डब्ल्यूएचओ ने 4 भारतीय सीरप को बताया जानलेवा, होगी जांच!

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से इन सभी मौतों के ल‍िए मेड-इन-इंडिया कफ सीरप की जांच की जा रही है।

0
347
डब्ल्यूएचओ ने 4 भारतीय सीरप को बताया जानलेवा, होगी जांच!
डब्ल्यूएचओ ने 4 भारतीय सीरप को बताया जानलेवा, होगी जांच!

डब्ल्यूएचओ ने गाम्बिया में पाई गईं 4 दूषित दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया

हर‍ियाणा स्‍थ‍ित मेडन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की ओर से कफ एंड कोल्ड सीरप बनाया जाता है। इसकी सप्‍लाई (न‍िर्यात) अफ्रीकी देश गाम्बिया में भी की जाती है। इस कफ सीरप के पीने से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि भारत की मेडन फार्मास्युटिकल कंपनी ने चार कफ एंड कोल्ड सीरप बनाए थे। ये मौतें इसी से हुईं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से इन सभी मौतों के ल‍िए मेड-इन-इंडिया कफ सीरप की जांच की जा रही है।

डब्ल्यूएचओ ने गाम्बिया में पाई गईं 4 दूषित दवाओं को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। संभव है कि इसका संबंध किडनी की गंभीर बीमारी और 66 बच्चों की मौत से हो। युवा जिंदगियों का जाना उनके परिवारों के लिए सदमा है। डब्ल्यूएचओ के अलर्ट में कहा गया है कि मेडन फार्मासियूटकल्स लिमिटेड के चार कफ सीरप की वजह से गाम्‍बिया देश में 66 बच्चों की मौत का आरोप है, ज‍िसकी जांच जारी है।

बताया गया है क‍ि भारत के हरियाणा में बनी ये कफ सीरप घातक केमिकल से दूषित हैं और बेहद घटिया क्वालिटी की हैं। पता चला है कि इन दवाओं में सीमा से ज्यादा डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल हैं। ये दोनों ही रसायन इंसान के शरीर के लिए घातक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ की इस जांच पर स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है क‍ि 29 सितंबर को डब्ल्यूएचओ ने डीसीजीआई (नेशनल ड्रग रेगुलेटर ऑफ इंडिया) को डायथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित दवाओं के बारे में बताया गया।

सीडीएससीओ (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) ने तुरंत मामले को संबंधित राज्य नियामक प्राधिकरण के साथ उठाया और डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा की गई उपलब्ध जानकारी के आधार पर विस्तार से जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मेसर्स मेडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड, सोनीपत, हरियाणा का एक निर्माता है और अब तक इन प्रोडक्ट को सिर्फ अफ्रीकी देश गाम्बिया को निर्यात किया है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा प्राप्त किए गए 23 नमूनों में से अस्थायी परिणामों के अनुसार, 4 नमूनों में डायथाइलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है, जैसा कि संकेत दिया गया है। डब्ल्यूएचओ की ओर से यह भी बताया गया है कि विश्लेषण का प्रमाण पत्र निकट भविष्य में डब्ल्यूएचओ को उपलब्ध कराया जाएगा और डब्ल्यूएचओ इसे भारत के साथ साझा करेगा।

साथ ही, डब्ल्यूएचओ द्वारा डेथ का सटीक कारण अभी तक आधिकारिक तौर पर साझा नहीं किया गया है। और ना ही डब्ल्यूएचओ द्वारा सीडीएससीओ के साथ लेबल/उत्पादों का विवरण साझा किया गया है, जिससे इस प्रोडक्ट के निर्माण के सोर्स की पुष्टि की जा सके।

सूत्र बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ से आग्रह क‍िया गया है कि वो संबंधित मेडिकल प्रोडक्ट, लेबल/उत्पादों आदि की तस्वीरों के साथ डेथ की सटीक वजह पर रिपोर्ट सीडीएससीओ के साथ जल्द से जल्द साझा करे। बताते चलें क‍ि 66 मौतों के बाद से गाम्बिया में हाहाकार मचा हुआ है। लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा।

अस्पतालों में भीड़ बढ़ने से अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अब किसी भी तरह के सीरप को लेने से पहले जांच करा लें। मेडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड के उत्पाद से दूर रहें। गाम्बिया में बच्चों को अचानक सर्दी-खांसी हुई तो सभी ने मेडन फार्मास्युटिकल का कफ एंड कोल्ड सीरप पिया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह भारतीय कंपनी वहां किस स्तर पर अपने उत्पादों की बिक्री करती है।

[आईएएनएस इनपुट के साथ]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.