सर्वाइकल कैंसर पर असरदार होगी क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन
भारत को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ आज पहली स्वदेशी वैक्सीन मिल गई है। इसका नाम ‘क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी)’ है। इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी) ने मिलकर बनाया है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और (एसआईआई) के प्रमुख अदार पूनावाला ने गुरुवार को यह वैक्सीन लॉन्च की।
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स के सेल्स (कोशिकाओं) को इफेक्ट करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है, यह वजाइना से ही जुड़ा होता है। कैंसर इस हिस्से के सेल्स को इफेक्ट करता है। सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के अलग-अलग तरह की स्ट्रेन्स की वजह से होते हैं। एचपीवी एक आम यौन रोग है, जो जननांग में मस्से के रूप में दिखता है। फिर धीरे-धीरे यह सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल देता है।
पूनावाला ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वैक्सीन की कीमत को लेकर भारत सरकार से चर्चा की जा रही है। हालांकि, यह टीका सस्ता होगा और इसकी कीमत 200 से 400 रुपए के बीच होगी। फिलहाल वैक्सीन की रिसर्च और डेवलपमेंट से जुड़ा सारा काम हो गया है और अब इसे बाजार में उतारने की तैयारी जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई ) के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा- भारत में निर्मित वैक्सीन को लॉन्च करना रोमांच से भरा हुआ है। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी बेटियां और पोतियां इस बहुप्रतीक्षित वैक्सीन को अब प्राप्त कर पाएंगी।
डॉ अरोड़ा ने आगे कहा- यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर पर बहुत असरदार है और यह वैक्सीन इस कैंसर को रोकता है। 85-90% मामलों में सर्वाइकल कैंसर वायरस की वजह से होता है। यह वैक्सीन उस वायरस के खिलाफ है। अगर इस वैक्सीन को हम अपने छोटे बच्चों और बेटियों को लगाते हैं, तो वह इसके संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी और हो सकता है कि देश में 30 साल के बाद कैंसर न हो।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी-डबल्यूएचओ) के मुताबिक भारत में सर्वाइकल कैंसर के 1.23 लाख मामले हर साल आते हैं। इसमें करीब 67,000 महिलाओं की जान चली जाती है। यह कैंसर देश में महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। उधर, दुनिया की बात करें तो सर्वाइकल कैंसर में भारत का नंबर 5वां है। साथ ही यह बीमारी 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी सबसे कॉमन वजह है।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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