
पांच साल से अधिक समय के बाद (एक बार फिर पढ़ें – पांच साल से अधिक समय के बाद) दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) को दो करोड़ रुपये के विवादास्पद आधी रात के हवाला लेनदेन के सिलसिले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोग फर्जी खोल (शेल) कंपनियों के मालिक मुकेश कुमार और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधांशु बंसल हैं[1]। इस मामले में जांच देरी के कारण एक शर्मनाक मामला है, पांच साल पहले पैसों के लेन-देन का सारा ब्यौरा सामने आया था और यह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर इशारा कर रहे थे। केंद्रीय एजेंसियों को इतना समय क्यों लगा?
क्या है आप (एएपी) का 2 करोड़ रुपए का आधी रात का हवाला मामला?
आम आदमी पार्टी को, अप्रैल 2014 के दौरान लोकसभा चुनावों में ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से आधी रात को चार शेल कंपनियों से 50-50 लाख रुपये प्राप्त हुए। यह आम आदमी पार्टी के विद्रोहियों द्वारा जनवरी 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान उजागर हुआ। एक सप्ताह के भीतर, मीडिया ने बताया कि ये सभी चार शेल कंपनियाँ एसकेएस एसोसिएट्स नाम के एक समूह की मालकियत में है, यह समूह टैक्स डिफॉल्ट यानी कर धोखाधड़ी (दिल्ली सरकार का वैट टैक्स) का सामना कर रहा है[2]।
राजनीति में, प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच इस तरह के सौदे होते हैं। पांच साल से अधिक की इस देरी का कोई और औचित्य नहीं है।
कर धोखाधड़ी का हवाला देते हुए और उक्त कर धोखाधड़ी करने वाले से पैसा इकट्ठा करते हुए, 2016 और 2017 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पहले उपराज्यपाल नजीब जंग और बाद में अनिल बैजल के पास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ अभियोजन के लिए अभियोग दायर किया, मनीष सिसोदिया दिल्ली राज्य के वित्त मंत्री भी थे। हालांकि नजीब जंग ने कार्रवाई नहीं की, अगले उपराज्यपाल बैजल ने एजेंसियों से मामले की जांच करने को कहा[3]।
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हालांकि, उपराज्यपाल ने केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी को अभियोजन की मंजूरी नहीं दी। एक और सवाल जिसका जवाब दिया जाना है की, केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार द्वारा इतने स्पष्ट मामले में यह मंजूरी क्यों नहीं दी गयी? 2017 के अंत तक, आम आदमी पार्टी के बागी कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के हवाला पैसे के लेनदेन और अवैध धन प्रदाता मुकेश कुमार के बारे में अधिक जानकारी उजागर की। आज (21 अगस्त, 2020) दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया:
3 years back I went to media and exposed Hawala & Black Money in AAP
NDTV presented a guy named Mukesh Kumar to prove me wrong and to make a Kejriwal a hero
Today Mukesh Kumar is arrested for Hawala & Black Money
सत्यमेव जयते pic.twitter.com/Lq07mO8S5U— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 21, 2020
यह एक पेचीदा सवाल है कि केंद्रीय एजेंसियों ने इतने स्पष्ट हवाला पैसे के लेन देन के मामले में पांच साल से अधिक की देरी क्यों की? इसका एकमात्र उत्तर है: राजनीति में, प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच इस तरह के सौदे होते हैं। पांच साल से अधिक की इस देरी का कोई और औचित्य नहीं है। मीडिया भी चुप रहा क्योंकि आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार विज्ञापनों की भारी खेप दे रही थी।
संदर्भ:
[1] Delhi: 2 held for donating Rs 2 crore to AAP through shell companies – Aug 21, 2020, Outlook
[2] Hawala at Midnight: AVAM has a bone to pick with AAP as more skeletons tumble out – Feb 04, 2015, The Pioneer
[3] Swamy rakes up his Sanction for Prosecution against Kejriwal and Sisodia – May 8, 2017, PGurus.com
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