बोर्ड (बीएआर) और विवाद समाधान योजना (डीआरएस) जैसे महत्वपूर्ण विवाद समाधान तंत्रों के तेजी से कामकाज को बढ़ावा देना चाहिए।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.