तालिबान ने अफगान सिखों और हिंदुओं को अफगानिस्तान छोड़ने से रोका
कंधार और हेरात में दो भारतीय वाणिज्य दूतावासों में तोड़फोड़ और लूटपाट करने के कुछ दिनों बाद, तालिबान ने शनिवार को घर लौटने की उम्मीद लगाए बैठे 150 भारतीय नागरिकों को हिरासत में ले लिया। उनसे काबुल हवाई अड्डे के पास पूछताछ की गई और बाद में उन्हें हवाई अड्डे में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। हालांकि रिपोर्ट्स आई हैं कि, 60 से 70 अफगान सिखों और हिंदुओं को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गयी। अफगान सिखों और हिंदुओं को अनुमति नहीं देने पर, यह पता चला कि तालिबान ने इस समूह को वापस जाने के लिए कहा क्योंकि वे कई घंटों से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे थे। तालिबान लड़ाकों ने उनके पासपोर्ट की जांच करके हवाईअड्डे में उनके प्रवेश को रोका और उनसे कहा कि चूंकि वे अफगान नागरिक हैं इसलिए उन्हें वापस जाना होगा।
इस बीच, आईएएफ सी-130जे (IAF C-130J) परिवहन विमान में 80 भारतीयों का एक जत्था काबुल से नई दिल्ली पहुंचने वाला है। भारतीय राजनयिकों ने शनिवार को कहा कि हवाईअड्डे पर इंतजार कर रहे 150 भारतीयों के समूह को निकालने के लिए एक विमान काबुल जाएगा। अफगानिस्तान की संसद के दो अल्पसंख्यक सदस्यों सहित इस समूह को भारतीय वायुसेना के एक विमान द्वारा बाहर लाया जाना था, जो अब 80 भारतीय नागरिकों के साथ घर जा रहा है।
कुछ दिनों पहले तालिबान ने कंधार और हेरात में दो भारतीय वाणिज्य दूतावासों में तोड़फोड़ और लूटपाट की थी और परिसर में खड़े वाहनों को ले गए थे।
भारतीयों को निकालने के बाद विमान ताजिकिस्तान के दुशांबे में उतरा, उन्होंने कहा, उड़ान दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर पहुँचेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के विमान काबुल जाने के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का चक्कर लगा रहे हैं। तालिबान द्वारा 150 भारतीयों को हिरासत में लिए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय अधिकारियों ने कहा कि काबुल में सभी भारतीय सुरक्षित हैं और “अधिकारी उनके संपर्क में हैं”।
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अधिकारियों ने कहा – “उन्हें दोपहर के भोजन की पेशकश की गई और अब वे काबुल हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए हैं।” उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए भारतीय अधिकारियों का एक दल पहले से ही काबुल में था।
भारत ने रविवार को काबुल पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद भारतीय वायुसेना के दो सी-17 भारी-भरकम परिवहन विमानों में भारतीय दूत और काबुल में अपने दूतावास के अन्य कर्मचारियों सहित 200 लोगों को पहले ही निकाल लिया है। पहली निकासी उड़ान ने सोमवार को 40 से अधिक भारतीयों को वापस लाया था। दूसरे सी-17 विमान ने मंगलवार को भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, चार पत्रकारों और कुछ फंसे भारतीयों समेत करीब 150 लोगों को सुरक्षित निकाला था।
उन्होंने कहा कि चूंकि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अमेरिकी बलों का नियंत्रण है, इसलिए दोनों देशों के नेताओं के बीच उच्च स्तरीय बातचीत से भारतीय राजनयिक कोर के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित हुआ और भारतीय सी-17 की सुरक्षित लैंडिंग और टेक-ऑफ हो सका। निकासी के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब ध्यान अफगान राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा। भारत में विकास कार्यों में लगे निजी कंपनियों और ठेकेदारों के साथ काम करने वाले कई भारतीय वहाँ हैं। भारत के कई एनजीओ कर्मचारी भी अफगानिस्तान में हैं। निकासी कार्य में लगे एक राजनयिक ने कहा – “भारत सरकार के लिए तत्काल प्राथमिकता अफगानिस्तान में वर्तमान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना है। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों के साथ-साथ उनके नियोक्ताओं (जहाँ वे काम करते थे) से भी विशेष अफगानिस्तान सेल के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करने का आग्रह किया।”
जहां एक अनुमान के मुताबिक वहां काम करने वाले भारतीयों का आंकड़ा 1,000 से 1,500 है, वहीं दूसरे अनुमान से संकेत मिलता है कि करीब 400 भारतीय वहां फंसे हुए हैं और बाहर निकलना चाहते हैं। कुछ दिनों पहले तालिबान ने कंधार और हेरात में दो भारतीय वाणिज्य दूतावासों में तोड़फोड़ और लूटपाट की थी और परिसर में खड़े वाहनों को ले गए थे।[1]
संदर्भ:
[1] बर्बर तालिबान ने कंधार और हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास में लूटपाट की। वाणिज्य दूतावासों में खड़ी कारों को ले गए – Aug 21, 2021, hindi.pgurus.com
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